अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नोएडा के थाना फेज-3 स्थित सेक्टर- 65 स्थित बहलोलपुर की झुग्गी-झोपड़ियो की बस्ती में लगी भीषण आग लग गई जिसमे सैकडो झोपड़ियां जल कर खाक हो गई। आग पर काबू पाने के लिए जिले भर से करीब एक 17 फायर टेंडर्स को बुलाया गया है जो आग पर काबू पाने में जुटे है। आग की चपेट में आकर झुलसने से दो बच्चों के मौत हो गई है। सीएफ़ओ अरुण कुमार का कहना है कि पूर्ण रूप से आग बुझाने के बाद सर्च अभियान चलाकर देखा जाएगा कि कहीं कोई और कैजुअल्टी तो नहीं हुई है? आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
दोपहर दो बजे सेक्टर- 65 के निकट बहलोलपुर में झुग्गी झोपडियों तथा कबाड़ के गोदाम में लगीआग तेज हवाओं के कारण आग तेजी से फैलती चलती गई और कबाड़ के गोदाम के आस-पास की झुग्गियों को अपनी चपेट में लिया। वहाँ फैले प्लास्टिक की पन्नी, बोतलों, आदि कबाड़ के ढेर के कारण आग तेजी से झुग्गियों में आग फैल गई। झुग्गीवासीयो का कहना है कि कहना है की आग तेजी फैली तो फोन करने पर भी पुलिस और फायर बिग्रेड की गाडियाँ मौके पर देर से पहुंची जिससे आग भयावह होती गई। वे लोग किसी तरह अपनी जान बचा पाए उनका सारा समान जल कर खाक हो गया। नोएडा सेंट्रल के डीसीपी हरीश चंद्र ने बताया कि इस हादसे में करीब 150 झुग्गियों के जलगई हैं और इस भीषण आग में दो बच्चों के मौत हो गई है। पुलिस को सूचना मिली थी कि बहलोलपुर के पास झुग्गी बस्ती में अचानक आग लगी है फायर ब्रिगेड टीम मौके पर पहुंच गई, लेकिन सिलेंडर फटने से और तेज हवाओं के कारण डेढ़ सौ से ज्यादा झुग्गियां जलकर खाक हो गई इस में दो बच्चों का शव मिला है। क्यों सो रहे थे इसलिए बाहर नहीं निकाल पाए ।
सीएफ़ओ अरुण कुमार के अनुसार दोपहर लगभग 2 बजे सेक्टर- 65 के निकट बहलोलपुर में झुग्गी झोपडियों तथा कबाड़ के गोदाम में आग की सूचना मिली थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए 17 फायर टेंडर और चार एसएसओ भेजे गए। आग का क्षेत्र काफी बड़ा था। इसमें झोपड़ियों से कहीं अधिक प्लास्टिक की पन्नी, बोतलों,आदि कबाड़ के ढेर जगह-जगह फैले थे, जिसके कारण आग तेजी से फैल गई। 17 गाड़ियों की मदद से लगभग 2 घंटे में आग की भयं कर लपटों पर भारी मशक्कत के बाद नियंत्रण पाया गया। आग को पूर्ण रूप से बुझाने का काम अभी चल रहा है। आग में दो बच्चे जल गए। पूर्ण रूप से आग बुझाने के बाद सर्च अभियान चला कर देखा जाएगा कि कहीं कोई और कैजुअल्टी और तो नहीं हुई है? आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
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