अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार और एलजी के आदेश का हम अक्षरसः पालन करेंगे। केंद्र सरकार और एलजी ने दिल्ली की कैबिनेट के उस फैसले को पलट दिया है, जिसमें दिल्ली सरकार के अस्पतालों में केवल दिल्ली के लोगों का इलाज करने का निर्णय लिया गया था। इस संबंध में उप-राज्यपाल ने आदेश जारी कर दिया है। अब हमें किसी वाद-विवाद नहीं करना है। एलजी के आदेश के बाद अब दिल्ली को 15 जुलाई तक 65 हजार और 31 जुलाई तक 1.5 लाख बेड की जरूरत पड़ेगी। यह समय आपस में लड़ने और राजनीति करने का नहीं है। हम एकजुट होकर लड़ेंगे, तभी कोरोना से जीत पांएगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बेड का इंतजाम करने के लिए मैं खुद जमीन पर उतरूंगा। चुनौती बड़ी है, लेकिन हम पूरी ईमानदारी से कोशिश करेंगे। दिल्ली में अभी 31 हजार केस हैं। इसमें 12 हजार लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं, 18 हजार केस अभी एक्टिव हैं और 900 लोगों की मौत हो चुकी है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दो दिन से थोड़ा बुखार था और गले में खरांस थी। रविवार को थोड़ा बुखार हुआ, तो सभी ने सुझाव दिया कि कोराना का वक्त चल रहा है और यही लक्षण होते हैं। कोरोना का टेस्ट करा लेना चाहिए। कल सुबह कोरोना का टेस्ट हुआ था और शाम तक रिपोर्ट निगेटिव आई। इस दौरान आप सभी लोगों ने अपनी दुआएं और आर्शीवाद भेजा और उपर वाले की कृपा से टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई। जिन्होंने अपनी शुभकामना संदेश भेजा, आप सभी लोगों को बहुत शुक्रिया है। मैं अपने घर के एक कमरे में खुद को बंद किए हुए पिछले दो दिन से सब देख रहा था। मेरा शरीर तो यहां था, लेकिन मेरा मन इसी में था कि दिल्ली में कोरोना को कम करने के लिए क्या-क्या किया जा सकता है। आज दिल्ली में 31 हजार केस हो चुके हैं। इसमें करीब 12 हजार लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं। अभी 18 हजार एक्टिव केस हैं। करीब 900 लोगों की मौत हो चुकी है। 18 हजार एक्टिव केस में से 15 हजार लोग होम आइसोलेशन में करा रहे हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कल एसडीएमए की बैठक थी। उसमें मुझे भी जाना था, लेकिन मै नहीं जा सका। बैठक में उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य मंत्रीगण गए थे। एलजी साहब ने इसकी अध्यक्षता की थी। वहां पर सरकार द्वारा जो आंकड़े प्रस्तुत किए गए, वो आंकड़े दिखाते हैं कि आने वाले समय में दिल्ली में कोरोना बहुत तेजी से फैलने वाला है। 15 जून को संभावना है कि 44 हजार केस हो जाएंगे, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है। 30 जून तक एक लाख, 15 जुलाई तक 2.25 लाख केस और 31 जुलाई तक लगभग 5.32 केस हो जाएंगे। इसे देखते हुए 15 जून तक हमें 6681 बेड की जरूरत पड़ेगी। 30 जून तक हमें 15 हजार बेड की जरूरत पड़ेगी। 15 जुलाई तक 33 हजार और 31 जुलाई तक 80 हजार बेड की जरूरत पड़ेगी। यह चुनौती बहुत बड़ी है। इसमें सबसे पहले हम सभी को अपने आप को कोरोना से बचाना है। इसे रोकने के लिए अब हमें तीन बातों को जन आंदोलन बनाना है। हमें हमेशा मास्क पहन कर घर से निकलना है। हमें बार-बार हाथ धोना और सैनिटाइज करना है और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना है। अभी तक हम कहते थे कि हमें करना है। अब हमें यह भी करना है कि यदि कोई इसका पालन नहीं कर रहा है, तो उससे हमें हाथ जोड़ कर अनुरोध करना है कि यह आपके और दूसरों की सेहत के लिए भी अच्छा है। यदि कोई पालन नहीं कर रहा है, तो उसकी वजह से दूसरों को कोरोना हो सकता है। इसलिए अब इसे जन आंदोलन बनाना है। सबको खुद भी इसका पालन करना है और दूसरों से भी पालन कराना है। जिस तरह से आँड ईवन में हमने जन आंदोलन किया था। आॅड-ईवन में हम खुद भी करते थे और दूसरा कोई पालन नहीं करता था, तो उससे भी कराते थे। तीनों बातों का हम जितना पालन करेंगे, उतना ही करोना के फैलने की संभावना कम होगी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की कैबिनेट ने निर्णय लिया था कि कोरोना के दौरान दिल्ली सरकार के अस्पतालों में दिल्ली में रहने वाले लोगों का इलाज हो। सोमवार को केंद्र सरकार ने दिल्ली की कैबिनेट के उस आदेश को पलट दिया और एलजी साहब ने आदेश जारी किया है कि दिल्ली के हर अस्पताल में सभी का इलाज किया जाएगा। टीवी पर कुछ लोग कह रहे थे कि केंद्र सरकार दिल्ली की कैबिनेट के फैसले को पलट नहीं सकती है। दिल्ली में चुनी हुई सरकार है। अभी कुछ महीने ही चुनाव हुए थे। जिसमें 62 सीट हमें मिली थी। कुछ लोग कह रहे थे कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के निर्णय को एलजी साहब या केंद्र सरकार पलट नहीं सकते हैं। कुछ लोग यह भी कह रहे थे कि दिल्ली में काफी केस हो रहे हैं, दिल्ली के लोगों को खुद काफी बेड की जरूरत पड़ेगी।मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मेरा कहना है कि केंद्र सरकार ने निर्णय ले लिया और एलजी साहब ने आदेश पारित कर दिया है। यह समय अब असहमतियों का नहीं है। यह समय एक-दूसरे से लड़ने का नहीं है। अब जो निर्णय केंद्र सरकार ने ले लिया और एलजी साहब ने जो आदेश दे दिया, उसको लागू किया जाएगा। एलजी साहब के आदेश को अक्षरसः लागू किया जाएगा। अब इस पर हमें कोई असहमति नहीं करनी है, इस पर कोई वाद-विवाद और कोई लड़ाई-झगड़ा नहीं करना है। जितने भी लोग सरकार के अंदर हैं और आम आदमी पार्टी के लोग हैं, उन सभी लोगों को मै संदेश देना चाहता हूं कि एलजी साहब के आदेश को लागू किया जाएगा।मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कि यह अभूतपूर्व चुनौती है। जैसा कि दिल्ली को 15 जुलाई तक 33 हजार और 31 जुलाई तक 80 हजार बेड की जरूरत पड़ेगी। अब बाहर से लोगों के आने की उम्मीद है। मोटे तौर पर देखें, तो जब कोरोना नहीं था, तब दिल्ली के अस्पतालों में 50 प्रतिशत लोग दिल्ली के बाहर से आकर इलाज कराते हैं। अभी उसी को आधार माने तो जितने बेड हमें दिल्ली के लोगों के लिए चाहिए, उतने ही बेड हमें बाहर से आने वाले लोगों के लिए भी चाहिए। इस तरह 15 जुलाई तक दिल्ली के लोगों के लिए 33 हजार और बाहर से आने वाले लोगों को मिला कर करीब 65 हजार बेड की जरूरत पड़ेगी। 31 जुलाई तक यदि 80 हजार बेड दिल्ली वालों को चाहिए, तो बाहर से आने वालों को मिला कर करीब 1.5 लाख बेड की जरूरत पडेगी। यह बहुत ज्यादा बड़ी चुनौती है और आसान काम नहीं है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं इतना कह सकता हूं कि तन, मन, धन से जो भी बन सकेगा, हम पूरी कोशिश करेंगे। यह हमारी जिम्मेदारी भी है और यह सेवा का काम है। अब मै खुद कल या परसों से जमीन पर उतरूंगा। मैं स्वयं जाकर स्टेडियम, बैंक्वेट हाॅल, होटल को तैयार कराउंगा। जितना ज्यादा से ज्यादा हो सकेगा, हम कोशिश करेंगे। मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि हमारी कोशिश पूरी इमानदारी के साथ होगी। हमारी तरफ से कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। लेकिन यह विपदा और मुसीबत इतनी बड़ी है कि मानव जाति के इतिहास में शायद इतनी बड़ी विपदा कभी नहीं आई। हमारे काम में 100 कमियां रह सकती हैं, लेकिन हमारी नियत और कोशिश में कोई कमी नहीं आएगी। मैं पड़ोसी राज्यों से भी अपील करता हूं कि वे अपने यहा भी मरीजों के लिए बेड की समुचित व्यवस्था करें, ताकि कम से कम लोगों को दिल्ली आने की जरूरत पड़े। पड़ोसी राज्य व्यवस्था कर भी रहे होंगे। मैं किसी में कोई दोष नहीं निकाल रहा हूं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह समय आपस में लड़ने और राजनीति करने का नहीं है। सभी पार्टियां आपस में लड़ रही हैं। बीजेपी वाले आम आदमी पार्टी से, आम आदमी पार्टी वाले कांग्रेस और कांग्रेस वाले बीजेपी से लड़ रहे हैं। अगर हम सभी आपस में लड़ते रहे, तो कोरोना जीत जाएगा। एक आम आदमी जो टीवी पर सभी पार्टियों को आपस में लड़ते हुए देखता है, वह सोचता है कि मेरी किसी को परवाह नहीं है। हमें आपस में नहीं लड़ना है। हमें एकजुट होना है। हमें एक देश बनना है। जब तक बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, डाॅक्टर, नर्स, पुलिस, सभी समाजे सेवी व धार्मिक संस्थाएं और पूरा देश एकजुट होकर नहीं लड़ेगा, तब तक हम कोरोना से नहीं जीत पाएंगे। यह बहुत बड़ी विपदा आई है। हमें आपस में नहीं लड़ना है। सारी सरकारों, संस्थाओं और पाटिर्यों को एकजुट होकर हमें कोरोना को हराना है। यदि हम आपस में लड़े तो कोरोना जीत जाएगा और यदि हम एकजुट हो गए, तो हम कोरोना को हरा देंगे।