अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा: एक समान मुआवजा, नौकरी और अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर एनटीपीसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 24 गांव के सैकड़ों किसान और महिलाओं की पुलिस से हुई नोकझोंक के बाद पहले पुलिस ने वाटर कैनन से पानी की बौछार मारकर उन्हें तितर-बितर करना चाहा फिर विरोध करने पर लाठीचार्ज किया इसमें आधा दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। घायलों को इलाज के लिए प्राथमिक केंद्रों पर ले जाया गया है।
जिस समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गौतम बुध नगर में कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस की पीठ थपथपा रहे थे। उसी दौरान जारचा में स्थित एनटीपीसी पर पुलिस प्रदर्शन कारियों पर लाठीचार्ज रही थी। यह लाठी महिला और पुरुषों दोनों पर बरसाई गई जिसमें आधा दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए जिन्हें इलाज के लिए प्राथमिक केंद्रों और अस्पतालों में और अस्पतालों में ले जाया गया है. इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सुखबीर पहलवान ने बताया कि एनटीपीसी में करीब 24 गांवों की जमीन का अधिग्रहण वर्ष 1986 में किया था। जिसके लिए एनटीपीसी ने किसानों को 6 रुपये प्रति गज के हिसाब से मुआवजा दिया था तो वहीं इस वित्तीय वर्ष में कुछ किसानों को 120 रुपये प्रति गज के हिसाब से मुआवजा दिया गया था। दोनों मुआवजे की दर में बहुत अंतर होने के चलते किसान आंदोलन करने को मजबूर हो गए। किसान एक समान मुआवजा दर की मांग, प्रभावित किसानों के परिवार से एक व्यक्ति को एनटीपीसी में नौकरी दी जाए और अन्य सुविधाएं जिसको लेकर किसान लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं।
जब किसानो ने 19 अक्टूबर को आंदोलन किया था. तब एसडीएम दादरी ने महिलाओं को समझा-बुझाकर 2 दिन का समय मांगा और उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को लेकर एनटीपीसी के प्रबंधक से वार्ता उनकी कराई जाएगी जिसके बाद सड़कों से महिलाएं हट गई लेकिन उन्होंने कहा प्रशासन और एनटीपीसी को 30 अक्टूबर तक का समय दिया है अगर मांग पूरी नहीं हुई तो 31 अक्टूबर प्रदर्शन किया जायेगा.
आज जब किसान और महिलाओं जब प्रदर्शन किया तो पुलिस ने वाटर कैनन से पानी की बौछार मारकर उन्हें तितर-बितर करना चाहा फिर विरोध करने पर लाठीचार्ज किया इसमें आधा दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं.
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