अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग को ऊर्जा दक्षता सूचकांक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली राज्य नामित एजेंसी श्रेणी (समूह 1) में दूसरा पुरस्कार मिला है। नई दिल्ली में आज आयोजित 33वें राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2023 समारोह में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने हरियाणा के ऊर्जा मंत्री चौधरी रणजीत सिंह को यह पुरस्कार प्रदान किया। भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने ऊर्जा की खपत को कम करने के विशेष प्रयासों के लिए उद्योगों और प्रतिष्ठानों को सम्मान देने के लिए 1991 में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरूस्कारों की एक योजना शुरू की गई थी। इसके अंतर्गत उद्योगों, परिवहन, भवन, संस्थान और उपकरण जैसी विशिष्ट क्षेत्र/ श्रेणियों के तहत ये पुरस्कार जारी किए जाते हैं। इन श्रेणियों में दो पुरस्कार हैं, अर्थात प्रथम और द्वितीय। जबकि अधिकांश पुरस्कार निजी क्षेत्र की इकाइयों को दिए जाते हैं, संस्थान श्रेणी के तहत पुरस्कार देश की राज्य नामित एजेंसी (एस.डी.ए.) को नीति, क्रियान्वयन और हितधारकों के साथ समन्वय में उनके सक्रिय सहयोग के लिए दिया जाता है।
एस.डी.ए. श्रेणी के अंतर्गत 4 समूह हैं जोकि मुख्य रूप से उनकी कुल अंतिम ऊर्जा खपत (टी.एफ.ई.सी.) के आधार पर प्रदर्शन की सहकर्मी से सहकर्मी तुलना को सक्षम करने के लिए है। समूह 1 से 15 मिलियन टन तेल समतुल्य (एम.टी.ओ.ई.) से अधिक खपत वाले राज्य है, समूत 2 में 5-15 एम.टी.ओ.ई. के राज्य, समूह 3 में 1-5 एम.टी. ओ.ई. के राज्य और समूह 4 में एक एम.टी.ओ.ई. से कम खपत वाले राज्य हैं। पुरस्कारों का मूल्यांकन कॉस सेक्टर, भवन, उद्योग, नगर पालिका सेवाओं, परिवहन, कृषि और डिस्कॉम में किए गए प्रयासों के प्रदर्शन पर किया जाता है। इन क्षेत्रों से लगभग 65 संकेतक हैं जो 100 अंक के पैमाने पर राज्य के प्रदर्शन का आकलन करते है।समूह 1 में, महाराष्ट्र गुजरात, यूपी, तमिलनाडु, कर्नाटक ओडिशा, राजस्थान, एमपी, बंगाल और हरियाणा जैसे बड़े ऊर्जा खपत वाले राज्य आते हैं और इस श्रेणी में, हरियाणा की राज्य नामित एजेंसी ने राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान हासिल किया है। टीएफईसी (15.94 एमटीओई) के मामले में हरियाणा पहले समूह में सबसे छोटा राज्य है जबकि महाराष्ट्र 37.49 एमटीओई के उच्चतम टीएफईसी वाला राज्य है। समूह 1 में बड़े राज्यों के साथ प्रतिस्पर्धा के बावजूद, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग, हरियाणा को दूसरा पुरस्कार मिला है। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई), ऊर्जा संरक्षण अधिनियम 2001 के क्रियान्वयन के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसी है। नवीन नवीकरणीय ऊर्जा विभाग हरियाणा राज्य नामित एजेंसी (एसडीए) है।हरियाणा का नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग बहुआयामी रणनीति के साथ राज्य में ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा दे रहा है। राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता 1534 मेगावाट है और कुल मिलाकर 24 प्रतिशत से अधिक बिजली का उपयोग नवीकरणीय ऊर्जा से किया जा रहा है। हितधारकों द्वारा ऊर्जा संरक्षण उपायों के प्रभावी क्रियान्वयन के कारण लगभग 140 मेगावाट की पारंपरिक उत्पादन क्षमता को टाला गया है। राज्य सरकार ने अनिवार्य ऊर्जा ऑडिट, ऊर्जा संरक्षण बिल्डिंग कोड, विभिन्न श्रेणियों के भवनों और उद्योगों में एल.ई.डी. लाईटों की अनिवार्य स्थापना और कृषि क्षेत्र में कम से कम 4 स्टार रेटेड पंपों की अनिवार्य सहित विभिन्न नीतिगत पहल की हैं। ऊर्जा संरक्षण गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने और ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के तहत विभिन्न गतिविधियों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए विभाग द्वारा निरीक्षण अधिकारी नियुक्त किए गए है।हितधारकों को तकनीकी सहायता के लिए हरेडा में ई.सी.बी.सी. और पी.ए.टी सेल स्थापित किए गए हैं। 64,000 सौर जल पंपों के लक्ष्य के साथ पारंपरिक और डीजल पंपों को भी सौर ऊर्जा से सुसज्जित किया है और चालू वर्ष के दौरान, 75 प्रतिशत सरकारी सब्सिडी के साथ अतिरिक्त 70,000 सौर पंप लगाए जाएंगे। हरियाणा ने राज्य ऊर्जा दक्षता कार्य योजना भी बनाई है और उद्योग, परिवहन, भवन और कृषि क्षेत्र के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। सी.एस., हरियाणा की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय ऊर्जा संरक्षण संचालन समिति की स्थापना की गई है। इसके अलावा, हरियाणा में 500 से अधिक नई और मौजूदा इमारतों ने ग्रीन बिल्डिंग रेटिंग प्रणाली का विकल्प चुना है और 68 इमारतों ने ऊर्जा संरक्षण बिल्डिंग कोड अनुपालन का विकल्प चुना है।उद्योगों, इमारतों, संस्थानों, ऊर्जा ऑडिटिंग और ग्रीन बिल्डिंग फर्मों के लिए राज्य स्तरीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार दिया जाता है। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्र के हितधारकों को ऊर्जा कुशल सौर एल.ई.डी. आधारित स्ट्रीट लाइट भी प्रदान की गई है। विभाग ने 2022-23 के दौरान विभिन्न क्षमता निर्माण कार्यक्रम भी आयोजित किए हैं। 2021-22 के दौरान राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक (एस.ई.ई.आई.) में हरियाणा का स्कोर 55 था और डीएनआरई / हरेडा और हरियाणा के अन्य हितधारक विभागों के सहयोगात्मक प्रयासों से एसईईआई 2023 में इसे सुधाकर कर 72 अंक प्राप्त कर दिया गया है।
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