अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा पुलिस द्वारा विधानसभा चुनावों को लेकर लागू आदर्ष आचार संहिता के बाद प्रथम 16 दिनों में संसदीय चुनावों-2019 की इसी अवधि की तुलना में राज्य भर में जब्त की गई नकदी, अवैध शराब और नशीले पदार्थों की संयुक्त बरामदगी में पांच गुना वृद्धि दर्ज की गई है। मई 2019 में आयोजित संसदीय चुनावों के दौरान जब्त किए गए 1 करोड़ 52 लाख रुपये के अवैध सामान की तुलना में इस बार इसी अवधि में संयुक्त बरामदगी का मूल्य 8 करोड़ 52 लाख रुपये है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) नवदीप सिंह विर्क ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर चुनाव से पहले आदर्श आचार संहिता के प्रवर्तन की सख्ती से निगरानी कर रही है, जिसके परिणामस्वरुप प्रतिदिन औसतन 50 लाख रुपये से अधिक की अवैध वस्तुएं जब्त की जा रही हैं।
हरियाणा पुलिस की टीमों द्वारा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विभिन्न स्थानों पर अब तक 2 करोड 66 लाख़ रुपये की नकदी, 2 करोड 42 लाख रुपये की अवैध शराब और 3 करोड़ 43 लाख रुपये मूल्य के नशीले पदार्थों को जब्त किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशक मनोज यादव स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। इस कड़ी सतर्कता के परिणामस्वरूप, पुलिस ने मई 2019 में संसदीय चुनावों के दौरान जब्त किए गए 115 अवैध हथियारों की तुलना में इस बार 166 अवैध हथियार भी पकड़े हैं। आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत निवारक कार्रवाई करने में भी ऐसा ही सुधार दिखाई दिया, जहां पिछले चुनाव में 981 की तुलना में अब तक 5860 व्यक्तियों को बाउंड किया गया है। इसी अवधि में पिछली बार के 38 प्रतिशत की तुलना में इस बार 92 प्रतिशत लाइसेंस धारकों के हथियार जमा किए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि अवैध शराब, नकदी और ड्रग के प्रवाह के साथ-साथ चुनाव प्रक्रिया के दौरान किसी भी गैरकानूनी गतिविधि को रोकने के लिए अंतरराज्यीय सीमाओं पर पूरी नाकाबंदी की गई है। पिछले चुनाव के दौरान बनाए गए 326 की तुलना में इस बार राज्य में 434 अंतरराज्यीय नाके लगाए जा चुके हैं। हमारी टीमों द्वारा चेकिंग तेज कर दी गई है, जिसके परिणामस्वरूप 564 उद्घोषित अपराधी व 657 बेल जम्पर्स को काबू किया गया है। राज्य में चुनाव से पहले केंद्रीय अर्धसैनिक बलों द्वारा अब तक 193 फ्लैग मार्च किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में अपराधियों को पकड़ने व अन्य अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस के चुनाव से पहले के अभियान ने भी अपराध की घटनाओं पर अंकुश लगाकर जनता के बीच सुरक्षा की भावना पैदा की है।