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दिल्ली

केजरीवाल सरकार का ऐतिहासिक क़दम ; प्रीमियम बस एग्रीगेटर योजना हुई अधिसूचित

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली:केजरीवाल सरकार ने दिल्ली मोटर व्हीकल लाइसेंसिंग ऑफ एग्रीगेटर (प्रीमियम बस) योजना, 2023 को अधिसूचित कर दिया है। दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में यह योजना एक ऐतिहासिक क़दम है। दिल्ली देश का पहला राज्य है जहाँ इस तरह की प्रीमियम बस एग्रीगेटर योजना लागू की गयी है। एक बयान में, दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, “दिल्ली मोटर व्हीकल लाइसेंसिंग ऑफ एग्रीगेटर (प्रीमियम बस) योजना, 2023 की अधिसूचना दिल्ली के लिए ऐतिहासिक है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कुशल नेतृत्व में, यह दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने और प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना दिल्लीवासियों को विश्वस्तरीय, प्रदूषण रहित और सुविधाजनक यात्रा विकल्प प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।”

योजना के तहत इंट्रा-सिटी यात्राओं के लिए प्रीमियम बस शुरू करने का प्रावधान है। दिल्ली मोटर व्हीकल लाइसेंसिंग ऑफ एग्रीगेटर (प्रीमियम बस) योजना, 2023 “प्रीमियम बस” को परिभाषित भी करती है। इसके तहत “प्रीमियम बसें” वैसी लक्जरी सार्वजनिक बस होगी जिसमें कम से कम 09 यात्रियों के बैठने की क्षमता होगी और बसें पूरी तरह से वातानुकूलित होगी। साथ ही इन बसों में वाईफाई, जीपीएस और सीसीटीवी के साथ पूर्व आरक्षित रिक्लाइनिंग सीटें होंगी। लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदकों के पास सार्वजनिक या साझा परिवहन में वाहनों के संचालन व प्रबंधन का न्यूनतम 3 वर्ष का अनुभव होना चाहिए। उन्हें सालाना न्यूनतम 100 यात्री बसों या सालाना 1000 यात्री कारों का बेड़ा बनाए रखना होगा । यदि बसों और कारों के मिश्रित बेड़े की बात करें तो उन्हें  मिश्रित बेड़े में न्यूनतम 100 बसें रखनी होंगी। मिश्रित बेड़े के लिए 1 बस के बराबर 10 कारों की गणना की जाएगी। लाइसेंस आवेदकों को कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बसों के समान ही यात्री वाहनों के उपयोग से संबंधित सभी लागू शर्तों का पालन करना होगा। सीएनजी बसों के मामले में योजना में यह प्रावधान है कि बस 3 वर्ष से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए। 1 जनवरी, 2025 के बाद सेवा में शामिल होने वाली सभी बसें इलेक्ट्रिक होंगी। इसके अलावा आवेदकों के पास राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में एक कॉर्पोरेट या शाखा कार्यालय होना आवश्यक है। योजना के तहत, एग्रीगेटर लाइसेंस 5,00,000 रुपये  के भुगतान पर पांच साल की अवधि के लिए दिया जाएगा। इसके अलावा पांच साल की अवधि समाप्ति से पहले 2,500 का भुगतान करके अगले पांच वर्षों के लिए नवीनीकरण प्राप्त किया जा सकता है। इलेक्ट्रिक बसों पर कोई लाइसेंस शुल्क नहीं लगाया जाएगा। इसके अलावा, लाइसेंस धारकों को मिनी, मिडी या मानक आकार की कम से कम 25 प्रीमियम बसों के बेड़े का संचालन और रखरखाव करना आवश्यक है, जिसे लाइसेंस मिलने के 90 दिनों के भीतर चालू किया जाना आवश्यक है।
*प्रमुख विशेषताएँ**मार्ग:*
लाइसेंस धारकों के पास अपनी प्रीमियम बसों के संचालन के लिए संभावित मार्गों को निर्धारित करने की छूट होगी ।
*डायनेमिक किराया:*
किराया डायनेमिक होगा जो दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) एसी बसों के अधिकतम किराये से कम नहीं हो सकती है।*डिजिटल टिकटिंग:
* केवल पहले से बुक की गई डिजिटल टिकटिंग की अनुमति होगी। यात्रियों से सभी शुल्क इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल भुगतान मोड के माध्यम से लिए जाएंगे।

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