अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा फिंगरप्रिंट ब्यूरो की टीम ने 28-29 अक्टूबर को राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो, नई दिल्ली में आयोजित 22वें अखिल भारतीय फिंगरप्रिंट ब्यूरो निदेशक सम्मेलन में तीसरा स्थान हासिल किया है। एनसीआरबी द्वारा आयोजित सम्मेलन नई दिल्ली में ऑनलाइन आयोजित किया गया था जिसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की और देश के वरिष्ठ पुलिस और फिंगर प्रिंट विशेषज्ञ अधिकारियों ने भी भाग लिया। इस वर्ष के सम्मेलन का विषय अपराध रोकथाम के लिए राष्ट्रीय स्वचालित फिंगरप्रिंट प्रणाली का उपयोग था।
इस सम्मेलन में, भारत के सभी राज्यों के फिंगरप्रिंट ब्यूरो ने फिंगरप्रिंट विज्ञान का उपयोग करके मामलों को हल करने में उपयोग किए जाने वाले स्मार्ट फिंगरप्रिंट विज्ञान के बारे में अपने-अपने तरीकों का प्रदर्शन किया। जिसमें हरियाणा के फिंगरप्रिंट ब्यूरो ने पुलिस अधीक्षक अनूप सिंह दहिया की उपस्थिति में निम्नलिखित निकिता तोमर हत्याकांड में स्मार्ट फिंगरप्रिंट विज्ञान तकनीक का प्रदर्शन किया। हरियाणा फिंगरप्रिंट ब्यूरो ने इस प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए भारत के सभी राज्यों में तीसरा स्थान हासिल किया है। केस एफआईआर नंबर 667, दिनांक 26.10.20, धारा 302,364,366,34, 120बी आईपीसी और 25,29,54/59 आर्म एक्ट, थाना बल्लभगढ़, जिला-फरीदाबाद दर्ज किया गया था। निकिता हत्याकांड को सुलझाने के लिए अपराधी को अपराध से जोडने, पीड़िता को न्याय दिलाने, अपराधी को सजा दिलाने के लिए हरियाणा फिंगर प्रिंट ब्यूरो प्रभारी इंस्पेक्टर प्रीतम सिंह फिंगरप्रिंट स्पेशलिस्ट, उनकी टीम एसआई नीलम, फिंगर प्रिंट विशेषज्ञ (सदस्य), एसआई करनैल सिंह, एफपी विशेषज्ञ (सदस्य),एएसआई राम मेहर, विशेषज्ञ (फोटोग्राफर), एफपी टेक. ईएचसी विक्की रहे। सर्वश्रेष्ठ फिंगरप्रिंट तकनीक को अपनाकर यह मामला बेहद चुनौतीपूर्ण था। फिर भी, टीम ने इस जटिल मामले में कड़ी मेहनत की और विभिन्न तरीकों को अपनाकर सफल हुए। जिसके चलते माननीय न्यायालय ने पीड़िता को न्याय देते हुए आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
डीजीपी ने दी बधाई
वहीं, डीजीपी हरियाणा पी.के. अग्रवाल ने टीम फिंगर प्रिंट ब्यूरो को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी। सम्मेलन में बताया गया कि ऑटोमेटिक फिंगरप्रिंट रिकग्निशन सिस्टम पूरे देश में लागू किया जाएगा ताकि अपराध की जांच कर उचित तरीके से मुकदमा चलाया जा सके और अपराधी को सजा दी जा सके।