अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चण्डीगढ़: हरियाणा सरकार ने राज्य में पांच लाख रुपये तक का सालाना कारोबार करने वाले छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत देते हुए, उन्हें बाजार शुल्क में एक प्रतिशत छूट देने का निर्णय लिया है। एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया कि इसके लिए, हरियाणा कृषि उत्पाद बाजार (सामान्य) नियम, 1962 में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि इसके लिए किसी भी छोटे व्यापारी को वित्तीय वर्ष के समापन पर मार्केट कमेटी में अंतिम वार्षिक रिटर्न जमा करवाना होगा जिसमें यह दर्शाया गया हो कि पिछले वर्ष के दौरान हरियाणा में कृषि उपज की बिक्री से उसका कुल वार्षिक कारोबार 5 लाख रुपये से कम था। इसके बाद, यदि व्यापारी ने इस तरह की खरीद-फरोख्त पर राज्य की किसी भी मार्केट कमेटी में कोई मार्केट फीस जमा करवाई है तो वह उस कारोबार पर एक प्रतिशत तक मार्केट फीस के क्लेम रिफंड का हकदार होगा।
प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा कृषि उत्पाद बाजार (सामान्य) नियम, 1962 के नियम-17 में भी संशोधन करने की मंजूरी दी है, जिसमें श्रेणी (द्बद्बद्ब) लाइसेंस जारी करने के लिए मापदंड दिए गए हैं। संशोधन के अनुसार, श्रेणी (द्बद्बद्ब) लाइसेंस प्राप्त करने की सीमा 5 लाख से 12 लाख रुपये तक होगी। इससे, 5 लाख रुपये से कम वार्षिक कारोबार वाले छोटे व्यापारियों को धारा 10 और नियम-17 के तहत आवश्यक लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा, उन्हें संबंधित मार्केट कमेटी के लिए जरूरी रिकॉर्ड रखने और जमा करवाने की भी जरूरत नहीं होगी। ऐसे छोटे व्यापारियों से कोई बाजार शुल्क भी नहीं लिया जाएगा।