अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश ने बीते दिन गाजीपुर बॉर्डर पर उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश सचिव अमित वाल्मीकि पर हुए हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आन्दोलन की आड़ में हो रहे जातिगत हमले निंदनीय है । किसान आन्दोलन के नाम पर कभी ब्राह्मणों पर और कभी दलितों पर हो रहे हमले तथाकथित किसान संगठन के नेताओं की मंशा पर सवाल खड़े कर रहे है । उन्होंने कहा किसान आन्दोलन की आड़ में आए दिन तरह-तरह की घटनाएँ सुनने को मिल रही है । लोकतान्त्रिक व्यवस्था में आन्दोलनों की आड़ लेकर अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सारे नियमों को ताक पर रखना ठीक नहीं । उन्होंने कहा कि किसानों के नाम पर हो रहे आन्दोलन अपनी दिशा से भटक रहे है ।
प्रदेश प्रवक्ता डॉ. राकेश ने कहा कि अमित वाल्मीकि के साथ हुई घटना ये बतलाती है कि किसान आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे राकेश टिकैत जैसे स्वयंभू नेताओं ने अपने राजनीतिक एजेंडे को साधने के लिए किस तरह किसनों के कंधे का इस्तेमाल कर रहे है। किस तरह राकेश जैसे नेता अलग अलग जातियों पर अपने विवादित बयानों पर सुर्खियाँ बटौरकर समाज में विद्वेष पैदा करना चाहते है। जिससे की उनके छिपे हुए राजनीतिक हितों की पूर्ति हो सके। उन्होंने कहा कि जातिगत दुर्भावना फैलाने के इन नेताओं के एजेंडे को दलित समाज भली-भाति समझता है। दलितों को लेकर किसान संगठन के नेताओं की मानसिकता का प्रमाण अमित वाल्मीकि पर हुए हमले से दिख रहा है। उन्होंने कहा कि दलितों पर किसी भी तरह के हमले बर्दास्त करने के लायक नहीं है। इस घटना को लेकर हरियाणा से दलित समाज का एक शिष्टमंडल राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग जाएगा । इन तथाकथित नेताओं का किसानों के नाम पर जनता को अराजकता की तरफ ले जाने के लिए भड़काऊ भाषणों और अलोकतांत्रिक भाषा का प्रयोग किसी से छिपा नहीं है । किसानों के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा समर्थन के योग्य नहीं है। डॉ राकेश ने कहा कि उन्होंने कहा कि किसानों के कल्याण के लिए मोदी और मनोहर सरकार दिन-रात काम कर रही है। एम एस पी में बढ़ोतरी से लेकर किसानों की फसल की सुरक्षा तक हर पक्ष पर मोदी सरकार ने काम किया है। किसान की खेती जोखिम मुक्त होकर लाभ का व्यवसाय बने इस दिशा में निरंतर निर्णय लिए जा रहे है । उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल जिनका राजनीतिक अस्तित्व मोदी सरकार आने के बाद खतरे में आ गया ।अपने एजेंडे के लिए वे अब किसान संगठन और किसान आन्दोलन को आगे करके काम कर रहे है।
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