अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा को स्पोर्ट्स हब के रूप में विकसित करने के राज्य सरकार के विजन के अनुरूप हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज टोक्यो ओलम्पिक-2020 में हरियाणा का नाम रोशन करने वाले राज्य के 32 खिलाड़ियों को 23 करोड़ रुपये के चैक और जॉब ऑफर लेटर देकर सम्मानित किया। उक्त राशि शाम तक खिलाड़ियों के खातों में पहुंच जाएगी। पंचकूला में आयोजित राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि टोक्यो ओलम्पिक-2020 में हरियाणा के खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने न केवल राज्य और देश को गर्व से सिर ऊंचा करके मुस्कुराने के कई क्षण दिए हैं, बल्कि एक बार फिर से वैश्विक मानचित्र पर हरियाणा की योग्यता साबित की है। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता, कैबिनेट और राज्य मंत्री, सांसद, विधायक और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। कुछ खिलाड़ी, जो किन्हीं कारणों से समारोह में शामिल नहीं हो सके, वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में शामिल हुए। समारोह में खिलाड़ियों के परिजन भी शामिल हुए। राज्यपाल ने कहा कि देश की आबादी का महज 2 फीसदी होने के बावजूद ओलंपिक खेलों में करीब 25 फीसदी भागीदारी हरियाणा से है, जो गर्व की बात है। इतना ही नहीं, इस बार सात पदक विजेताओं में हरियाणा के खाते में चार यानि तीन व्यक्तिगत पदक और दो हॉकी में हैं।
राज्यपाल ने प्रदेश के युवाओं से आग्रह करते हुए कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी आगे अवश्य बढ़ें। उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने पदक विजेताओं को अधिकतम नकद पुरस्कार दिया है। हरियाणा की खेल नीति की देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में सराहना हो रही है। हरियाणा ने अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल कायम की है और इसके लिए वे मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को बधाई देते हैं। उन्होंने कहा कि इन विश्व स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। पूरे हरियाणावासियों को इस बात का गर्व है कि इस बार ओलंपिक में 127 खिलाड़ियों में से 30 हरियाणा के थे। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि देश और राज्य के लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने वाले हरियाणा के इन बेटों और बेटियों ने कुल 7 में से 3 पदक जीते हैं। देश और राज्य ने पहले भी एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और अन्य अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में हरियाणा के खिलाड़ियों की क्षमता और उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखा है।ट्रैक और फील्ड खेलों में भारत को स्वर्ण पदक दिलाकर भारत को राष्ट्रगान का क्षण दिलाने के लिए नीरज चोपड़ा की प्रशंसा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर स्वर्णिम इतिहास रचा है।
उनकी सफलता की कहानी वर्षों तक युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करती रहेगी। इसी प्रकार, पहलवान रवि दहिया और बजरंग पुनिया ने रजत और कांस्य जीतकर भारत का झंडा विदेशों में फहराया है। हरियाणा के दो खिलाड़ी सुरेंद्र कुमार और सुमित कुमार ने भी हॉकी में कांस्य पदक जीतकर राज्य और देश को गौरवान्वित किया है। इन खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत के कारण ही भारत इस बार सात पदक जीतकर दुनिया में 48वें स्थान पर है। यह 121 वर्षों में शानदार प्रदर्शन रहा है। बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि हरियाणा से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान ने निश्चित रूप से राज्य में सकारात्मक प्रभाव छोड़ा है, क्योंकि इस बार ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली भारतीय हॉकी टीम के 11 खिलाड़ियों में से 9 खिलाड़ी हरियाणा के हैं।महिला हॉकी टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि जिस कौशल और सहनशक्ति के साथ खिलाड़ियों ने सेमीफाइनल मैच खेला, उसकी न केवल भारत में बल्कि दुनिया के अन्य देशों में भी सराहना की गई है। राज्यपाल ने कहा कि इन खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत और समर्पण के कारण ही हरियाणा ने एक बार फिर दुनिया के खेल मानचित्र पर अपना नाम रोशन किया है। हरियाणा जनसंख्या और क्षेत्रफल की दृष्टि से बेशक छोटा राज्य है, लेकिन खेल के क्षेत्र में हमारी उपलब्धियां सराहनीय हैं। इसके अलावा, पैरालम्पिक में पदक जीतने वाले एवं ओलंपिक, एशियन, कॉमनवैल्थ और राष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धा में भाग लेने वाले पैरा खिलाड़ियों को सामान्य खिलाड़ियों के समान नकद पुरस्कार देने का प्रावधान किया गया है।
पांच स्पोर्टस सेंटर ऑफ एक्सिलेंस खोले जाएंगे : उपमुख्यमंत्री
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने घोषणा की कि हरियाणा को स्पोर्ट्स हब बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा समर्पित प्रयास किए जा रहे हैं और इस दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए प्रदेश में खेलों में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण व सुविधाएं देने के लिए 5 स्पोर्टस सेंटर ऑफ एक्सिलेंस खोले जाएंगे। इनमें प्रतिभावान खिलाड़ियों को मुफ्त कोचिंग प्रदान की जाएगी। ये सेंटर बॉक्सिंग, हॉकी, निशानेबाजी, कुश्ती और एथलेटिक्स में खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने ओलम्पिक एवं पैरालम्पिक खेलों के लिए क्वालीफाई करते ही खिलाड़ी को तैयारी के लिए 5 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि एडवांस देने का प्रावधान किया है।इसके अलावा, हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है जो खेलों में चौथे स्थान पर रहने वाले खिलाड़ियों को 50 लाख रुपये का नकद इनाम दे रहा है। उन्होंने कहा कि इतिहास की बात करें तो पिछले एशियाई खेलों में पदक तालिका में हरियाणा का योगदान 33 प्रतिशत था, जबकि राष्ट्रमंडल पदक तालिका में 40 प्रतिशत था। उन्होंने कहा कि खेल के क्षेत्र में राज्य सरकार की क्षमता को देखते हुए इस बार हरियाणा पहली बार ‘खेलो इंडिया’ प्रतियोगिताओं की मेजबानी भी करेगा।उन्होंने कहा कि योग को बढ़ावा देने के लिए 1000 आयुष सहायक एवं 22 आयुष कोच के पद स्वीकृत किए हैं। साथ ही, 511 योग एवं व्यायामशालाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि पंचकूला, गुरूग्राम, जींद, भिवानी, सिरसा व यमुनानगर जिलों में आवासीय खेल अकादमियां खोली गई हैं। इसके अलावा, भिवानी, कुरुक्षेत्र, हिसार, अम्बाला व रोहतक में 9 डे-बोर्डिंग खेल अकादमियां खोली गई हैं।
सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं : संदीप सिंह
खेल एवं युवा मामले राज्य मंत्री सरदार संदीप सिंह ने कहा कि आज जिस मुकाम पर ये खिलाड़ी पहुंचे हैं उस मुकाम तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत ही एकमात्र रास्ता है, जिसका कोई विकल्प नहीं है। इस सफलता की सीढ़ी तक पहुंचने के लिए कम से कम 15-20 साल तक कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में इन खिलाड़ियों द्वारा जीते गए पदक कई युवाओं को खेलों में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे। सरदार संदीप सिंह ने कहा कि 18 साल से कम उम्र के खिलाड़ियों के लिए खेलो इंडिया अपनी प्रतिभा दिखाने का सबसे बड़ा मंच होगा। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को खेल संबंधी जानकारी देने के लिए खेलो हरियाणा एप लांच किया गया है। उन्होंने कहा कि खेलों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि जमीनी स्तर पर खेल के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाए इसके लिए वे मुख्यमंत्री मनोहर लाल को धन्यवाद देते हैं। चाहे खेल नीति हो, आहार हो, कोच हो, उपकरण हो या बुनियादी ढांचे की बात हो, हरियाणा सरकार खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
हमारा सौभाग्य है कि हम हरियाणा से ताल्लुक रखते हैं
सम्मान समारोह में बोलते हुए खिलाड़ियों ने उन्हें सम्मानित करने के लिए राज्य सरकार को धन्यवाद दिया और कहा कि वे सभी गर्व और बेहद भाग्यशाली महसूस करते हैं कि वे हरियाणा से संबंध रखते हैं। खिलाड़ियों ने कहा कि राज्य की खेल नीति सबसे अच्छी है। हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन जारी रखेंगे और अगली बार निश्चित रूप से अधिक पदक जीतेंगे। बजरंग पुनिया ने कहा कि दुनिया में हम जहां भी जाते हैं, हर कोई हमसे पूछता है कि हरियाणा अपने खिलाड़ियों को इतनी बड़ी रकम इनाम के तौर पर कैसे दे रहा है। मुझे खुशी है कि जो खिलाड़ी चोटिल होते हैं उनके लिए राज्य सरकार रिहैब सेंटर बना रही है। इतना ही नहीं, यह सुनिश्चित करने के लिए कई खेल अकादमी की स्थापना की जा रही है ताकि उभरते हुए खिलाड़ियों को अपनी खेल तकनीकों को ओर बेहतर कर सकें और पदक जीतकर राज्य और देश को गौरवान्वित करें।
यह खिलाड़ी हुए सम्मानित.राज्यपाल ने नीरज चोपड़ा, रवि दहिया और बजरंग पुनिया को क्रमशः गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज जीतने के लिए 6 करोड़ रुपये,4 करोड़ रुपये और 2.5 करोड़ रुपये के चैक वितरित किए। पुरुष हॉकी टीम के दो खिलाड़ियों सुमित कुमार और सुरेंद्र कुमार को भी 2.5 करोड़ रुपये के चेक दिए। प्रत्येक खिलाड़ियों को रियायती दरों पर एचएसवीपी प्लॉट दिए जाने के साथ-साथ जॉब ऑफर लेटर भी दिए गए।इसके अलावा, सीमा विस्ला, सोनम मलिक, अंशु मलिक, विनेश फोगाट, यशस्विनी सिंह देसवाल, संजीव राजपूत, मनु भाकर, अभिषेक वर्मा, सुमित नागल, दीक्षा डागर, मनीष कौशिक, अमित पंघाल, विकास कृष्ण, सीमा पुनिया, संदीप कुमार, राहुल को 15-15 लाख रुपये के चेक वितरित किए गए। प्रत्येक खिलाड़ियों को जॉब ऑफर लेटर भी दिए गए। ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहने वाले खिलाड़ियों दीपक पुनिया, उदिता, शर्मिला देवी, सविता पुनिया, रानी रामपाल, निशा, नेहा गोयल, नवनीत कौर, नवजोत कौर, मोनिका मलिक, पूजा रानी को 50-50 लाख रुपये के चेक वितरित किए गए। प्रत्येक खिलाड़ियों को जॉब ऑफर लेटर भी दिए गए। कार्यक्रम में मुख्य सचिव विजय वर्धन, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी. एस. ढेसी, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक निगम, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल, खेल एवं युवा मामले विभाग के प्रधान सचिव ए. के. सिंह, पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ,खेल एवं युवा मामले विभाग के निदेशक पंकज नैन आईपीएस सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।