अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा सरकार राज्य भर के अविकसित ब्लॉकों में रहने वाले लोगो के जीवन स्तर सुधार लाने के उद्देश्य से ब्लॉक उत्थान कार्यक्रम (बीयूपी) की शुरुआत करने जा रही है। पहले चरण में, अक्टूबर में शुरू होने वाले 22 अविकसित ब्लॉकों को कवर किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक जिले से एक ब्लॉक का चयन किया जाएगा। ब्लॉक उत्थान कार्यक्रम के कार्यान्वयन की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि कृषि और सिंचाई, समानता और गरीबी उन्मूलन, सशक्तिकरण, शिक्षा और कौशल, सामाजिक विकास, स्वास्थ्य और पोषण, बुनियादी ढांचा और शासन, ऊर्जा प्रबंधन, और जल और स्वच्छता सहित विभिन्न क्षेत्रों में 9 प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (केपीआई) की पहचान की गई है।
कौशल ने सभी कार्यालयों को बेसलाइन मूल्यांकन के लिए 30 सितंबर तक सभी 143 ब्लॉकों के लिए उनके प्रासंगिक संकेतक के अनुसार डेटा जमा करने के निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बीयूपी एक सशक्त और महत्वाकांक्षी पहल है और सरकार कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने और इसके कार्यान्वयन से सभी ग्रामीण लोगों को लाभ सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय समुदायों और हितधारकों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने समय पर निगरानी करने और सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए लाभ प्रदान करना सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया है। मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा कि ब्लॉक उत्थान कार्यक्रम को सही ढंग से क्रियान्वित करें ताकि इनमें चहुंमुखी विकास करके सकारात्मक बदलाव लाया जा सके। इनका सतत विकास करने के लिए समय समय पर मॉनिटरिंग करें और सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राज्य भर में ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर विकास करने और लोगों के जीवन में बदलाव करने के लिए इस कार्यक्रम के प्रथम चरण में 22 ब्लॉकों के कृषि एवं सिंचाई, शिक्षा एवं निपुणता, समानता एवं सशक्तिकरण, एनर्जी प्रबंधन, स्वास्थ्य एवं पोषण, संरचनात्मक एवं सुशासन, गरीबी उन्मूलन, सामाजिक विकास तथा जल एवं स्वच्छता सहित 9 बिंदुओं पर मुख्य फोकस किया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि यह ब्लॉक उत्थान कार्यक्रम हर जिले में ब्लॉक को फोकस रख चलाया जाएगा। यह कार्यक्रम प्रत्येक ब्लॉक की मुख्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इससे संस्थागत रूप से सतत लाभ सुनिश्चित होगा। यह ग्रामीण लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की दीर्घकालीन पहल की गई है ताकि इसके वांछित परिणाम मिल सकें है। मुख्य सचिव ने कहा कि इस कार्यक्रम में कृषि एवं सिंचाई, फसल विविधीकरण, बागवानी, सीधी बुआई वाले चावल (डीएसआर) के क्षेत्र को शामिल किया गया है। इसके अलावा, ब्लॉक में युवाओं को रोजगार, शिक्षा और कौशल में प्रशिक्षण देकर योग्य बनाना तथा ऊर्जा प्रबंधन और नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से कृषि पंप सेट लगाना तथा छोटे बच्चों को स्वास्थ्य एवं पौष्टिक आहार देना भी कार्यक्रम में शामिल है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के द्वारा संरचनात्मक ढाँचा मजबूत कर सुशासन का बेहतर लाभ देना, वित्तीय लाभ देकर जीवन स्तर में सुधार करना तथा प्रशिक्षण प्रदान कर क्षमता निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले खण्डों को प्रोत्साहित किया जाएगा और उनके अनुभव और ज्ञान को अन्य जिलों में साझा किया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि ब्लॉक स्तर पर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे ताकि युवाओं को नियमित रूप से निपुण करके आत्मनिर्भर बना सकें। इसके अलावा बाल विवाह को रोकने के लिए भी अभियान चलाया जाएगा।
इस अवसर पर एसीएस अनिल मलिक, ए के सिंह, आयुक्त एवं सचिव पंकज अग्रवाल, आयुक्त एवं सचिव श्रीमती पी अमनीत, महानिदेशक डी के बेहतरा, विशेष सचिव आदित्य दहिया सहित कई विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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