Athrav – Online News Portal
अंतर्राष्टीय गुडगाँव

हरियाणा की बेटी ने लंदन में आर्ट शो “द इक्लेक्टिक मेलांगे ” का भारत सरकार की तरफ से आयोजन किया।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
गुरुग्राम:गुरुग्राम की कलाकार रेणुका सोंधी गुलाटी ने लंदन के साउथ ऑडली स्ट्रीट के नेहरू सेंटर में एक शो “द इक्लेक्टिक  मेलंगे” का आयोजन भारत सरकार की तरफ से  किया है। इस शो का उद्घाटन यूनाइटेड किंगडम के हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य लॉर्ड रामी रेंजर ने किया था। अपने उद्घाटन भाषण में लॉर्ड रामी रेंजर ने कहा कि उन्हें “द इक्लेक्टिक मेलांगे” शो का उद्घाटन करके बहुत खुशी हुई है । उन्होंने कहा कि भारत में वे कहते हैं कि हर 16 मील के बाद बोली बदल जाती है और संस्कृति एक अलग रंग ले लेती है। इतने विशाल राष्ट्र की विविधता को कैनवास पर उतारना कोई आसान काम नहीं है। फिर भी कलाकारों ने इसे अपने तरीके से किया है।

यह शो “द इक्लेक्टिक मेलांगे ” धरती पर मनुष्य और उसके परिवेश के बीच विभिन्न संबंधों की खोज करता है- भौतिक अभिव्यक्तियाँ (जैसे कि अर्बनस्केप, लैंडस्केप, समुद्र  में या सिर्फ उस स्थान से जहां हम संबंधित हैं) और आंतरिक (जैसा कि माइंडस्केप में, हमारे विचार और प्रभाव) सामूहिक रूप से एक दिलचस्प भारतीय छाप बनाते हैं। जैसे भौतिक धरातल में समय के साथ समाज में होने वाली घटनाएं छाप छोड़ जाती है। वैसे ही आंतरिक अभिव्यक्ति मानव मानस में गहरे स्तर पर छाप छोड़ती है। यह प्रदर्शनी “द इक्लेक्टिक मेलांगे” चार कलाकारों- 3 चित्रकारों ( हरियाणा से रेणुका, उत्तर प्रदेश से निवेदिता और इंदौर, मध्य प्रदेश से शशि ) और एक फोटोग्राफर कौशिक माथुर ( कर्नाटक, दक्षिण भारत) के कार्यों के माध्यम से में उस संस्कृति की छाप दिखाती है जिसमे यह कलाकार पैदा हुए और पले-बढ़े, । इन कलाकृतियों को जोड़ने वाला सूत्र  उस  भारतीय संस्कृति का प्राण ही है ऐसा इन कार्यों के माध्यम से स्पष्ट दीखता है ।

ये काम ज्यादातर कोविड के समय के हैं और दिखाते हैं कि मानव, विशेष रूप से कलाकारों की आत्माएं महामारी के कारण मानव जाति के कष्टों को दृढ़ता से दर्शाती हैं और कैसे कलाकारों ने कोविड के कारण हुए मारक अंतराल के बावजूद अपनी दुनिया को फिर से बसाने   की कोशिश की है।रेणुका का काम महिलाओं की समकालीन दुनिया की जटिलताओं से संबंधित है। उनकी कला गति में है। उनकी कलाकृतियाँ वास्तविकता को एक पौराणिक आयाम के साथ मिलाती हैं। शशि और निवेदिता ने अपने काम में भौतिक और आंतरिक दुनिया को खूबसूरती से जोड़ा है। शशि ने कई सीमाओं को पार कर  आत्म-विकास, प्रकृति, जीवन की यात्रा उपलब्धियों के विषयों को जोड़ा है । निवेदिता लगातार धरातल के परिदृश्यों को संलग्न स्थानों, समुद्र, शहर के दृश्य में बदलने के विचार को टटोल रही है। कौशिक ने अपने कैमरा के लेंस के माध्यम से नदी के किनारे और घाटों की कल्पना के साथ जीवन को उस संस्कृति और समाज  को चित्रित किया है जिससे वह आता है।

लॉर्ड रामी रेंजर ने कहा कि वह वास्तव में इन कलाकारों के काम से प्रभावित हुए और उन्हें बधाई दी और आशा व्यक्त की कि यूनाइटेड किंगडम के लोग इन कलाकारों के कार्यों को पसंद करेंगे । उन्होंने कलाकारों को आश्वासन दिया कि वे ब्रिटिश आतिथ्य और कलाप्रेम को पसंद करेंगे और आशा की कि उनका लंदन में शानदार प्रवास होगा और इस शो को उनके सांस्कृतिक करियर में एक अभूतपूर्व मील के पत्थर के रूप में याद करेंगे और आने वाले समय में वह और अधिक कला के साथ फिर से आएंगे। उन्होंने इस अवसर का उपयोग दीपावली की शुभकामनाएं देने के लिए भी किया । यह प्रदर्शनी “द इक्लेक्टिक मेलांगे” 21 अक्टूबर 2022 तक रोजाना सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक सेंट्रल लंदन के साउथ ऑडली स्ट्रीट के भारत सरकार की तरफ से  नेहरू सेंटर में मुफत चलेगी  ।

Related posts

सीएम मनोहर ने निगम कमिश्नर के 15 दिन के वेतन, ज्वाइंट कमिश्नर की 1 महीने की सैलरी काटने, एजेंसी को 1 लाख जुर्माना के दिए निर्देश

Ajit Sinha

लोहड़ी उत्सव में गोलियां चलाकर तीन लोगों को घायल करने वाले हमलाबारों में से एक बदमाश को पुलिस ने किया गिरफ्तार। 

Ajit Sinha

पलवल -सोहना रोड पर बने फार्म हाउस पर ज्ञानेंद्र की हत्या रंजिशन की गई थी, एक आरोपित अरेस्ट

Ajit Sinha
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
error: Content is protected !!
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x