अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा को डेटा सेंटर उद्योग के स्थल के रूप में विकसित करने और हरियाणा को वैश्विक डेटा सेंटर हब के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से हरियाणा राज्य डाटा सेंटर नीति, 2022 को स्वीकृति प्रदान की गई। हरियाणा का मजबूत आईटी ईको सिस्टम, अत्यधिक मांग आधार, बिजली की अच्छी उपलब्धता और उत्तर भारत में स्थानीय लाभ यहां डेटा सेंटर उद्योग के विकास के लिए सुविधाजनक हैं।
इस नीति का उद्देश्य दुनिया के मुख्य उद्यमियों को उद्योग व व्यापार वातावरण प्रदान करके आकर्षित करना और हरियाणा में 115-120 नए डाटा सेंटर की स्थापना की सुविधा प्रदान करना है। इन डाटा सेंटरों के स्थापित होने से 7500 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है। हरियाणा में स्थापित 01 मेगावाट और उससे अधिक बिजली की खपत करने वाला कोई भी डाटा सेंटर इस नई नीति के तहत विभिन्न लाभों का लाभ उठाने के लिए पात्र होगा।
इस नीति के प्रमुख लाभ :
एसजीएसटी प्रतिपूर्ति -ए और बी श्रेणी के ब्लॉकों में 10 वर्षों की अवधि के लिए कुल एसजीएसटी की 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति और सी व डी श्रेणी के ब्लॉकों में 10 वर्षों की अवधि के लिए कुल एसजीएसटी की 75 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति होगी। बिजली बिल में प्रतिपूर्ति – हरियाणा के डिस्कॉमस द्वारा बिजली खपत के बिजली बिल में 3 साल की अवधि के लिए कुल एसजीएसटी के 25 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति होगी। स्टाम्प शुल्क प्रतिपूर्ति – डेटा सेंटर की स्थापना के लिए बिक्री/पट्टा विलेखों पर भुगतान किए गए स्टाम्प शुल्क की शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति होगी। बिजली शुल्क छूट – 20 साल की अवधि के लिए बिजली शुल्क से शत-प्रतिशत छूट की अनुमति होगी। रोजगार सृजन सब्सिडी – 10 वर्षों की अवधि के लिए 48,000 रुपये प्रति वर्ष रोजगार सृजन हेतु डेटा सेंटर सब्सिडी के लिए पात्र होंगे।
संपत्ति कर – राज्य में संचालित डाटा केंद्रों के लिए संपत्ति कर औद्योगिक दरों के बराबर होगा। हरियाणा बिल्डिंग कोड – हरियाणा सरकार डेटा सेंटर से संबंधित बुनियादी ढांचे को हरियाणा बिल्डिंग कोड के तहत एक अलग इकाई के रूप में शामिल करेगी, जो एफएआर में छूट और बिल्डिंग डिजाइन तथा निर्माण मानदंड प्रदान करेगी। निर्माण के लिए ग्राउंड कवरेज की अनुमति प्लॉट क्षेत्र के 60 प्रतिशत की दर से दी जाएगी; एफएआर 5 तक होगा, खिड़कियों और पार्किंग क्षेत्र की आवश्यकता केवल वास्तविक जरूरतों के अनुसार होगी; बिजली जनरेटर/डीजी सेटों को जी+4 स्तरों तक स्थापित करने की अनुमति होगी; रूफ टॉप चिल्लर की अनुमति होगी और अतिरिक्त एक मीटर वाई फेसिंग के साथ 3.6 मीटर ऊंचाई की चारदीवारी की भी अनुमति होगी।
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अवसंरचना उद्योग – हरियाणा सरकार डेटा सेंटर्स को एक अलग अवसंरचना उद्योग घोषित करेगी। ऊर्जा सघन उद्योग – हरियाणा सरकार भी डेटा केंद्रों को ऊर्जा सघन उद्योग घोषित करेगी। यूटिलीटिज़ – पानी – राज्य सरकार डाटा केन्द्रों को चौबीसों घंटे जलापूर्ति प्रदान करने का प्रयास करेगी।पूर्व-प्रारंभिक अनुमोदन – डाटा सेंटर के निर्माण से संबंधित सभी अनुमोदन जैसे भवन योजना अनुमोदन, अस्थायी बिजली कनेक्शन, अग्निशमन योजना, स्थापना की सहमति इत्यादि डेटा केंद्रों को आवेदन की प्राप्ति के 10 कार्य दिवसों के भीतर दिए जाएंगे।प्रारंभिक स्वीकृति – व्यवसाय के वास्तविक प्रारंभ के लिए आवश्यक अनुमोदन जैसे – स्थायी बिजली कनेक्शन, ऑक्यूपेशन प्रमाण पत्र और संचालन की सहमति आवेदन की प्राप्ति के 15 कार्य दिवसों के भीतर डेटा केंद्रों को दी जाएगी।आवश्यक सेवाएं – हरियाणा सरकार डेटा केंद्रों को हरियाणा आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम, 1974 के तहत एक आवश्यक सेवा के रूप में घोषित करेगी। फाइबर कनेक्टिविटी – राइट ऑफ वे – राज्य संचार और कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर पॉलिसी के तहत दिशा-निर्देशों के अनुसार और समयबद्ध तरीके से डेटा सेंटरों के लिए स्वीकृति के आवेदनों को राइट ऑफ वे मुहैया करवाया जाएगा।निर्बाध निवेश प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करने के लिए राज्य में एक सिंगल विंडो सिस्टम पूरी तरह से चालू है, जिसमें कोई भी निवेशक या उद्यम समयबद्ध तरीके से ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से राज्य से संबंधित सभी मंजूरी प्राप्त कर सकता है। इस नई निवेशक-अनुकूल हरियाणा राज्य डेटा सेंटर नीति के अंतर्गत राज्य सरकार दुनिया भर से डेटा सेंटर उद्यमियों को हरियाणा में आने और निवेश करने तथा इसे ग्लोबल डेटा सेंटर हब बनाने के लिए आमंत्रित करती है।