अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा के नवनियुक्त राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने कहा कि धर्मनगरी कुरुक्षेत्र को विश्वस्तरीय तीर्थ नगरी व दिव्य कुरुक्षेत्र के रुप में विकसित किया जाएगा। इस नगरी को तीर्थों की नगरी के रुप में विकसित करने के लिए कई योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। केन्द्र और राज्य सरकार का लक्ष्य है कि कुरुक्षेत्र को पर्यटन, धार्मिक और सांस्कृति नगरी के रुप में विकसित किया जाए। राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय रविवार को कुरुक्षेत्र के भ्रमण के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इससे पहले राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल गेस्ट हाउस के परिसर में चंदन और रुद्राक्ष के पौधों को रोपित किया। इसके पश्चात राज्यपाल ने त्रिरुपति बालाजी मंदिर में भगवान वेंकेटेश्वर, लक्ष्मी देवी और गौडा देवी की पूजा अर्चना की है। राज्यपाल ने इसके पश्चात ब्रहमसरोवर पुरुषोतमपुरा बाग में पहुंचकर ब्रहमसरोपर पूजा स्थल पर पूजा अर्चना की और ब्रहमसरोवर के जल का आचमन किया। ब्रहमसरोवर पुरुषोतमपुरा बाग में पहुंचने पर विधायक सुभाष सुधा, उपायुक्त मुकुल कुमार, पुलिस अधीक्षक हिमांशु गर्ग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, केयूके के रजिस्ट्रार संजीव शर्मा, केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय व राज्पाल की पत्नी व राज्य की प्रथम महिला बंडारू वसंता को स्मृति चिन्ह भेंट किया।
सचिव राज्यपाल श्री अतुल द्विवेदी को भी स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस अवसर पर राज्यपाल के दामाद डॉक्टर बी. जिग्नेश रेड्डी, राज्यपाल की पुत्री श्रीमती विजया लक्ष्मी भी साथ रहे। इस दौरान राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने अपने परजिनों तथा प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक समुह चित्र भी खिंचवाया। इसके पश्चात राज्यपाल ने कुरुक्षेत्र गीता स्थली ज्योतिसर व मां भद्रकाली मंदिर में पहुंचकर मां काली की पूजा अर्चना की है। यहां पर भद्र काली मंदिर के पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा ने पूजा अर्चना करवाई और राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय को स्मृति चिन्ह भेंट किया। इसके साथ-साथ राज्यपाल ने कुरुक्षेत्र के विभिन्न धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण भी किया है। राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने कहा कि हरियाणा के राज्यपाल का पदभार सम्भालने के पश्चात सबसे पहले वीरों की भूमि, महाभारत स्थली, धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र में आए है। देवभूमि हिमाचल से तीर्थों की भूमि कुरुक्षेत्र में आकर आध्यात्मिक शांति का अनुभव हुआ है। कुरुक्षेत्र महाभारत की भूमि, प्राचीन धरोहर, भारतीय संस्कृति की अमुल्य देन है। कुरुक्षेत्र की भूमि से धर्म का संदेश दिया गया, धर्म सबसे श्रेष्ठï है, पूरे विश्व का एक ही धर्म है। पविऋ ग्रंथ गीता का संदेश पूरे विश्व के लिए जरुरी है। पवित्र ग्रंथ गीता के सार, हमारी भारतीय परम्पराओं को युवाओं को अपने जीवन में धारण करना चाहिए। ग्रंथ गीता एक मजहब की किताब नहीं है, पवित्र ग्रंथ गीता धर्म का बोध कराती है, अपने कर्तव्यों के प्रति, अपनी सुविधा के प्रति चेतना करती है। इसलिए कुरुक्षेत्र को विश्व स्तर के तीर्थ स्थल के रुप में विकसित किया जा रहा है। कुरुक्षेत्र में चल रहे प्रोजैक्ट को लेकर वे बोर्ड की बैठक लेंगे ताकि इस प्रकार के प्रोजैक्ट आगे भी चलते रहे।
उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का दर्जा देने, पर्यटन और अध्यात्म की दृष्टिï से इस पवित्र स्थान को विश्व के मानचित्र पर लाने का काम किया गया है। यह पर्यटन स्थली आने वाले समय में एक आस्था का केन्द्र बनेगी। इस गीता स्थली कुरुक्षेत्र में हजारों वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण ने गीता के जो उपदेश दिए थे, उन उपदेशों में सभी ग्रंथों का सारांश समाहित है। दुनिया में प्रत्येक देश की अपनी-अपनी विशेषता है, लेकिन आध्यमिकता भारत देश की विशेषता है। इस पवित्र ग्रंथ गीता को जीवन में धारण करने वाले व्यक्ति को कभी भी किसी से द्वेश व घृणा नहीं होती है, वह मानव हमेशा परमात्मा के दिखाए गए मार्ग पर चलता है। कुरुक्षेत्र के इस धार्मिक और पौराणिक इतिहास से पूरे विश्व के लोगों से रुबरु कराने के लिए कुरुक्षेत्र को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचाल दिलाने का काम किया जा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि पर्यटन, धार्मिक और गीता स्थली कुरुक्षेत्र का एक-एक तीर्थ और पर्यटन स्थल दर्शनीय है। इस तीर्थ नगरी कुरुक्षेत्र की पूरे विश्व में अपनी एक अलग पहचान है। इस तीर्थ स्थली के दर्शन करने के लिए देश ही नहीं विश्व के प्रत्येक नागरिक को एक बार जरुर कुरुक्षेत्र में आना चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार के प्रयासों से ही कुरुक्षेत्र को विश्व पर्यटन स्थल का दर्जा दिया जा रहा है। इस क्षेत्र को पर्यटन स्थली के रुप में विकसित करने के लिए श्रीकृष्ण सर्किट में शामिल किया गया है। इस सर्किट में शामिल होने से कुरुक्षेत्र पर करोड़ों रुपए की राशि खर्च की जा रही है। इस मौके पर विधायक सुभाष सुधा, राज्यपाल के सचिव अतुल द्विवेदी, उपायुक्त मुकुल कुमार, एसडीएम नरेन्द्र पाल मलिक, सीईओ केडीबी अनुभव मेहता, केयूके कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, केयकू के रजिस्ट्रार संजीव शर्मा, केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा सहित अधिकारी व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments