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चुनाव ड्यूटी पर अनुपस्थित रहने वाले होमगार्ड के विरूद्ध होगी नियमानुसार कार्रवाई

संवाददाता , जयपुर : गृहमंत्री श्री गुलाब चंद कटारिया ने आन्दोलनरत स्वयंसेवकाें को निर्देश दिये हैं कि जिन गृहरक्षा स्वयंसेवकों को 9 फरवरी तक उतराखण्ड चुनाव ड्यूटी पर रवाना होने के निर्देश दिये गये हैं, वे तत्काल चुनाव ड्यूटी एवं अन्य विभागों में अपनी उपस्थिति दें। उन्होंने कहा कि होमगाडर््स द्वारा उपस्थिति नहीं देने पर सरकार उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई शुरू कर देगी। ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार द्वारा लगभग 8 से 10 हजार होमगार्ड्स को चुनाव ड्यूटी में जाने के आदेश जारी किये जा चुके है।      गृहमंत्री श्री गुलाब चंद कटारिया मंगलवार को अपने कक्ष में आयोजित गृहरक्षा विभाग की विशेष बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इससे पूर्व भी गृहमंत्री की अध्यक्षता में आन्दोलनरत स्वयंसेवकाें के प्रतिनिधियों के साथ दो बार बैठकें आयोजित हो चुकी है।  गृहमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार स्वयंसेवकों की समस्त वाजिब माँगों पर सहमति व्यक्त कर गृह विभाग ने 5 फरवरी को यह आदेश जारी किया है कि जब तक 70 प्रतिशत स्वयंसेवकों को नियमित रोजगार उपलब्ध करवाने की व्यवस्था नहीं कर ली जाती, तब तक स्वयंसेवकों की नयी भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ नहीं की जायेगी। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त वर्तमान में प्रचलित रोटेशन प्रणाली को और पारदर्शी बनाने के लिये विभागीय स्तर पर स्वयंसेवकों के रोजगार के अवसरों को बढ़ाने, समय पर स्वयंसेवकों के मानदेय का भुगतान करने तथा रात्रिगश्त में हो रही अनियमितता को दूर करने हेतु आदेश गृह विभाग द्वारा प्रसारित कर दिये गये हैं। श्री कटारिया ने कहा कि सरकार स्वयंसेवकों की माँगों के प्रति गम्भीर है एवं इनके नियोजन को बढ़ाने की कार्यवाही लगातार की जा रही है।

उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1) के अन्तर्गत किसी भी वर्दीधारी फोर्स/संस्था को संगठन बनाने का अधिकार प्रदत नहीं है। इसके बावजूद स्वयंसेवकों द्वारा लगातार इस अनुच्छेद की अवहेलना की जा रही है। जो कि न्याय संगत नहीं है। उन्होंने बताया कि राजस्थान होमगार्ड अधिनियम, 1963 की धारा 9(1) के तहत यह प्रावधान है कि यदि स्वयंसेवक अपने कार्यो और कत्र्तव्यों के अनुपालन के लिये उसे दिये गये किसी विधिपूर्ण आदेश या निर्देश की पालना करने की उपेक्षा या इन्कार करता है, तो वह दोषी है। उन्होंने बताया कि इसके लिये दोष सिद्ध होने पर तीन माह के साधारण कारावास या 250 रुपये का जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है। लोक प्रतिनिधित्व नियम1951 की धारा 134 के तहत भी कोई स्वयंसेवक अगर अपनी सेवायें देने से मना करता है, तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही किये जाने का भी स्पष्ट प्रावधान है।

गृहमंत्री ने बताया कि गृह रक्षा स्वयंसेवक राज्य सरकार का नियमित कर्मचारी नहीं है तथा यह एक स्वयंसेवी संस्था है। स्वयं सेवक के रूप में अपनी मर्जी से सेवाएं देने के संबंध में सदस्यता दिये जाने के समय ही उन्हें अवगत कराया जाता है। अतः इन्हें आवश्यकतानुसार ही विभिन्न राजकीय कार्योे हेतु नियोजित किया जाता है। वर्तमान में 12 हजार 458स्वयंसेवकों को विभिन्न संस्थाओं में रोजगार उपलध कराया जा रहा है, जो पिछले 5 वर्षो में सर्वाधिक है। यह भी प्रकाश में आया है कि कई स्वयंसेवको को जबर्दस्ती चुनाव ड्यूटी पर आने से रोका जा रहा है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत ऎसे लोगों पर सख्त कार्यवाही की जायेगी।

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