अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
हरियाणा: एक तरफ जहां कांग्रेस जैसी ग्रैंड ओल्ड पार्टी पिछले सात सालों से हरियाणा में संगठन का गठन तक नहीं कर पाई है,वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने एक ऐसी कार्यकारिणी बनाई है, जिसमें आगामी वर्षों में राजनीतिक सुधार के साथ-साथ सामाजिक व सांस्कृतिक उत्थान और प्राकृतिक संरक्षण के लिए एक निर्धारित लक्ष्य दिखाई देता है। इस बार हरियाणा भाजपा की कार्यकारिणी को ध्यान से देखा जाए तो ये साफ होता है कि प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने लीक से हटकर इसे न केवल ऐतिहासिक रूप से सबसे बड़ा बनाया है, बल्कि इसमें सामाजिक और प्राकृतिक सेवा के उद्देश्यों का भी समावेश किया है। आंकड़ों की दृष्टि से भी देखें तो पता चलता है कि ओम प्रकाश धनखड़ ने अपनी कार्य कारिणी में पिछली सभी कार्यकारिणियों के मुकाबले ज्यादा कार्यकर्ताओं को स्थान देकर उन्हें काम करने का मौका दिया है।
धनखड़ के प्रदेश अध्यक्ष बनने से पहले वर्ष 2019 में 256 कार्यकर्ताओं को प्रदेश की कार्यकारिणी में स्थान मिला हुआ था, लेकिन प्रदेश भाजपा की कमान ओमप्रकाश धनखड़ के हाथ में आने के बाद जो कार्यकारिणी बनी है, उसमें 360 से अधिक कार्यकर्ताओं के नाम हैं। यानि पिछली कार्यकारिणी के मुकाबले लगभग 100 से अधिक ऐसे कार्यकर्ताओं को धनखड़ ने पार्टी में दायित्व दिया है, जिनके पास प्रदेश में सीधे-सीधे पार्टी का कोई भी दायित्व नहीं था। पार्टी में विभागों और प्रकोष्ठों के गठन की बात करें तो ओमप्रकाश धनखड़ की कार्यप्रणाली पर आरएसएस की कार्यप्रणाली का असर साफ दिखता है। जिस तरह से संघ अपने कार्यक्रमों में सामाजिक सद्भावना एवं पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए स्वयंसेवकों को कार्य सौंपता है, ठीक वैसे ही सामाजिक, प्राकृतिक और सद्भावना को प्राथमिकता में रखते हुए ओमप्रकाश धनखड़ ने पार्टी में नए विभागों और प्रकोष्ठों का गठन कर सबसे अधिक कार्यकर्ताओं को प्रदेश कार्यसमिति में स्थान दिया है।पिछली कार्यसमिति में पार्टी का काम करने के लिए केवल 12 विभाग थे, लेकिन अपनी कार्यकारिणी में धनखड़ ने 15 और नए विभागों का गठन कर दिया है। यानी वर्तमान में अब तक कुछ 27 विभागों का निर्माण कर उनके पदाधिकारियों की घोषणा की जा चुकी है। इसी तरह पिछली बार पार्टी में प्रकोष्ठों की संख्या भी मात्र 14 थी,
लेकिन इस बार इन प्रकोष्ठों की संख्या बढ़ाकर 20 कर दी गई है। ऐतिहासिक रूप से अधिक विभागों और प्रकोष्ठों के गठन के पीछे संघ से प्रभावित रही धनखड़ की सोच को माना जा रहा है। क्योंकि धनखड़ ने जिन नए विभागों का गठन किया है, उनमें “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, आजीवन सहयोग निधि, संत एवं डेरा समन्वय जैसे विभाग उनकी सामाजिक सोच के ही परिचायक है। जबकि ” नमामि यमुना”, “स्वच्छता अभियान”, ” भूमिगत जल संरक्षण”,” पर्यावरण संरक्षण” आदि विभाग प्रदेश अध्यक्ष की पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने की उनकी इच्छाशक्ति को दर्शाते हैं। ठीक इसी तरह ओमप्रकाश धनखड़ द्वारा बनाए गए “सेवा प्रकोष्ठ” और “एनजीओ प्रकोष्ठ” भी जरूरतमंदों के प्रति उनकी इस सेवा भावना को ही उजागर करते हैं कि राजनीति केवल सेवा का माध्यम है। जानकारों का मानना है कि ओमप्रकाश धनखड़ शुरू से ही आरएसएस के प्रति असीम आस्था रखते हैं। यही कारण है कि उन्होंने भाजपा की कार्यकारिणी के गठन में भी ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने का काम किया और उनको दायित्व देकर समाज सेवा व पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया है। ओमप्रकाश धनखड़ की मानें तो भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है, जो भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर कार्यकर्ता तैयार कर रही है। पार्टी द्वारा गठित विभिन्न विभागों और प्रकोष्ठों में सामाजिक सरोकार के कार्य करने वाले कार्यकर्ता, भविष्य में जब भी चुनकर विधानसभा या लोकसभा में पहुंचेंगे तो उनका पूरा प्रशिक्षण भी हो चुका होगा और वे राजनीति में रहकर जनभावनाओं के मुताबिक बेहतर परफॉर्म कर पाएंगे।
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अध्यक्ष ने पार्टी की मजबूती के लिए अति महत्वपूर्ण पदों की संख्या भी बढ़ाई
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ अपनी कार्यकुशलता के बल पर पार्टी को और अधिक मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण पदों की संख्या बढ़ाने से भी नहीं झिझके। पिछली प्रदेश कार्यसमिति में 4 उपाध्यक्ष थे, लेकिन इस बार धनखड़ की अध्यक्षता वाली प्रदेश कार्यसमिति में 7 उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। इसी तरह पिछली कार्यसमिति में 6 मंत्री, 3 सह प्रवक्ता, 79 कार्यकारिणी सदस्य, 26 स्थाई आमंत्रित सदस्य और 33 विशेष आमंत्रित सदस्य थे, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने इस बार अब तक 7 प्रदेश मंत्री, 5 सह प्रवक्ता, 125 कार्यकारिणी सदस्य, 28 आमंत्रित सदस्य, 61 विशेष आमंत्रित सदस्य अपनी टीम में लिए हैं। पार्टी अध्यक्ष का यही अंदाज कार्यकर्ताओं को पसंद भी आ रहा है।
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