अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिक यूनिट (एएचटीयू) ने इस साल सितंबर माह में अबतक तीन गुमशुदा बच्चों व एक महिला के परिजनों की तलाश कर उनके सुपूर्द किया है। ये चारों लापता बच्चे व महिला राजस्थान, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश से हैं। हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि एएचटीयू टीम को झज्जर, पंचकूला और करनाल के बाल आश्रय गृहों व नारी निकेतन में रह रहे लापता बच्चों और महिला के बारे में जानकारी मिली थी। राजस्थान, पश्चिम बंगाल और यूपी पुलिस की मदद से काउंसलिंग और अन्य साक्ष्यों पर काम करते हुए पुलिस की टीम ने लापता तीनों बच्चों और महिला को आवश्यक औपचारिकताएँ पूरी करने के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया। 8 साल बाद अपनों से मिली दो सगी बहनें
इनमें से 18 वर्ष और 16 वर्ष की दो सगी बहनें, जो पश्चिम बंगाल के जिला अलीपुरद्वार की रहने वाली थी व पिछले 8 सालों से से लापता थीं को एएचटीयू टीम के प्रयास से 6 सितंबर, 2020 को उनके माता-पिता के सुपुर्द किया गया। 10 साल बाद परिवार से मिली राजस्थान की बेटी एक लड़की, जो राजस्थान के जिला झालावाड़ से पिछले 10 वर्षों से लापता थी को 22 सितंबर को उसके परिवार को सौंप दिया गया। जब यह गुम हुई तो उस समय इसकी उम्र केवल 6 साल थी व गांव का नाम बताने में असमर्थ थी।
इसी प्रकार, लगभग 30 साल की एक महिला, जो उत्तर प्रदेश के लखनऊ से लापता हो गई थी को 17 सितंबर, 2020 को कानूनी प्रक्रिया अनुसार उसके परिवार के सुपुर्द कर दिया गया।पुलिस महानिदेशक, अपराध, मोहम्मद अकील ने एएचटीयू टीम द्वारा किए गए प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह लापता बच्चों को उनके परिजनों से मिलवाने में अहम भूमिका अदा कर रही है। उन्होने कहा कि एएचटीयू की टीमें हर संभावित संकेत पर एक-एक गुमशुदा बच्चे की खोजबीन कर उन्हे परिजनों से मिलवाने की पूरी कोशिश कर रही हैं।