अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चण्डीगढ़: हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने आज यह अभिव्यक्ति व्यक्त करते हुए कहा कि “आपकी दुआओं से ही मैं आज जिंदा हूं, वरना मैं तो धरती का एक छोटा सा परिंदा हूं। कभी उंचा उडऩे की ख्वाहिश नहीं की मैंने, काम अधूरा छोड़कर चला जाता, यह सोच के ही शर्मिंदा हूं, वरना मैं तो धरती का एक छोटा सा परिंदा हूं। आपकी दुआओं से ही मैं जिंदा हूं”।यह अभिव्यक्ति गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने शनिवार को जिला अम्बाला के ऐतिहासिक गुरूद्वारा श्री पंजोखरा साहिब में माथा टेककर गुरू साहिब महाराज का आशीर्वाद लेने के उपरांत उपस्थित संगत को अपने सम्बोधन में कही। पंजोखरा साहिब में प्रातः गृह मंत्री अनिल विज की चढ़दी कला एवं देह आरोग्यता के लिए श्री अखंड पाठ साहिब रखा गया था जिसका आज भोग डाला गया।
मेरे खून का एक-एक कतरा और मेरी एक-एक सांस लोगों की सेवा लिए मैं लगा दूंगा – अनिल विज
अनिल विज ने कहा कि उनकी चढ़दीकला एवं देह आरोग्यता के लिए पिछले 48 घंटो से यहां पर जो पाठ रखा गया है और जिस श्रद्धा व भावना से आपने यह कार्य किया है उसके लिए मैं तथा मेरा पूरा परिवार सदा ऋणी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि मैं कहीं पर भी खड़ा हूं वहां मै अपने लिए कुछ नहीं मांगता, आज भी मैं गुरू महाराज के दरबार में हाजिरी लगाकर एक ही प्रार्थना करता हूं कि लोगों की सेवा करने का व लोगों का आशीर्वाद मुझे ऐसे ही मिलता रहे। आपकी कृपा बनी रहे, मेरे खून का एक-एक कतरा और मेरी एक-एक सांस लोगों की सेवा के लिए मैं लगा दूंगा। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में वह गंभीर रूप से बीमार हो गये थे, मेरी वापिस आने की कोई उम्मीद नहीं थी लेकिन लोगों की दुआओं व लोगों की कृपा से मैं वापिस आया हूं। आपकी दुआओं से ही मैं आज जिंदा हूं।गृहमंत्री ने कहा कि आपकी जो दुआएं हैं ये एक पावर स्टेशन हैं, यही उन्हें काम करने की ताकत देती हैं। इसी ताकत के बल पर वे काम करते हैं,इसी से उन्हें प्रेरणा मिलती है कि वे ज्यादा से ज्यादा लोगों की सेवा कर सकें।
’वो सर भी क्या सर है जो हर दर पे झुक जाए, वो दर भी क्या दर है जहां हर सर न झुक जाए’
विज ने कहा ’वो सर भी क्या सर है जो हर दर पे झुक जाए, वो दर भी क्या दर है जहां हर सर न झुक जाए’। गुरुद्वारा पंजोखरा साहिब एक ऐसा दर है जहां पर सबका सिर झुकता है और यहां से लोग झोलियां भर-भर कर ले जाते है, यहां पर गुरु महाराज की इतनी कृपा है कि गूंगे को भी गीता के श्लोकों का उच्चारण करवाया गया। इस दर पर आकर हमेशा सुकून, शांति, ताकत, प्रेरणा, सद्बुद्धि, ज्ञान, परोपकार करने की प्रेरणा मिलती है। आज यहां पर जो अखंड पाठ रखा है उसके लिए मैं दिल की गहराईयों आभार व्यक्त करता हूं। इस मौके पर हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों के साथ-साथ भारी संख्या में संगत व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।