अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: हरियाणा रीयल अस्टेट रेगुलेटरी एथोरिटी (हरेरा) गुरूग्राम को पिछले दो वर्षो में 9496 शिकायतें प्राप्त हुई थी जिनमें से 6598 का निपटारा कर दिया गया है। इस लिहाज से हरेरा गुरूग्राम को प्राप्त शिकायतों में से लगभग 70 प्रतिशत शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है। यह दावा हरेरा गुरूग्राम के चेयरमैन डा. के के खण्डेलवाल ने आज मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए किया। आज हरेरा गुरूग्राम का दूसरा स्थापना दिवस था। इस मौके पर डा. खण्डेलवाल द्वारा गुरूग्राम के लोक निर्माण विश्रामगृह में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया जिसमें उन्होंने हरेरा गुरूग्राम की डायरी का भी विमोचन किया। डा.खण्डेलवाल ने कहा कि हरेरा गुरूग्राम के दायरे में लगभग एक लाख हैक्टेयर क्षेत्र आता है और अब तक इस एथोरिटी में 400 प्रोजेक्ट रजिस्टर हुए हैं जिनमें लगभग ढाई लाख आवासीय ईकाइयां हरेरा की निगरानी में हैं। इनमें से लगभग 60 हजार ईकाइयां अफोरडेबल हाउसिंग परियोजनाओं की हैं।
उन्हांेने कहा कि हरेरा के गठन के बाद बिल्डर की मनमानी का समय चला गया है। अब यदि बिल्डर को अपनी लेआउट प्लान में कुछ बदलाव भी करना है तो कम से कम दो तिहाई सदस्यांे की सहमति होनी चाहिए तथा हरेरा गुरूग्राम की भी अप्रुवल ली जानी भी आवश्यक है। एक सवाल के जवाब में डा. खण्डेलवाल ने बताया कि कोताही करने वाले तथा नियमों का उल्लंघन करने वाले बिल्डरों को हरेरा द्वारा लगभग 400करोड़ रूप्ए की जुर्माना राशि के 509 नोटिस जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे कोताही करने वाले बिल्डरों पर 40 करोड़ रूप्ए का जुर्माना किया गया है तथा अन्य 58 बिल्डरों को कारण बताओं नोटिस जारी किए गए हैं। यही नहीं, एथोरिटी द्वारा अवैध काॅलोनी काटकर प्लाट तथा फलैट बेचने वाले 7 बिल्डरों की जांच भी करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि जिन बिल्डरों पर जुर्माना लगाया जाता है उनकी फोटो हरेरा गुरूग्राम की वैबसाईट पर अपलोड की जाती है ताकि लोगों को इसके बारे में पता चल सके। एक अन्य सवाल के जवाब में डा. खण्डेलवाल ने कहा कि हरेरा गुरूग्राम ने देश में अपनी तरह के पहले फैसले में हरेरा गठन से 3 साल पहले भी पोजेशन देने वाले बिल्डरों को अपने दायरे में लेकर उन्हें नोटिस जारी किए हैं।
उन्होंने बताया कि इन दो वर्षो में हरेरा गुरूग्राम पहले से चल रहे तथा अधूरे पड़े लगभग 250 हाउसिंग प्रोजेक्टो को टैªक पर लाने में सफल रहा है। अब इन प्रोजेक्टों पर निर्माण कार्य पुनः शुरू हुआ है जो हरेरा की देखरेख में किया जा रहा है और उन्हें आशा है कि ये प्रोजेक्ट पूरे होंगे जिससे फलैट आवंटियों को बड़ी राहत मिलेगी। संवाददाता सम्मेलन में डा. खण्डेलवाल ने यह भी कहा कि हरेरा गुरूग्राम के गठन से इस क्षेत्र में रीयल अस्टेट में ग्रोथ हुई है। उन्होंने रीयल अस्टेट के नए रूझानों का भी विस्तार से ब्यौरा दिया और बताया कि वर्ष 2019 में एनसीआर विशेषकर गुरूग्राम में रीयल अस्टेट में साकारात्मक बदलाव देखने को मिला। उन्होंने बताया कि इस दौरान रीयल अस्टेट के कई नए प्रोजैक्ट शुरू हुए और मार्केट में रेट भी स्थिर रहे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि 249 मामले ऐसे हैं जिनमें अभी तक हरेरा का फैसला लागू नहीं हुआ है और 1812 मामलों में हरेरा के आदेशों पर अमल हो चुका है। उन्होंने बताया कि एथोरिटी में अब भी 2422 मामलों पर सुनवाई चल रही है। इस अवसर पर हरेरा गुरूग्राम के सदस्य समीर कुमार तथा एस सी कुश और सचिव प्रताप सिंह भी उपस्थित थे।