अजीत सिन्हा की रिपोर्ट / नई दिल्ली
दिल्ली में होम आइसोलेशन की व्यवस्था दोबारा बहाल कर दी गई है। अब सभी मरीजों को क्वारन्टीन सेंटर जाकर जांच कराने की बाध्यता खत्म कर दी गई है। आज यह फैसला एसडीएमए की बैठक में लिया गया। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि अब रैपिड टेस्ट के दौरान मरीजों की स्क्रीनिंग टेस्टिंग सेंटर पर होगी, जबकि हल्के वह एसिमटोमैटिक मरीजों को घर पर इलाज की अनुमति रहेगी*। इसके लिए उनके पास अलग से कमरा व शौचालय होना अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि बीते शनिवार को एलजी ने एक आदेश जारी कर सभी कोरोना मरीजों के लिए क्वारन्टीन सेंटर जाकर जांच जांच कराना अवश्य कर दिया था। इससे लोग दुखी थे, अब यह व्यवस्था को खत्म कर दी गई है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक बयान जारी कर कहा कि विगत शुक्रवार तक दिल्ली में हमने शानदार व्यवस्था बना रखी थी। पहले कोरोना पॉजिटिव मरीजों के घर हमारी मेडिकल टीम जाकर जांच करती थी। वह मरीज के बुखार, ऑक्सीजन लेवल तथा अन्य मेडिकल स्थिति की जांच करती थी। अगर वह सिम्प्टोमिक हो या कोई अन्य जटिलता हो, तो अस्पताल भेजा जाता था। अन्यथा होम आइसोलेशन के लायक होने पर घर की स्थिति की जांच की जाती थी। जिनका होम आइसोलेशन संभव हो, उन्हें यह सुविधा मिलती थी। लेकिन एलजी और केंद्र सरकार ने पहले तो होम आइसोलेशन बंद करा दिया। पांच दिनों तक हर मरीज को अस्पताल में रहना जरूरी कर दिया गया। इससे सबको परेशानी बढ़ी। किसी तरह हमने उस आदेश को वापस कराया। इसके बाद शनिवार को फिर एलजी ने एक आदेश निकाल कर सभी कोरोना मरीजों को क्वारन्टीन सेंटर जाकर जांच कराना जरूरी कर दिया गया। इस आदेश से लोग काफी परेशान थे। जिन्हें 102 या 103 डिग्री बुखार हो, उसे भी जाकर लाइन में लगना जरूरी कर दिया गया। जबकि यह काम हम उन्हें घर बैठे कर देते थे। सबको सेंटर जाना तकलीफ बढ़ाने वाली बात थी। इससे लोग दुखी थे।
*इसलिए हमने केंद्र से अनुरोध किया था कि हमारी व्यवस्था जारी रहने दी जाए। खुशी की बात है कि हमारी बात मान ली गई है। अब फिर वही हमारा सिस्टम लागू हो गया है*।अब जिसे भी कोरोना पाया जाएगा, हमारी मेडिकल टीम उसके घर जाकर स्क्रीनिंग करेगी। मरीज की मेडिकल स्थिति की जांच करेगी। अस्पताल जाना जरूरी हुआ तो अस्पताल भेजा जाएगा। अन्यथा होम आइसोलेशन में इलाज होगा। इस तरह बीच में जो 3-4 दिन की परेशानी हुई, वह अब खत्म हो गई है। *दिल्ली में हमने होम आइसोलेशन की शानदार व्यवस्था की है। देश भर में यह सबसे अच्छी व्यवस्था है। दिल्ली में अब तक 30,000 से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं। किसी भी नई और अच्छी व्यवस्था को आगे बढ़ाना चाहिए। उसे बंद करने से परेशानी बढ़ती है।
खुशी है कि आज एसडीएमए की बैठक में इस पर हमारे अनुसार निर्णय हो गया। आदेश में लिखा गया है कि रैपिड टेस्ट के दौरान मरीजों की स्क्रीनिंग टेस्टिंग सेंटर पर हो जाएगी। लेकिन शेष मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति होगी। माइल्ड और एसिम्प्टोमैटिक मरीजों को घर पर इलाज की अनुमति होगी। बशर्ते कि उनके लिए अलग कमरे और अलग शौचालय की व्यवस्था हो।