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हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने राष्टपति, उप -राष्टपति  से की मुलाकात, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखा पत्र।   

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल की मार्फत एक पत्र केन्द्रीय गृह मंत्री  अमित शाह को लिखा है। इस पत्र में उन्होंने पंचकूला और अम्बाला जिला के महाविद्यालयों को पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से मान्यता देने के लिए आग्रह किया है। पत्र के अनुसार उन्होंने कहा कि गत दिनों पंचकूला जिले के कॉलेजों में पढ़ रहे छात्र उनसे मिले थे और छात्रों ने आग्रह किया की कि पंचकूला जिले के कॉलेजों की मान्यता पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से नहीं है। इसलिए उन्हें या तो चंडीगढ़ के कॉलेजों में पढऩे के लिए जाना पड़ता है या फिर पंजाब के लुधियाना,होशियारपुर, मुक्तसर में जाना पड़ता है,जोकि पंजाब विश्वविद्यालय ,चण्डीगढ़ से मान्य हैं। इसलिए इस विश्वविद्यालय की शिक्षा ग्रहण करने के लिए अधिक खर्च उठाना पड़ता है और उन्हें विभिन्न विषयों में दाखिला लेने के उनके हक से वंचित होना पड़ता है।   

Haryana Vidhan Sabha Speaker Mr Gian Chand Gupta, presenting a bouquet to the Vice President of India, Mr M. Venkaiah Naidu at New Delhi on November 9,2019

ज्ञान चंद गुप्ता ने पत्र में जिक्र किया है कि पंजाब रि-आर्गेनाइजेशन एक्ट, 1966 की धारा 72 व उपधारा 3 व 4 के अनुसार चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा की संयुक्त सम्पति है। इसलिए हरियाणा राज्य ने विश्वविद्यालय के सीनेट व सिंडीकेट की गविर्निंग बॉडी को एक प्रस्तुति भी दी थी कि अक्तूबर, 1997 से तत्कालीन हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री बंसी लाल के कार्यकाल के दौरान से इस प्रणाली को अपनाया नहीं जा रहा है, जबकि हरियाणा सरकार पंजाब विश्वविद्यालय के बजट में अपना हिस्सा प्रति वर्ष 10 से 20 करोड़ रुपये या 60:40 के अनुपात में समय-समय पर मुहैया करवा रही है। उन्होंने पत्र में कहा है कि यदि पंचकूला और अम्बाला जिलों के कॉलेज पंजाब विश्वविद्यालय से मान्य होंगे तो विश्वविद्यालय का राजस्व, दाखिला फीस और परीक्षा फीस इत्यादि की वजह से बढ़ेगा।



उन्होंने पत्र में यह भी स्मरण करवाया कि पंजाब रि-आर्गेनाइजेशन एक्ट, 1966 के अनुसार कईं मायनों में हरियाणा राज्य का यह पूर्ण अधिकार है परंतु इसे नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि पंजाब विश्वविद्यालय का वास्तविक स्तर पुन: बहाल होता है तो हरियाणा राज्य को अपना हिस्सा मिलेगा और इससे हरियाणा को कईं प्रकार के लाभ मिलने के साथ-साथ आसपास के छात्रों का भविष्य भी उज्जवल होगा। यहां यह उल्लेखनीय है कि इस सम्बन्ध में माननीय उप राष्ट्रपति से भी हरियाणा विधान सभा के अध्यक्ष ने औपचारिक मुलाकात के दौरान अपनी ये मांग रखी तो उप राष्ट्रपति ने आश्वस्त किया कि इस सम्बन्ध में हर सम्भव कदम उठाया जाएगा। 

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