अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ओछी भाषा का इस्तेमाल किसी मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता है। एक मुख्यमंत्री को दूसरे मुख्यमंत्री के बारे में ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी भाषा पर मुझे प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता नहीं है। सोशल मीडिया के माध्यम से जनता पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा की निंदा कर रही है। ऐसा व्यवहार करना मेरे संस्कारों में नहीं है। पंचायती राज चुनावों में पिछड़ा वर्ग-ए श्रेणी को 8 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान करने पर हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा व प्रदेश के समस्त पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधियों द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह के उपरांत पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का उत्तर देते हुए उन्होंने यह बात कही।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कोरोना महामारी के मद्देनजर हम सभी को अपनी-अपनी जिम्मेवारी निभानी चाहिए। लेकिन हैरानी है कि ऐसे समय में पंजाब सरकार ने गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार का प्रदर्शन कर इस प्रकार की स्थिति पैदा की। कोरोना महामारी को लेकर कोई भंयकर स्थिति बनती है तो इसके लिए पंजाब सरकार पूरी तरह से जिम्मेवार होगी। एक अन्य प्रश्र का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एकदम झूठ है कि उन्होंने बातचीत का प्रयास नहीं किया। किस-किस समय पर उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री से बातचीत करने के प्रयास किए थे, यह रिकॉर्ड दे दिया गया है। वर्तमान आंदोलन पूरी तरह पंजाब कांग्रेस द्वारा प्रायोजित है। कोरोना की महामारी भंयकर स्वरूप न ले, इसलिए आंदोलन को लेकर सरकार द्वारा एहतियातन कदम उठाए गए थे।
देश के गृहमंत्री ने आंदोलनकारियों से बातचीत करने को कहा है। जैसे ही सभी बुराड़ी के मैदान में आ जाएंगे, उनसे बातचीत कर समाधान निकाला जाएगा। आगामी पंचायती राज चुनावों के संबंध में पूछे गए एक प्रश्र के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि सीधे चुनावों वाले पदों पर यदि सर्वसम्मति से कोई चुनाव होता है तो हरियाणा सरकार संबंधित क्षेत्र को विकास कार्यों के लिए विशेष ग्रांट देने की योजना पर विचार कर रही है। संभवत चुनाव से पहले इसकी घोषणा कर दी जाएगी।