अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: श्रीमती डॉली शर्मा ने आज अखिल भारतीय कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ” मर गई इंसानियत, मगर इंसान जिंदा है,जिस्म को नोच खानेवाला शैतान जिंदा है,रोज एक द्रौपदी की लुटती है आबरू, आज भी कहीं न कहीं वो दुशासन जिंदा है। “हाथरस मामले में न्यायालय द्वारा एक आरोपी को दोषी पाए जाने और अन्य तीन आरोपियों को निर्दोष मुक्त करने से इस मामले में आरंभ में उत्तर प्रदेश पुलिस और बाद में CBI द्वारा की गई कमजोर जाँच का पुनः पर्दाफ़ाश हुआ है। इस मामले में कांग्रेस पार्टी द्वारा लगातार आवाज़ उठाई गई थी और हमारे नेता राहुल गांधी और उत्तर प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी द्वारा लगातार पीड़ित परिवार के न्याय के लिए गुहार लगाई गई थी। सब से ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण यह है की एक नाबालिग दलित परिवार की बेटी का सामूहिक बलात्कार कर उसकी नृशंस हत्या की गई और सिर्फ पुलिस की कमजोर जाँच की वजह से न्यायालय में बलात्कार का आरोप अभियोजन पक्ष सिद्ध तक नहीं कर पाया। इस संदर्भ में मैं कुछ बातों पर आप सब का ध्यान आकर्षित करना चाहती हूँ।
शुरू से ही इस मामले को दबाने के लिए उत्तर प्रदेश की भाजपा द्वारा पुलिस और प्रशासन का कितना दुरुपयोग किया गया, ये आप सभी को ज्ञात है। आप में से मीडिया के कई साथी उस वक्त हाथरस में मौजूद थे। एक तरह से पूरे इलाके को छावनी मे तब्दील कर दिया गया था। पीड़िता के घर पर पुलिस और प्रशासन का भारी जमावड़ा था। किसी से बात नहीं करने दी जा रही थी। हमारे नेता राहुल और प्रियंका को हाथरस जाने से रोका गया था। मीडिया के साथियों तक को वहां से खदेड़ने की कोशिशें हुई थीं। मामला उजागर होने के साथ ही आरोपियों को बचाने और इस मामले को दबाने के लिए सरकारी तंत्र इसको एक “षड्यंत्र” का रूप देने में जुटा हुआ था। यहां तक कहा गया कि सांप्रदायिक सद्भाव खराब करने और दंगे कराने की साजिशें हो रही हैं। इसी तरह के आरोपों में कई लोगों पर FIR की गई और गिरफ़्तारियां तक हुईं। हाथरस के तत्कालीन DM को परिवार पर दबाव बनाते हुए वीडियो में पूरे देश ने देखा। एक तरह से पूरी सरकारी व्यवस्था भाजपा के इशारों पर पीड़ित परिवार को प्रताड़ित करने और आरोपियों को बचाने का काम कर रही थी।
सब से ज्यादा दुःख देने वाली बात पीड़ित लड़की का आखिरी बयान… जिसे कानूनी भाषा मे Dying Declaration कहते हैं… जिसमें उसने आरोपियों के नाम स्पष्टता से लिए थे और उस वीडियो को भी पूरे देश ने देखा था। इतना ही नहीं, CBI का आरोप पत्र भी लड़की से बलात्कार होने की बात साफ़ कर रहा था। इतना सब होने के बावजूद आखिर में आरोपियों पर बलात्कार का आरोप सिद्ध ना होना, चार मे से तीन आरोपियों का बरी होना… हमारे उस आरोप को फिर एक बार सिद्ध करता है कि पुलिस और प्रशासन ने शुरुआती जाँच में गंभीर लापरवाही से काम किया, साक्ष्यों और सबूतों से खिलवाड़ हुआ, हर तरह से दबाव बनाया गया और न्यायालय के सामने एक ऐसा कमजोर अभियोजन पेश किया गया जिससे आरोपियों को लाभ हो और पीड़ित को न्याय ना मिले। हाथरस में हुए इस जघन्य अपराध और उसके बाद इस मामले में सरकार की भूमिका ने भाजपा के “बेटी बचाओ” के नारे की पोल खोल कर रख दी है। दलित समुदाय की नाबालिग लड़की को न्याय से वंचित रखने का अपराध भाजपा ने किया है, जो दिन रात ‘सब का साथ’ का जुमला दोहराती रहती है।
आज मैं भाजपा के चेहरे से तथाकथित ‘संस्कारी’ मास्क हटाने के लिए कुछ बातों पर आप सब का ध्यान आकर्षित करना चाहती हूँ।
आप सब को ज्ञात है 2017 में हुआ उन्नाव का बलात्कार का मामला। भाजपा का तत्कालीन विधायक कुलदीप सेंगर एक नाबालिग का अपहरण करता है, उसका बलात्कार करता है, पीड़ित के पिता को Arms Act के एक फ़र्जी केस मे गिरफ्तार करवा कर हवालात में ही उनकी मौत का इंतजाम करवाता है और बाद में केस की पेशी के दौरान सड़क हादसे के बहाने खुद पीड़िता का कत्ल करने का प्रयास करता है। याद कीजिये, मामला जून 2017 का था। लेकिन जब तक माननीय उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार को नहीं लताड़ा, तब तक कुलदीप को गिरफ्तार नहीं किया गया। ये क्या दर्शाता है? सत्ता का रसूख इतना कि आप विधायक रहते हुए जघन्य अपराध कीजिये और आप बचा लिए जाओगे! भाजपा की बेशर्मी यहीं नहीं खत्म होती। दिखावे के लिए कुलदीप सेंगर पर कार्र्वाई करते है। पीड़ित परिवार के न्याय के नाम पर घड़ियाली आँसू बहाते हैं लेकिन 2021 में जब पंचायत चुनाव आते हैं, तब यही भाजपा कुलदीप सेंगर की पत्नी को जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में टिकट देती है। जब कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर चौतरफा आवाज़ उठाती है और मीडिया में हो-हल्ला मचता है तो अंत में कुलदीप की पत्नी का टिकट वापस लिया जाता है। इससे साफ़ है भाजपा ने कुलदीप सेंगर पर जो कार्रवाई की, वह सिर्फ दिखावा है और उसका रसूख आज भी भाजपा में कायम है। क्या इसी महिला सन्मान की बात प्रधानमंत्री मोदी जी लाल किले से कर रहे थे? क्या इस देश में दलित नाबालिग लड़कियों का सन्मान भाजपा इस तरह करेगी? क्या प्रधानमंत्री मोदी इस पर देश की बेटियों से माफी मांगेंगे? आप सब ने देखा कि गुजरात में 2002 के नरसंहार के दौरान बिल्किस बानो के साथ कितना अन्याय हुआ। उनका सामूहिक बलात्कार किया गया। उस वक्त बिल्किस पाँच माह की गर्भवती थी। उनकी तीन साल की बेटी की हत्या कर दी गई। परिवार के अन्य सदस्यों तक को नहीं बख़्शा गया था। इस बर्बरता में लिप्त आरोपियों को चुनाव से कुछ माह पूर्व गुजरात की भाजपा सरकार ने जेल से रिहा कर दिया। बेशर्मी की पराकाष्ठा तो तब हुई जब इन आरोपियों का स्वागत फूल मालाएं पहनाकर और मिठाई खिलाकर किया गया। और तो और, भाजपा के विधायक और पूर्व मंत्री चंद्रसिंह रावजी ने इन आरोपियों को “संस्कारी” कहते हुए उनका बचाव किया। ये भाजपा के “संस्कार” का ज्वलंत उदाहरण नहीं तो और क्या है? उत्तराखंड मे हुई अंकिता भंडारी की जघन्य हत्या से पूरे देश में आक्रोश था। लड़कियो में एक गुस्सा था और सुरक्षा को लेकर डर था। उस केस में भी आरोपी पुलकित आर्या भाजपा के बड़े नेता विनोद आर्या का बेटा था। उसके रिजॉर्ट मे आनेवाले VIP को 10,000 रुपये मे विशेष सेवा देने का दबाव अंकिता पर डाला गया लेकिन अंकिता ने जब इससे साफ़ इंकार किया तो अपनी पोल खुलने के डर से भाजपा नेता के बेटे ने अंकिता की हत्या कर दी। दूसरे दिन उसके रिजॉर्ट और अंकिता के कमरे को आग लगा दी गई, वहां बुलडोज़र चलाया गया। बहुत सारे सबूत नष्ट कर दिये गए। सरकार में भाजपा है और आरोपी बड़े भाजपा नेता का बेटा तो उसको बचाना मुख्यमंत्री का परम कर्तव्य जो हुआ… लेकिन मामले ने ऐसा तूल पकड़ा, कांग्रेस की उत्तराखंड इकाई ने ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन कर दबाव डाला और मीडिया ने ख़बर चलाई तो “संस्कारी” भाजपा के नेतापुत्र की असलियत देश के सामने आई। एक ताजा मामला छत्तीसगढ़ से भी है। वहाँ के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के पुत्र पलाश चंदेल पर शादी का झांसा देकर एक युवती से कई बार बलात्कार करने का केस दर्ज हुआ है। युवती ने जबरन दबाव बनाकर गर्भपात करवाने का भी आरोप लगाया है। गौर करनेवाली बात है कि युवती आदिवासी है और लगातार जान के भय की बात कह रही है। लेकिन जैसा की हमेशा होता है, “संस्कारी” भाजपा फिर एक बार बलात्कार के आरोपी के बचाव में खड़ी नज़र आती है।
पिछले साल छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर क्षेत्र से उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे ब्रह्मानंद नेताम को पुलिस ने बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया था। उस मामले में भी भाजपा नेताओं के बयान देख कर यही साबित होता है कि कैसे हर बलात्कारी भाजपाई नेता को बचाना जैसे पार्टी के प्रमुख एजेंडे का हिस्सा हो।मेघालय में हुए चुनाव में भाजपा ने बेरनार्ड मराक को टिकट दिया था। ये वही महाशय हैं जिनके ठिकानों पर छापेमारी में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ था। गिरफ्तारी तक हुई थी। फिलहाल ये बेल पर बाहर हैं। भाजपा ने इन्हें मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के खिलाफ़ उम्मीदवार बनाया। और अब नतीजों के बाद उन्हीं संगमा को समर्थन देकर सत्ता की मलाई खाने सरकार में शामिल हो रहे हैं। ये है भाजपा का दोगला चरित्र। मैंने आप सब के सामने उत्तर प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, मेघालय के कुछ मामलों का ज़िक्र किया है। और भी कई मामले हैं जिसमें भाजपा के कार्यकर्ता और नेता बलात्कार और अन्य महिला-विरोधी अपराधों मे लिप्त पाए गए हैं। लेकिन आप ऐसा एक मामला मुझे बता दीजिये जिसमें भाजपा ने स्वयं से कार्रवाई की हो और कानूनी तौर पर दोषी को सजा दिलाई हो। मैंने जितने मामले आपके समक्ष रखे, उनका सार क्या है…
१. बलात्कार के आरोपी भाजपा नेताओं को भाजपा हमेशा संरक्षण देगी।
२. भाजपा-शासित राज्यों मे बलात्कारी भाजपाइयों को पुलिस और प्रशासन के माध्यम से बचाया जायेगा।
३. ‘बेटी बचाओ’ के नारे और लाल किले से महिला सम्मान की खोखली बात कर महिलाओं को गुमराह किया जायेगा।
४. महिला विभाग की मंत्री स्मृति ईरानी जैसों को सिर्फ हमारे नेता श्री राहुल जी की आलोचना करने का काम दिया जायेगा। महिलाओं पर भाजपाइओ द्वारा हो रहे अत्याचारों पर उनसे मुंह में दही जमाये बैठे रहने को कहा जायेगा।
मै आप सब से कहना चाहूँगी कि यह विषय काँग्रेस पार्टी के लिए राजनैतिक कतई नहीं है, देश की माँ- बेटियों की सुरक्षा, सम्मान और अस्मिता से जुड़ा हुआ है। लेकिन जब सरकार में बैठे सत्ताधीश और उनके परिवार के सदस्य खुद ही महिलाओं की इज्ज़त पर हाथ डालेंगे और न्याय की आवाज़ को दबाने का हर प्रयास करेंगे तो ऐसे में काँग्रेस पार्टी चुप नहीं बैठ सकती। गौरतलब है कि पिछले नौ साल में हुई इन सारी बर्बर घटनाओं के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने एक शब्द नहीं कहा। ये चुप्पी क्या दर्शाती है? इससे उलट प्रधानमंत्री मोदी कई ऐसे लोगों को ट्विटर पर फॉलो करते हैं जो महिलाओं के बारे में अश्लील भाषा लिखते हैं, उन्हें दिनदहाड़े रेप की धमकियों भरे संदेश भेजते हैं और महिलाओ के प्रति एक घृणित मानसिकता रखते हैं। इसे पीछे का राज़ क्या है, मोदी जी? बात महिला सम्मान की, बात बेटी बचाने की लेकिन काम बलात्कार के आरोपी भाजपाई नेताओं को बचाने के… ये कैसा दोहरा चरित्र है भाजपा का?