अजीत सिन्हा /नई दिल्ली
राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा-कुछ दिन से ये यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर की ओर चल रही है। 10-12 दिन से हम तेलंगाना में पैदल चल रहे हैं और आज शाम हम तेलंगाना को छोड़कर महाराष्ट्र की सड़कों पर चलने जा रहे हैं। खुशी हुई कि तेलंगाना के इतने लोगों से बातचीत कर पाया, हाथ मिला पाया, गले लग पाया। दुख हो रहा है कि आज हम तेलंगाना को छोड़कर आगे बढ़ रहे हैं, महाराष्ट्र जा रहे हैं। हमारे कार्यकर्ताओं ने तेलंगाना में जबरदस्त काम करके दिखाया। ये मीडिया पर नहीं दिखता है, टीवी पर नहीं दिखाई देता, मगर मैंने अपनी आँखों से अपने कार्यकर्ताओं का काम देखा है। कार्यकर्ताओं के हाथ टूटे, पैर टूटे, धक्का लगा, लाठी लगी, मगर आपने अपना काम पूरा किया। और आपने सिर्फ कांग्रेस पार्टी का झंडा नहीं उठाया, आपने इस देश का, हिंदुस्तान का तिरंगा उठाकर चले और ये काम आप सालों से कर रहे हो। आप सबके हो, किसी एक जाति के नहीं, किसी एक धर्म के नहीं, किसी एक भाषा के नहीं, आप सबके हो, आप हिंदुस्तान के हो। तो मैं शुरुआत में ही आपका धन्यवाद करना चाहता हूँ, दिल से धन्यवाद करना चाहता हूँ।
पहले तेलंगाना आते थे, गाड़ी में आते थे, लोगों से मिलते थे, ऐसी पब्लिक मीटिंग होती थी, नेता भाषण करते थे, चले जाते थे। इस बार मैं और कांग्रेस पार्टी के सब नेता दिन भर आपकी सड़कों पर चले हैं। किसानों से मिले, मजदूरों से मिले, कारीगरों से मिले, आदिवासी दलित, भाईयो और बहनों से मिले, हर धर्म के लोगों से मिले और सिर्फ मिले नहीं, घंटों बातचीत की और आपकी बात सुनी। मैंने आपसे कहा इन सड़कों पर चलने के बाद मुझे खुशी हुई, खुशी इस बात की हुई की मैंने आपकी स्पिरिट को, आपकी आत्मा को अपनी आँखों से देखा। तेलंगाना क्या है और क्या नहीं है, वो समझने को मिला। ये आप सब लोगों की आँखों में दिखता है, इसको छुपाया नहीं जा सकता। मगर चलते हुए झलक दिखती है। मैं आपको एक उदाहरण देना चाहता हूँ।
यात्रा में मैं चल रहा था, सब चल रहे थे, जब चलते हैं, इस साइड देखते हैं, लोगों को नमस्कार करते हैं, इस साइड देखते हैं, लोगों से बात करते हैं। कुछ दिन पहले हम चल रहे थे, मैंने पीछे से अपनी आँख से देखा, छोटा सा बच्चा अंदर आने की कोशिश कर रहा था। काफी भीड़ थी, मैं सोच रहा था, इस बेचारे को चोट न लग जाए। मगर मैंने कुछ किया नहीं, बुलाया नहीं, मैं देखना चाहता था कितना दम है लड़के में, क्या ये एक-दो धक्के खाकर भाग जाएगा, या फिर ये कोशिश करेगा। तो एक प्रकार से मैंने उसका टैस्ट लेने की कोशिश की। दो-तीन बार उसने कोशिश की फिर पुलिस वाले ने उसको जोरों से धकेला, वो नीचे गिर गया और फिर गायब हो गया। मैंने कहा देखो एक धक्का लग गया, डर गया, भाग गया। 5 मिनट बाद मैंने उसी चेहरे को सामने देखा, वो वापस आ गया। इस साइड फेल हुआ, धक्का लगा, छोटा सा बच्चा, उसको मारा, गिरा दिया, सड़क पर गया, छिल गया होगा, दो मिनट चला गया, दूसरी साइड से आ गया। मैंने कहा थोड़ा और इसको टैस्ट करता हूँ।
वहाँ धक्का-मुक्की चल रही थी, चलता गया। फिर से पुलिस वाले ने उसको धक्का दिया, फिर से गिर गया, गायब हो गया। मैंने कहा इस बार तो घर चला गया। 4-5 मिनट बाद इस साइड आया और फिर जादू से पता नहीं कैसे मेरे साइड में आ गया। मेरे साथ एक लड़का काम करता है, उसने मुझे कहा, ये बहुत कोशिश कर रहा था, उधर से इसने ट्राई की, बात नहीं बनी, इधर से ट्राई की बात नहीं बनी, फिर अंदर आ गया। फिर मेरे पास आता है, मेरे साथ चलता है। कुछ मांगा नहीं, बस चल रहा था। बड़ी मैं कहूँ, डिग्निटी के साथ पीठ सीधी रखकर चल रहा था। मैंने सोचा ये अपने पिता के साथ आया होगा। मैंने कहा, पापा कहाँ हैं? कहते हैं, पापा आ नहीं पाए, आना चाहते थे, आ नहीं पाए, घर पर हैं। मैंने कहा क्यों? क्या हुआ? क्यों नहीं आ पाए? कहता है, थोड़ा सा बुखार है। मैंने कहा तुम यहाँ अकेले आ गए? कहता हैं, हाँ, मैं अकेला आ गया। मैंने कहा, चलो पापा को फोन मिलाओ। तो पापा को फोन मिलाता है और फिर पापा का चेहरा मैंने देखा, पापा को डेंगू था और बेटे के दिल में डर था। मैंने पूछा, अस्पताल ले गए? तो उसने जवाब नहीं दिया। चुप हो गया। मैंने पिता को नमस्ते की, अपने लोगों से कहा, चैक करवाए, अस्पताल भेजने की कोशिश की। अब आप देखो, ये है तेलंगाना की आवाज। पहली बार दबा दिया, कहीं और से निकलेगी। उधर दब गई तो इधर से निकलेगी और इधर दब गई तो उधर से निकलेगी। तेलंगाना की आवाज सुननी ही पड़ती है। इसको दबाया नहीं जा सकता और ऐसे ही मैंने आपको एक उदाहरण दिया, बच्चे का उदाहरण दिया, मैं आपको किसान का उदाहरण दे सकता हूँ। मैं आपको मजदूर का उदाहरण दे सकता हूँ। आदिवासी माता का उदाहरण दे सकता हूँ। दलित महिला का उदाहरण दे सकता हूँ। सब ऐसे ही हैं, कोई पीछे नहीं हटता। तो ये आप पूरे देश को सिखा सकते हो। देश आपसे सीख सकता है। मगर यहाँ पर मैं आपसे सवाल पूछना चाहता हूँ। उस बच्चे का पिता, अस्पताल क्यों नहीं जा सकता? उसको कौन रोक रहा है? उसको कौन सी शक्ति रोक रही है? सारे के सारे अस्पताल तेलंगाना में प्राईवेटाइज कर दिए हैं। वही लड़का अगर सरकारी स्कूल में पढ़ना चाहे, अगर इंजीनियरिंग करना चाहे, डॉक्टर बनना चाहे, उसे लाखों रुपए देने पड़ेंगे।
मैं आपको अभी बता रहा हूँ कि उसके घर में लाखों रुपए हैं ही नहीं। कुछ भी हो जाए, वो लाखों रुपए शिक्षा के लिए नहीं दे सकता है और अगर देगा, तो कर्जा लेकर देगा। ये हालत है, तेलंगाना की। किसी भी युवा से पूछो, आपको कहेंगे कि शिक्षा के पूरे सिस्टम को तेलंगाना की सरकार ने खत्म कर दिया है, बेच दिया है। जो आपने सपना देखा था, जो उस बच्चे ने सपना देखा था, उस सपने को आप ही की सरकार ने नष्ट कर दिया, खत्म कर दिया।मैं दलितों से,आदिवासियों से मिला। इंदिरा गांधी जी ने, कांग्रेस पार्टी की सरकार ने उनको जमीन दी थी। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी जी ने हमें जमीन दी थी। उसके बाद यूपीए की सरकार ने उनको ट्राईबल बिल दिया। उस बिल को आपकी सरकार इंप्लिमेंट नहीं कर रही है। फाइल को बंद करके दराज में रख दिया है और उल्टा आपकी जमीन हर रोज आपसे छीनी जा रही है। आपकी जमीन का अधिकार, जो आपकी है, उसका अधिकार आपको नहीं मिलता। मैं आपको स्टेज से सीधा कह रहा हूँ, इस प्रदेश में जब कांग्रेस पार्टी की सरकार आएगी, आपकी जमीन का हक, आपकी जमीन आपके हवाले कर दी जाएगी। जैसे इस पदयात्रा को कोई शक्ति नहीं रोक सकती है, आपकी जमीन आपको वापस देने से दुनिया की कोई शक्ति नहीं रोक पाएगी। किसानों से बात करो, सारे के सारे किसान कहते है, हमें सही दाम नहीं मिलता, हमें एमएसपी नहीं मिलती, एक किसान ने नहीं कहा कि मैं खुश हूँ। कोई भी किसान प्रॉफिट में नहीं है। तेलंगाना में एक भी नहीं मिलेगा आपको। हमारी सरकार थी, यूपीए की सरकार थी, आप याद कीजिए, हमने आपका कर्जा माफ किया था, 72 हजार करोड़। तेलंगाना के किसान, आप अच्छी तरह सुन लो, यहाँ पर जैसे ही कांग्रेस पार्टी की सरकार आएगी, आपका कर्जा माफ होने वाला है और अगर आप दाम देखना चाहते हैं, एमएसपी देखना चाहते हो, रेवंत रेड्डी जी के पास लिस्ट है,क्या दाम आपको मिलनेवाला है,वो लिस्ट उनसे दिलवा देंगे। उससे एक रुपया कम नहीं।यहाँ पर सुबह आपके चीफ मिनिस्टर इरीगेशन का पैसे देखते हैं। रीशेड्यूल करते हैं और शाम को कम्प्यूटर पर धरनी पोर्टल खोलते हैं। कहाँ से कितना पैसा मिल रहा है, वो देखते हैं। कौन से किसान, कौन से दलित, कौन से आदिवासी से जमीन छीनी जा रही है, पूरी की पूरी लिस्ट उनके पास है। इससे तेलंगाना को कोई फायदा नहीं हो रहा है। इससे तेलंगाना को रोजगार नहीं मिल रहा है। किसानों को फायदा नहीं हो रहा है, गरीबों को फायदा नहीं हो रहा है। चुने हुए लोगों की सरकार चल रही है और पूरा का पूरा फायदा 5-10 लोगों को मिल रहा है।
दूसरी तरफ, नरेन्द्र मोदी जी हैं। ये दोनों मिलकर काम करते हैं। लोकसभा में मैं बैठता हूँ, कोई भी बिल नरेन्द्र मोदी जी लाते हैं, पूरा का पूरा समर्थन टीआरएस देती है। जब किसानों के खिलाफ नरेन्द्र मोदी जी तीन काले कानून लाए, टीआरएस ने अपना पूरा समर्थन दिया। सारी की सारी विपक्ष की पार्टियाँ बिल के खिलाफ़ खड़ी हो गईं, टीआरएस मोदी जी के साथ। तो दोनों एक साथ काम करते हैं, ये आप भूलिए मत। काम क्या है? काम है गरीबों से उनका पूरा धन, किसानों से, मजदूरों से जो उनका है, वो छीनकर 3-4 मित्रों को देने का काम है। इधर इरीगेशन प्रोजेक्ट्स और धरनी पोर्टल, दूसरी तरफ नरेन्द्र मोदी जी हिंदुस्तान के पूरे के पूरे पब्लिक सेक्टर को प्राईवेटाइज करने में लगे हैं। बीएचईएल, रेलवेज, जहाँ भी ये पब्लिक सेक्टर देखते हैं, प्राईवेटाइज करने की कोशिश करते हैं और फिर दो काम इन्होंने किए, जिसने हिंदुस्तान की जो रोजगार बनाने की रीढ़ की हड्डी है, वो टूट गई। रोजगार किसान, देता है, छोटा व्यापारी देता है, स्मॉल और मीडियम बिजनेसेज चलाने वाले लोग देते हैं। नरेन्द्र मोदी जी ने नोटबंदी की, गलत जीएसटी लागू की और इन सबको खत्म कर दिया। आज हालत ये है कि हिंदुस्तान के युवा को रोजगार नहीं मिल सकता। पब्लिक सेक्टर में नहीं मिल सकता, प्राईवेट सेक्टर में नहीं मिल सकता और इससे पूरे देश में डर फैल रहा है। किसानों को एमएसपी नहीं मिलती, कर्जा माफ नहीं होता, उनके दिल में डर पैदा होता है। पब्लिक सेक्टर को प्राईवेटाइज किया जाता है, तो पब्लिक सेक्टर में जो काम करते हैं, उनके दिल में डर पैदा होता है। ये जानबूझकर देश में डर फैलाते हैं। इनकी पॉलिसीज, डर फैलाने की पॉलिसीज हैं- नोटबंदी, जीएसटी, प्राईवेटाइजेशन और फिर ये लोग डर को नफरत में बदलने का काम करते हैं। नफरत और हिंसा फैलाते हैं। इसीलिए हमने ये यात्रा शुरु की है। हिंसा के खिलाफ़, नफरत के खिलाफ़, डर के खिलाफ़, नोटबंदी, जीएसटी जैसी पॉलिसियों के खिलाफ़, किसान के जो काले कानून हैं, उनके खिलाफ और आपको ये बात दिख रही है कि हिंदुस्तान में भय, नफरत फैलाई जा रही है। फायदा आपको नहीं हो रहा, फायदा किसान को नहीं हो रहा, मजदूर को नहीं हो रहा, युवा को नहीं हो रहा, फायदा सिर्फ 2-3 बड़े-बड़े उद्योगपतियों को हो रहा है।यात्रा में आपने हमें प्यार दिया, अपनी शक्ति दी। जहाँ भी हम गए, लाखों लोगों ने अपनी शक्ति यात्रा को दी। इसके लिए मैं आपको और पूरी कांग्रेस पार्टी आपको दिल से धन्यवाद करना चाहती है। आपसे बात करके, आपसे मिलकर हम सबको बहुत सीखने को मिला। आपके सामने जो मुश्किलें हैं, वो हम समझ पाए। इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद और आपकी जो स्पिरिट है, आपकी जो आत्मा है, उसको देखकर बहुत सीखने को मिला और हम इसको कभी नहीं भूलेंगे।