अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने जीएसटी के करीब 20,000 करोड़ रुपए के कंपन्सेशन-फंड में से हरियाणा के हिस्से के 761 करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं। उप-मुख्यमंत्री ने कंपन्सेशन-फंड में से हरियाणा के हिस्से के 761 करोड़ रुपए जारी करने पर केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया है। उप-मुख्यमंत्री ने बताया कि कल उन्होंने चंडीगढ़ से वर्चुअली केंद्र सरकार की 42 वीं जीएसटी परिषद की बैठक में हिस्सा लिया था, जिसमें नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के अलावा कई राज्यों के मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री, मंत्रीगण व कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि उन्होंने कल ही बैठक के दौरान केंद्र सरकार से अनुरोध किया था कि कंपन्सेशन-फंड में पड़ी करीब 20,000 करोड़ रुपए की राशि को तुरंत राज्यों को दिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि अपने वायदे पर अमल करते हुए श्रीमती सीतारमण ने कंपन्सेशन-फंड को सभी राज्यों में आवंटित कर दिया, इसमें हरियाणा के हिस्से के 761 करोड़ रुपए भी जारी हो गए हैं। उप-मुख्यमंत्री ने बताया कि उनके द्वारा हैंड सैनेटाइजर पर टैक्स की दर बारे जो मुद्दा उठाया गया था, उसको भी केंद्रीय वित्त मंत्री ने स्पष्ट कर दिया जिससे सभी राज्यों को लाभ होगा। उन्होंने यह भी बताया कि जीएसटी परिषद ने रिटर्न-फाइलिंग सिस्टम में बदलाव को भी मंजूरी दे दी है,
जिसमें जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-2बी लिंक किए जाएंगे। उन्होंने जानकारी दी कि परिषद ने 2 करोड़ रुपए से कम टर्नओवर वाले करदाताओं को वर्ष 2019-20 के लिए वार्षिक रिटर्न को वैकल्पिक बनाया गया है। उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री से यह भी कहा कि हरियाणा का जीएसटी का इस वर्ष का काफी कंपन्सेशन बकाया है जिसको जल्द से जल्द देने के उपाय किए जाएं। उन्होंने बताया कि उन्होंने परिषद की चेयरपर्सन से यह भी अनुरोध किया है कि केंद्र सरकार जीएसटी कंपन्सेशन-सैस को पांच वर्ष की अवधि के बाद इसकी 3 या 5 वर्ष की अवधि निर्धारित करके इसे भविष्य में भी चालू रखे।