अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा सरकार द्वारा बिजली कंपनियों के लाइन लॉस कम करके उन्हें लाभांश की स्थिति में लाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार के अनूठे प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि वे केंद्रीय विद्युत विभाग के सचिव को हरियाणा द्वारा इस दिशा में किए गए सराहनीय कार्यों का अध्ययन करने के लिए कहेंगी।श्रीमती निर्मला सीतारमण आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यों के मुख्यमंत्रियों, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों व राज्य के वित्त मंत्रियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर रही थीं। बैठक में निवेश के लिए सक्त्रिय सुविधाओं में वृद्धि के अतिरिक्त ऊर्जावान विकास, सुधार, निवेश वृद्धि तथा एक सुधार केंद्रित कारोबारी माहौल बनाने पर चर्चा हुई।मनोहर लाल ने केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया कि संरचनात्मक सुधार के अंतर्गत उदय योजना के तहत राज्य सरकार डिस्कॉम के सकल वितरण एवं वाणिज्यिक घाटे को कम करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। पिछले पांच वर्षों के दौरान, सकल वितरण एवं वाणिज्यिक घाटा 2015-16 के 30.02 प्रतिशत से घटकर 2020-21 में 16.22 प्रतिशत रह गया। इसके अलावा, 2017-18 के दौरान, डिस्कॉम ने लक्ष्य वर्ष से दो साल पहले ही वित्तीय बदलाव हासिल कर 412 करोड़ रुपये का परिचालन / शुद्ध लाभ अर्जित किया है। वर्ष 2018-19 में यह लाभ 291 करोड़ रुपये और वर्ष 2019-20 में 331 करोड़ रुपये रहा।
उन्होंने कहा कि हरियाणा डिस्कॉम ने अगले 3 वर्षों में 10 लाख स्मार्ट मीटर स्थापित करने के लिए एनर्जी एफिशिएंट सर्विस लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। दिसंबर 2020 तक 2.15 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए। डिस्कॉम द्वारा स्मार्ट मीटरिंग प्रोजेक्ट में प्रीपेड सुविधा, ट्रस्ट रीडिंग – बेस्ड बिलिंग, बिजली बिल ऑनलाइन देखने के लिए मिस्ड कॉल सुविधा, डाकघरों के माध्यम से बिजली बिल भरना, नए कनेक्शन के लिए उपभोक्ता संतुष्टि दर और डिलीवरी का औसत समय जैसी कई नागरिक- केंद्रित सेवाएं शुरू की गई हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड- 19 महामारी के संकट के समय में कुशल वित्तीय प्रबंधन से हरियाणा सरकार वर्ष 2020-21 की 5 प्रतिशत स्वीकृत सीमा के मुकाबले राजकोषीय घाटे को जीएसडीपी का 2.90 प्रतिशत बनाए रखने में सक्षम रही है। राज्य ने अपनी ऋण देयता को भी सफलतापूर्वक नियंत्रित किया है, क्योंकि 2020-21 में जीएसडीपी अनुपात का ऋण 23.27 प्रतिशत था। हरियाणा की अर्थव्यवस्था को पुनः उत्थान के लिए रणनीति ‘वी आकार’ की रिकवरी प्राप्त करने और अर्थव्यवस्था के पुनः उत्थान का मार्ग प्रशस्त करने के लिए हमने चार स्तंभों पर आधारित रणनीति बनाई है ।उन्होंने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था की रिकवरी और पुनरुत्थान के लिए स्वास्थ्य, कृषि और आधारभूत संरचना विशेष रूप से सड़कों और रेल की पहचान मुख्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के रूप में की गई है। एम.टी.ई.एफ. रिजर्व फंड पूंजी निवेश के माध्यम से हरियाणा की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार ने बजट में मध्यम अवधि का व्यय ढांचा बनाकर बड़ी पूंजी की परियोजनाओं के लिए एक नई रणनीति तैयार की है। इसके तहत बजट 2021-22 में मध्यम अवधि के व्यय ढांचे (एम.टी.ई.एफ.) के रूप में 8,585 करोड़ रुपये की एक संयुक्त निधि आवंटित की गई है, जो महत्वपूर्ण बदलाव है। एम.टी.ई.एफ. का उपयोग स्वास्थ्य , कृषि और बुनियादी ढांचे पर केंद्रित अति विशिष्ट परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए किया जाएगा । इन विशेष परियोजनाओं में मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार जैसे कि जिला अस्पतालों को अपग्रेड करके 200 बिस्तरों का बनाना , मातृ एवं शिशु अस्पतालों की स्थापना आदि , गन्नौर में अंतर्राष्ट्रीय बागवानी बाजार , सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाएं , ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर , दिल्ली और करनाल के बीच हाई स्पीड रेल कनेक्टिविटी तथा गुरुग्राम और अन्य क्षेत्रों में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार करना आदि शामिल है। राज्य सरकार ने इस बात पर विशेष बल दिया है कि सार्वजनिक धन का आवंटन और खर्च विशिष्ट परिणाम प्राप्त करने के लिए सकारात्मक और विशिष्ट परिणामों को लक्षित करते हुए किया जाए ।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई परिवार पहचान पत्र बनाने की मुख्य पहल में तीव्र प्रगति हुई है। यह पहल नागरिकों को पेपरलेस, फेसलेस सेवा प्रदायगी के साथ -साथ उनके ईज ऑफ लिविंग में सुधार का मार्ग प्रशस्त करेगी। हमारी इस योजना का उद्देश्य अंत्योदय के मूल मंत्र पर चलते हुए अंतिम पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाना है ।मुख्यमंत्री ने कहा कि पात्र केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के माध्यम से सतत विकास लक्ष्य आर्थिक सुधार बांड जुटाए जाएंगे। राज्य सरकार ने लगभग 30,000 करोड़ रुपये के महत्वपूर्ण निवेश के साथ एक पाइपलाइन में प्रमुख योजनाएं/ परियोजनाएं विकसित की हैं। इन परियोजनाओं को लागू करने के लिए एस.पी.वी. स्थापित किए जा रहे हैं। राज्य सरकार के उपक्रम हरियाणा राज्य वित्तीय सेवा लिमिटेड (एचएसएफएसएल) को हरियाणा सतत विकास लक्ष्य आर्थिक सुधार कोष को सहायता देने और इस उद्देश्य के लिए बाजार से धन जुटाने का काम सौंपा गया है। मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने निवेशकों को राज्य के कारोबार अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र की ओर आकर्षित करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। भारत सरकार द्वारा निर्देशित सुधारों को लागू करने में हरियाणा अग्रणी रहा है। राज्य ने बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (2020-21) के तहत अनिवार्य सभी 301 सुधारों को पूरा कर लिया है। इन सुधार क्षेत्रों में भूमि पंजीकरण, भवन नक्शों का अनुमोदन, स्थानीय निकायों के अनुमोदन, बिजली और पानी (उपयोगी सेवाएं) कनेक्शन, अनुबंध प्रवर्तन, सिंगल विंडो डेस्क की स्थापना, निवेश सुविधा हेल्पडेस्क को मजबूत करना, क्षेत्रवार लाइसेंस और कई अन्य अनुमोदन शामिल हैं। इसके अलावा, राज्य ने जिला सुधार कार्य योजना -2019 से संबंधित सभी 45 सुधारों को लागू किया। इसके अलावा, राज्य में निवेश के अनुकूल परिवेश बनाने के उद्देश्य से हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति – 2020 के नाम से नई औद्योगिक नीति लागू की गई है। इसका उद्देश्य 5 लाख रोजगार सृजित करना, एक लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करना, निर्यात को दोगुना करके 2 लाख करोड़ रुपये करना और निवेशकों के अनुकूल बनाने के लिए कई राज्य कानूनों (अधिनियमों, नियमों और दिशा-निर्देशों) को संशोधित करना है । मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति- 2020 के अलावा, वेयरहाउस और लॉजिस्टिक्स, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, कपड़ा और फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्रों में निवेशकों की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने के लिए क्षेत्र विशिष्ट नीतियां भी शुरू की गई हैं। इन्वेस्ट हरियाणा सिंगल विंडो पोर्टल के माध्यम से 25 से अधिक विभागों की औद्योगिक और व्यवसाय से संबंधित 150 से अधिक सेवाएं दी जा रही हैं । इस पोर्टल के माध्यम से 3 लाख से अधिक सेवाएं दी जाती हैं।उन्होंने कहा कि राज्य में निवेशकों के हित में की गई अन्य प्रमुख पहलें भूमि अधिग्रहण, भवन नक्शों की स्वीकृतियों और केंद्रीय निरीक्षण प्रणाली से संबंधित हैं। इसके अलावा, हरियाणा ने भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में उचित मुआवजे और पारदर्शिता का अधिकार (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया है, जो भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को सरल बनाकर विकास परियोजनाओं में तेजी लाने का काम करेगा।उन्होंने कहा कि हरियाणा की लार्ज स्केल मैपिंग परियोजना की पहल को भारत सरकार द्वारा अपनाया गया है और 24 अप्रैल , 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘स्वामित्व’ परियोजना के रूप में एक राष्ट्रव्यापी योजना शुरू की गई है। हरियाणा में 25 दिसंबर 2020 को 22 जिलों के स्वामित्व दस्तावेज मालिकों को दिए गए हैं।मनोहर लाल ने सुझाव देते हुए कहा कि शहरी बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए एन. सी. आर. पी. बी. के शहरी बुनियादी ढांचा विकास कोष (यूआईडीएफ) को स्थापित किया जाए। इसके तहत राज्यों को मुख्य बुनियादी ढांचा, विशेषकर एनसीआर क्षेत्र में, विकसित करने में सक्षम बनाने के लिए नाबार्ड की तर्ज पर कम ब्याज दर पर धन उपलब्ध कराया जा सकता है।इस अवसर पर वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल सहित वित्त विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।