अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम: हरियाणा सरकार के अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने का काम करने वाला हरियाणा लोक प्रशिक्षण संस्थान (हिपा) गुरुग्राम अब गरीब परिवारों की लड़कियों का हुनर निखारने के लिए उन्हें स्किल ट्रेनिंग देगा। इसके लिए हिपा गुरुग्राम में फुटप्रिंटस चाइल्ड केयर प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक करार पर हस्ताक्षर किए हैं। हिपा की महानिदेशक श्रीमती सुरीना राजन ने बताया कि गरीब परिवारों विशेषकर बीपीएल परिवारों की युवतियों को तीन क्षेत्रों नामतः केयर गिविंग अर्थात् देखभाल करने, प्री स्कूल शिक्षक तथा प्ले स्कूल खोलने के क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण अल्प अवधि का एक महीने और दो महीने का होगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने की इच्छुक युवतियां 15 जुलाई 2022 तक https://forms.gle/FkeXZNguxCZV8Hfv7 पर आवेदन कर सकती हैं।
श्रीमती राजन ने बताया कि इन लड़कियों को स्वावलंबी या आत्मनिर्भर बनने में मदद करने के लिए हिपा ने फुटप्रिंटस चाइल्ड केयर प्राइवेट लिमिटेड के साथ एमओयू किया है। यह संस्था काफी वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रही है और यह सीएसआर के तहत इन लड़कियों को प्रशिक्षण देगी। उन्होंने बताया कि इस नई पहल में हिपा प्रशिक्षण कार्यक्रम का दस्तावेजीकरण करेगी तथा उसकी गुणवत्ता पर निगरानी रखेगी।उन्होंने बताया कि हिपा द्वारा प्रदेश के आंगनवाड़ी केन्द्रों में इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू करने की दृष्टि से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का अध्ययन किया जाएगा क्योंकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद आंगनवाड़ी केन्द्रों को प्ले स्कूलों में परिवर्तित किया जा रहा है और उन केन्द्रों की क्षमताओं को भी बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस पायलेट प्रोजेक्ट का अध्ययन इस तरह के कौशल विकास कार्यक्रमों को बड़े पैमाने पर चलाने के लिए भी एक प्रभावी रणनीति बनाने में भी मदद करेगा।
एमओयू पर हिपा की तरफ से उसके सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप के प्रमुख डॉ. देवेन्द्र सिंह ने हस्ताक्षर किए जबकि फुटप्रिंट्स चाइल्ड केयर प्राइवेट लिमिटेड की ओर से सुश्री अमिता भारद्वाज ने हस्ताक्षर किए।इस मौके पर उपस्थित गुरुग्राम के अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने बताया कि प्रदेश सरकार के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन 104 आंगनवाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल में बदलते हुए उनके आधारभूत ढांचों में सुधार करने के साथ साथ आंगनवाड़ी केंद्रों की क्षमता भी बढ़ा रहा है। ऐसे में इस प्रकार की पहल से बच्चों को औपचारिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ते हुए प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करने मे मदद मिलेगी। इससे पारंपरिक शिक्षा प्रणाली को और बेहतर बनाया जा सकेगा। बच्चों के साथ साथ इस पहल से जुड़ी जरूरतमंद लड़कियों को रोजगार के अवसर प्रदान होंगे और वे स्वयं के छोटे उद्यम स्थापित कर सकेंगी।कार्यक्रम में उपस्थित हरियाणा सीएसआर ट्रस्ट के एडिश्नल सीईओ गौरव सिंह ने बताया कि पहले चरण में 6 कारपोरेट कंपनियों ने एक समूह के तौर पर अपनी सीएसआर पहल के तहत गुरुग्राम जिला के 200 आंगनवाड़ी केन्द्रों के बुनियादी ढांचे को सुधारने पर सहमति जताई है।फुटप्रिंट्स लिमिटेड की अमिता भारद्वाज ने अपने विचार रखते हुए बताया कि शुरुआती शिक्षा अपेक्षाकृत असंगठित होती है जिसमें समय के साथ साथ प्रणालीगत और प्रोफेशनल टच देने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि इन लड़कियों को कोर्स के दौरान प्रशिक्षण हाइब्रिड तरीके से दिया जाएगा जिसमें कक्षा में प्रशिक्षण के साथ साथ ऑनलाइन , स्वः अध्ययन और राष्ट्रीय शिक्षा नीति में दिए गए शारीरिक प्रशिक्षण के घटकों को शामिल किया जाएगा। प्रशिक्षु लड़कियों को स्किल की ट्रेनिंग देकर उन्हें लाभकारी रोजगार दिलवाने या अपने छोटे उद्यम स्थापित करने में मदद करके इस तरह के प्रशिक्षण को अपने तार्किक अंत तक ले जाया जाएगा।
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