अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम:हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा, ‘मैं राजा नहीं जनता का सेवक हूं‘, जब तक जनता की मोहर रहेगी मैं ऐसे ही निष्काम भाव से जनता की सेवा में समर्पित रहूंगा। पहले राजा महाराजा होते थे लेकिन अब लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रदेश की बागडोर संभालने की जिम्मेदारी लोग अपने वोट के माध्यम से देते हैं। यहीं भाव अपने मन में लेकर पंच सरपंच भी अपने गांव के लोगों की सेवा करें। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ये विचार मानेसर में उस वक्त व्यक्त किए जब पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता ने अपने धन्यवाद ज्ञापन के संबंध में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से कहा कि आप प्रदेश के राजा हैं और गांवों में अब पंच-सरपंच चुने जाने के बाद गांव की सरकार बनी है, उन्हें ग्रामीण विकास के लिए धनराशि दें।
जरावता ने कहा था कि 100 पंचायत पटौदी क्षेत्र में हैं और 50 पंचायतें सोहना तथा बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्रों में हैं। मुख्यमंत्री मानेसर में अंत्योदय परिवारों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ पहुंचाने के लिए शुरू की गई चिरायु हरियाणा योजना के शुभारंभ के राज्यस्तरीय कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। इस कार्यक्रम के समापन अवसर पर पटौदी क्षेत्र के सरपंचो की तरफ से मुख्यमंत्री को सम्मान की सूचक पगड़ी भेंट की गई। हालांकि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का संबोधन हो चुका था लेकिन विधायक सत्यप्रकाश जरावता के कथन के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल दोबारा माईक पर आए और उन्होंने नव निर्वाचित पंच व सरपंचों को विकास करवाने का पाठ पढाया। उन्होंने सरपंचों से सीधा संवाद करते हुए कहा कि आप लोकतांत्रिक तरीके से चुनकर आए हैं, आपके मन मे किसी प्रकार का वहम नही होना चाहिए। जिस दिन आपके मन में यह भाव आ गया कि आप चुनकर आए हैं और गांव के राजा बन गए हैं, उसी दिन आपका पतन शुरू हो जाएगा।
उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि जिस प्रकार से हमने हरियाणा एक हरियाणवीं एक के सिद्धांत का पालन करते हुए पूरे प्रदेश में सभी क्षेत्रों का समान रूप से विकास करवाया है, उसी प्रकार से सरपंच भी अपने पूरे गांव को साथ लेकर अपने गांव का विकास करवाएं। उन्होंने कहा कि जब तक आप लोगों के लिए सेवाभाव से काम करेंगे उससे बेहतर कोई आनंद नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आम पंचायत चुनावों में ऐसे बहुत से लोग है जो पहली बार सरपंच व पंच चुनकर आए हैं। इस दौरान बहुत से लोग पंचायत की कार्यप्रणाली को लेकर उनको भ्रमित करेंगे।
ऐसे में अपने गांव का समुचित विकास कैसे करवाया जाए इसी उद्देश्य के साथ दिसंबर माह से सभी नवनिर्वाचित पंच व सरपंचों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें विश्वास है वे सभी पंचायत प्रतिनिधि बेहतर कार्य करेंगे। इस दौरान उन्होंने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा कि वे जब सन् 2014 में पहली बार विधायक चुनकर आए थे और उसके बाद जब मुख्यमंत्री बने तो लोगों ने उनके ऊपर भी कई प्रश्न चिन्ह लगाए थे लेकिन पिछले आठ सालों में उन्होंने जिस सेवाभाव से प्रदेशवासियों की सेवा की है, उससे लोगों की तरफ से आवाज आ रही है कि यह अच्छी सरकार है और कई साल चलनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने सभी सरपंचों को आश्वस्त करते हुए कहा कि पंचायत स्तर पर गांव के विकास कार्यों में धनराशि की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
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