अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:”हिंदी दिल की बात करती है, तो अंग्रेजी रोजगार की। जहाँ हिंदी देश की आत्मा में बसती है, वहीं अंग्रेजी आर्थिक समृद्धि के लिए करोड़ों लोगों के दिमाग में। अगर हम अंग्रेजी, हिंदी व मातृभाषा की साधना कर लें तो हमें दौलत, इज्जत और शोहरत तीनों की ही प्राप्ति हो सकती है।” उक्त बातें देश के जाने माने लेखक, सोशल एंटरप्रेन्योर व ”ब्रिटिश लिंग्वा” के प्रबंध निदेशक डॉक्टर बीरबल झा ने हिंदी दिवस के अवसर पर लक्ष्मी नगर स्थित ‘ब्रिटिश लिंग्वा’ के सेमिनार हॉल में आयोजित एक परिचर्चा एवं सम्मान समारोह में कही । सभा को संबोधित करते हुए भारतीय शिक्षा प्रणाली की त्री-भाषा पद्धति पर जोर देते हुए डॉ. झा ने आगे कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि जहाँ हिंदी दो दिलों को जोड़ने वाली भाषा है, वहीं अंग्रेजी आर्थिक और व्यावसायिक जगत में सफलता पाने के लिए एक सशक्त मंच प्रदान करती है। आज के इस ग्लोबल वर्ल्ड में हमें हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं को साथ लेकर चलने की आवश्यकता है। यह संतुलन हमें दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने में मदद करेगा।गौरतलब है कि समाज के शोषितों और वंचितों को अंग्रेजी भाषा सिखाकर इंग्लिश मिडियम स्कूलों से पढ़कर निकले पेशेवरों के समकक्ष खड़ा करने वाले डाॅ बीरबल झा के संस्थान ब्रिटिशलिंग्वा में हिंदी दिवस समारोह मनाया गया। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले प्रतिष्ठित व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। हिंदी भाषा साहित्य के लिए डॉ अजय अनुराग को भारतेन्दु साहित्य सम्मान से नवाजा गया। वह साहित्यसृजन के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी करनेवाले छात्र -छात्रों को पढ़ाते हैं। साथ ही, हिंदी के प्रख्यात पत्रकार उमानाथ सिंह को अटल बिहारी वाजपेयी सम्मान से ,साहित्यसृजन एवं अनुवाद कार्य से जुड़े प्रमोद कुमार झा को माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता सम्मान से, आशीष झा कोइलखिया को हिंदी सह अंग्रेजी भाषा सम्मान से , विश्व नाथ झा को प्रेमचंद सम्मान से, ब्रजेन्द्र नाथ सिंह को रामवृक्ष बेनीपुरी पत्रिकारिता सम्मान से एवं डिजिटल दुनिया के स्टार्टअप को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाने वाले पत्रकारसुधीर झा को हिंदी पत्रकारिता भूषण सम्मान से नवाजा गया।सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट कमलेश मिश्र को न्यायमूर्ति एच एल कानिया सम्मान प्रदान किया गया। शोषितों और वंचितों को न्याय दिलाने मे हमेशा अग्रसर रहनेवाले कमलेश मिश्र ने बताया सर्वोच्च न्यायालयों के फैसलों को अग्रेजी से हिंदी और हिंदी से अंग्रेजी में अनुवाद करने में वह हिंदी भाषा-भाषी क्षेत्रों के लोगों की मदद करने में हमेशा अग्रसर रहे हैं। वहीं,वर्षों से पर्यावरण की सुरक्षा एवं पौधारोपण अभियान में विशेष योगदान देनेवाले पटना के डॉ प्रशांत सिन्हा को पर्यावरण संरक्षण सम्मान से इस अवसर पर नवाजा गया। इस मौके पर डॉ. अजय अनुराग ने कहा कि हिंदी बोलने वाले लोगों की संख्यां में दिनोदिन बढोतरी इसकी बढ़ती लोकप्रियता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हिंदी भाषी लोगों के लिए रोजगार के असवर बढ़े हैं और लोग इसे खुलकर अपना रहे हैं। वहीं, एडवोकेट कमलेश मिश्र ने कहा कि सरकार के साथ साथ निजी क्षेत्रों की तरफ से भी हिंदी की लोकप्रियता बढ़ाने की दिशा में पहल की गई है। उन्होंने कहा कि हिंदी का बाजार बहुत बड़ा है और निजी कंपनियों के लिए भी इसे नज़रअंदाज़ करना संभव नहीं है। इस मौके पर सम्मानित सभी अतिथियों ने हिंदी को लेकर किए जा रहे सरकारी प्रयासों पर संतोष जाहिर किया। यह आयोजन न केवल हिंदी भाषा के महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारतीय समाज में विभिन्न भाषाओं और क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों का योगदान कितना महत्वपूर्ण है।डाॅ बीरबल झा अंग्रेजी में लिखते हैं और नौजवानों को अंग्रेजी सीखाकर अच्छी नौकरी करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं क्योंकि अंग्रेजी व्यापार और रोजगार की भाषा है। लेकिन हिंदी के प्रति उन्हें असीम अनुराग है और हिंदी की श्रीवृद्धि से जुड़े लोगों को वह हर साल हिंदी दिवस पर सम्मानित करते हैं।
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