अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के बिजली, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह ने कहा बिजली से सोलर ऊर्जा में स्थानातंरित होना एक अच्छा कदम है। इसी कड़ी में हरियाणा सरकार ने 50 हजार सोलर पम्प किसानों को मुहैया करवाने का लक्ष्य रखा है। वे आज यहां वर्चुअल माध्यम से हरियाणा के नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (हरेडा) द्वारा वर्ष 2017-18 और 2018-19 के लिए आयोजित राज्य स्तरीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार समारोह में संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि हमें अपनी आने वाली पीढिय़ों के लिए सतत विकास और बेहतर भविष्य के लिए विवेकपूर्ण और समझदारी से अपने प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने वर्ष 2030 तक 450 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा शक्ति का उपयोग करने का एक महत्वा कांक्षी कार्यक्रम शुरू किया है। अब तक लगभग 89 गीगावॉट का लक्ष्य प्राप्त किया जा चुका है। हरियाणा में भी, अब तक अक्षय ऊर्जा की लगभग 561 मेगावाट क्षमता को जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार 75 प्रतिशत सब्सिडी के साथ 15000 सोलर पंप की स्थापना के लिए एक प्रमुख कार्य क्रम लागू कर रही है जिसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा के माध्यम से पर्यावरण के अनुकूल तरीके के माध्यम से किसानों की सिंचाई जरूरतों को पूरा करना है।वर्चुअल माध्यम से आयोजित समारोह में भाग लेते हुए नवीन एवं नवीकरणीय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टीसी गुप्ता ने कहा कि राज्य ऊर्जा दक्षता सूचकांक में हरियाणा पिछले वर्ष पूरे देश में प्रथम रहा है।
नवीन एवं नवीकरणीय विभाग के महानिदेशक डा. हनिफ कुरैशी ने मुख्य अतिथि रणजीत सिंह का स्वागत किया । डॉ. कुरैशी ने बताया कि सोलर ऊर्जा व ग्रीन ऊर्जा को बढ़ाने के लिए पंचकूला को चयनित किया गया हैं। उन्होंने बताया कि ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा दक्षता के लिए किए गए प्रयासों के तहत राज्य हर साल ऊर्जा उपभोक्ताओं की विभिन्न श्रेणियों को पुरस्कार देता है जिसमें एक शील्ड, प्रमाण पत्र और 50 हजार रुपये से लेकर दो लाख रूपए तक नकद पुरस्कार दिया जाता है।वर्ष 2017-2018 के लिए पुरस्कार उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 के लिए 18 आवेदनों में से पुरस्कार के लिए 7 आवेदनों का चयन किया गया है। एक मेगावाट से अधिक उद्योगों की श्रेणी के लिए पहला पुरस्कार मैसर्स जिंदल स्टेनलेस स्टील, हिसार और दूसरा पुरस्कार मैसर्स डीसीएम टैक्सटाईल, हिसार को दिया गया। 500 किलोवाट से नीचे के सरकारी भवनों की श्रेणी में,बीएसएनएल टेलीफोन एक्सचेंज , बहादुरगढ़ को प्रथम पुरस्कार और बीएसएनएल, टेलीफोन एक्सचेंज, भिवानी को द्वितीय पुरस्कार दिया गया। संस्थानों और संगठनों की श्रेणी में, जे.सी. बोस विश्वविद्यालय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया गया। सर्वश्रेष्ठ ऊर्जा ऑडिटिंग/ग्रीन बिल्डिंग फर्मां की श्रेणी में ए-जेड एनर्जी इंजीनियर्स, फरीदाबाद द्वारा प्रथम पुरस्कार जीता गया,
जबकि मेसर्स टेक्निकल मैनेजमेंट कंसल्टेंसी सेंटर (टीएमसीसी), पंचकुला ने इस श्रेणी में दूसरा पुरस्कार प्राप्त किया।वर्ष 2018-2019 के लिए पुरस्कार वर्ष 2018-19 के लिए, 32 आवेदनों में से पुरस्कार के लिए 8 आवेदनों का चयन किया गया है और एक आवेदन को प्रशंसा पत्र के लिए चुना गया है। एक मेगावाट से ऊपर के उद्योगों की श्रेणी के लिए पहला पुरस्कार मैसर्स ग्रासिम भिवानी टेक्सटाइल्स लिमिटेड, भिवानी को दिया गया, दूसरा पुरस्कार मैसर्स कैरिज एंड वैगन रिपेयर वर्कशॉप, उत्तर रेलवे, जगाधरी को दिया गया। वाणिज्यिक भवन की श्रेणी में एक मेगावाट या उससे अधिक का लोड जुड़ा होने पर, आईटीसी ग्रीन सेंटर,गुरूग्राम को प्रथम पुरस्कार दिया गया। 500 किलोवाट से नीचे के सरकारी भवनों की श्रेणी में,बीएसएनएल टेलीफोन एक्सचेंज बिल्डिंग, कुरुक्षेत्र को प्रथम पुरस्कार मिला। संस्थानों और संगठनों की श्रेणी में, सनातन धर्म कॉलेज, अंबाला कैंट द्वारा प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया गया और जीडी गोयनका विश्वविद्यालय,शिक्षा सिटी,सोहना-गुडग़ांव रोड को दूसरा पुरस्कार दिया गया। इसी प्रकार, अल्ट्राटैक सीमेंट लि. पानीपत को प्रशंसा पत्र से नवाजा गया। कार्यक्रम के दौरान अन्य पुरस्कारों की घोषणा नवीन एवं नवीकरणीय मंत्री द्वारा की गई और संबंधित जिलों के उपायुक्त व अतिरिक्त उपायुक्तों द्वारा विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में बिजली,नवीन एवं नवीकरणीय मंत्री रणजीत सिंह को विभाग के महानिदेशक डॉ. हनीफ कुरैशी ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त निदेशक ओम दत्त शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया। कार्यक्रम में विभाग के चीफ वैज्ञानिक इंजीनियर श्री पी के यादव व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित पुरस्कार विजेता व विभिन्न हितधारक उपस्थित थे।