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आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के बारे में कोई शिकायत प्राप्त होती है तो उस पर कड़ा संज्ञान लिया जाएगा: सुनील अरोड़ा

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चंडीगढ़: भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि निर्वाचन आयोग स्वतंत्र, निष्पक्ष तथा शांतिपूर्ण और पारदर्शी तरीके से चुनाव करवाने के लिए प्रतिबद्ध है और यदि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के बारे में कोई शिकायत प्राप्त होती है तो उस पर कड़ा संज्ञान लिया जाएगा। श्री अरोड़ा आज यहां चुनाव प्रक्रिया से जुड़े विभिन्न हितधारकों के साथ बैठकें करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर भारत के निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा और सुशील चंद्रा, वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त श्री संदीप  सक्सेना, हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल, सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक समीर पाल सरो के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इससे पूर्व, श्री अरोड़ा ने राज्य के सभी जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालयों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का अवलोकन किया और संबंधित जिलों में चलाए जा रहे मतदाता जागरूकता अभियान की विस्तार से जानकारी ली। श्री अरोड़ा ने प्रदेश के सभी 22 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा प्रदर्शित ‘व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी कार्यक्रम’ (स्वीप) के तहत आयोजित राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का उद्घाटन तथा स्वीप एक्शन-प्लान पुस्तक का विमोचन भी किया। साथ ही उन्होंने ऑडियो जिंगल्स एवं टीवी कैंपेन को भी लांच किया।

गौरतलब है कि हरियाणा में 21 अक्तूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव-2019 को लेकर की जा रही तैयारियों की समीक्षा के लिए भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा, निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा तथा सुशील चंद्रा ने अपने  दो दिवसीय दौरे के दौरान प्रदेश के विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ कई दौर की बैठकें की और उनके द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों एवं सुझावों पर संज्ञान लिया। आयोग ने हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल, पुलिस नोडल अधिकारियों, केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों के अधिकारियों के साथ चुनाव संबंधी तैयारियों की समीक्षा की और हरियाणा में चुनाव के लिए किए गए प्रबंधों की प्रंशसा की। श्री अरोड़ा ने प्रेस वार्ता में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि चुनाव आयोग ने मतदान की तैयारियों को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों,पुलिस आयुक्तों, मण्डल आयुक्तों तथा रेंज अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठकें की। बाद मेें हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा, पुलिस महानिदेशक मनोज यादव, गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती नवराज संधु तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी चुनाव तैयारियों को लेकर किए जा रहे प्रबंधों का जायजा लिया। आयोग ने चुनाव के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए पैसे, मादक पदार्थ, शराब और उपहार वितरण के दुरुपयोग को रोकने की रणनीति बनाने के लिए आयकर, आबकारी, वाणिज्यिक कर विभाग के नोडल अधिकारियों और राज्य स्तर के बैंकरों के साथ भी बैठक की।
     
श्री अरोड़ा ने बताया कि विभिन्न राजनीतिक दलों ने चुनावों में, विशेष रूप से कमजोर वर्गों की अधिक आबादी वाले इलाकों में मतदान सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त संख्या में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग की। कुछ दलों ने संवेदनशील मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी लगाने की भी मांग की। राजनीतिक दलों ने यह भी मांग की कि मतदान से 1 या 2 दिन पहले शराब आदि का वितरण न हो सके, इसके लिए पर्याप्त प्रबंध किए जाएं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों ने आयोग से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि जाति और धर्म के नाम पर वोट मांगने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही हो। कुछ राजनीतिक दलों ने चुनाव से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों की तैनाती के विषय में आयोग के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने की मांग की। कुछ राजनीतिक दलों ने मतदान केंद्र पर पर्याप्त बिजली और रोशनी की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की और यह भी अनुरोध किया कि वीवीपैट को खिडक़ी से दूर रखा जाए जिससे मतदान की गोपनीयता बनी रहे और अनावश्यक प्रभाव न डाला जा सके। सरकारी मशीनरी की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की मांग की। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि आयोग ने जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों को प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर विशेष तौर पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में राज्य की आवश्यकता और मांग के मद्देनजर अतिरिक्त केंद्रीय सुरक्षा बल प्रदान किए गए हैं। अधिकारियों को खर्चों (एक्सपैंडिचर) वाले अत्यंत संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान और प्रभावी व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में मुख्य निर्वाचन अधिकारी और आयकर विभाग को साथ मिलकर इस तरह के क्षेत्रों की पहचान करके उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।

आयोग ने राज्य निर्वाचन अधिकारियों को 1950 हेल्पलाइन और nvsp.in के माध्यम से मतदाताओं की मदद करने के भी निर्देश दिए हैं। दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदान केंद्रों में विशेष सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। नेत्रहीन मतदाताओं की सुविधा के लिए आसानी से पठनीय ब्रेल बैलेट पेपर प्रदान किए जाएंगे।
बैठकों के दौरान राजनीतिक दलों ने कई स्थानों पर निर्माण कार्यों के जारी रहने का मुद्दा उठाया। एक राजनीतिक दल ने अनुरोध किया कि दिव्यांग वोटर को मतदान की सहायता के लिए सहायक केवल उसके संबंधी ही होना चाहिए। एक राजनीतिक दल ने निजी घरों पर झंडे लगाने का मुद्दा उठाया और इसके संबंध में उत्पन्न संशय को दूर करने की मांग की। एक राजनीतिक दल ने चुनाव खर्च की सीमा को घटाने तथा चुनाव खर्च के लिए राजकीय सहायता का प्रावधान किए जाने की मांग की। कुछ दलों ने पेड न्यूज और फेक न्यूज का मुद्दा उठाया और इसको रोकने की दिशा में प्रभावी कदम उठाने का आग्रह किया। कुछ राजनीतिक दलों ने ई.वी.एम की व्यवस्था के विषय में अपने सुझाव दिए। एक राजनीतिक दल ने पोस्टल मतपत्र की सुचारू व्यवस्था के लिए प्रभावी उपाय करने की मांग की और साथ ही सर्विस मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया। भारत निर्वाचन आयोग ने विभिन्न राजनीतिक दलों समेत समस्त प्रदेशवासियों को आश्वासन दिलाया कि आयोग राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव के लिए अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करने को विशेष महत्व देता है। आयोग ने राज्य की चुनाव से जुड़ी मशीनरी को निर्देश दिए कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान प्रभावी निगरानी और सतर्कता बरती जाए तथा प्रत्येक स्तर पर राजनीतिक दलों की समस्याओं पर ध्यान दिया जाए। सभी हितधारकों में पूर्ण विश्वास पैदा करने के लिए आयोग ने गहन कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए ताकि मतदाताओं को बिना किसी भय, दबाव या प्रलोभन के अपने मताधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाया जा सके।



राज्य में पहली बार विधानसभा में सभी पोलिंग बूथों पर ईवीएम मशीनों के साथ-साथ वीवीपैट का भी इस्तेमाल किया जाएगा। अधिकारियों को सभी निर्वाचन क्षेत्रों में मशीनों के उपयोग, भंडारण और परिवहन के बारे में निर्धारित प्रक्रियाओं और मानक संचालन प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन करने के लिए भी कहा गया है। आयोग ने राज्य की मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि अधिकारियों के तबादलों के बारे में आयोग की नीति के अनुसार कार्रवाई की जाए और मतदाताओं के लिए मतदान केंद्रों पर आवश्यक सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं। आयोग ने मुख्य चुनाव अधिकारी को पोस्टल मतदान की प्रक्रिया की प्रभावी रूप से निगरानी के साथ ही मताधिकार में सर्विस वोटर कीे भागीदारी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। आदर्श आचार संहिता और व्यय की निगरानी का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा ताकि राजनीतिक दलों और मतदाताओं को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए आश्वस्त किया जा सके। इस संबंध में प्राप्त सभी शिकायतों को तुरंत निपटाया जाएगा। सी-विजिल एप पर कोई भी नागरिक आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के संबंध में शिकायत दर्ज करवा सकता है। इस एप पर प्राप्त शिकायतों को निर्धारित समय सीमा के भीतर निपटाने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने नैतिक और सुविज्ञ वोटिंग सुनिश्चित करने के लिए एक सहभागी, समावेशी और जन अनुकूल स्वीप अभियान आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को मतदाता जागरुकता कार्यक्रम चलाए जाने के निर्देश दिए हैं।
सी-विजिल राज्य में किसी को भी चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन और व्यय की रिपोर्ट करने की अनुमति देता है। इस ऐप का उपयोग करके, नागरिक आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होने की घटना के कुछ ही मिनटों के भीतर रिपोर्ट कर सकते हैं और रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय में जाए बिना शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। सतर्क नागरिक इस ऐप के माध्यम से फोटो या वीडियो (मॉडल कोड के उल्लंघन के दृश्य के दो मिनट की अवधि तक) अपलोड कर सकता है। एप द्वारा स्वचालित जी.आई.एस. प्रणाली पर, इसके अपलोड होने के बाद, ट्रैक करने के लिए सतर्क नागरिक को एक यूनिक आईडी मिलती है और उसके मोबाइल पर फॉलोअप अपडेट प्राप्त होता है। शिकायतकर्ता की इच्छा के अनुसार, इसमें पहचान गुप्त रखने की सुविधा भी है। चुनावों के दौरान पर्याप्त संख्या में मतदान केंद्रों विशेषकर संवेदनशील केंद्रों में वेब-कास्टिंग की जाएगी। निर्वाचन आयोग ने अधिकारियों को संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष सुरक्षा व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। पुलिस बल को असामाजिक तत्वों की पहचान करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के भी निर्देश दिये हैं ताकि चुनाव प्रक्रिया प्रभावित न हो सके। चुनाव के दौरान पूरे राज्य कीे सभी पुलिस चौकियां की सीसीटीवी के माध्यम से 24 घंटे वेबकास्टिंग व वीडियोग्राफी की जाए। आयोग के निर्देशानुसार सभी डीईओ द्वारा चुनाव व्यय निगरानी टीमों का गठन किया गया है। प्रभावी व्यय की निगरानी के लिए आयोग द्वारा व्यय पर्यवेक्षकों की पर्याप्त संख्या की प्रतिनियुक्ति की गई है। व्यय की निगरानी के लिए प्रत्येक जिलेे में आयकर अधिकारियों को भी प्रतिनियुक्त किया गया है। संवेदनशील पॉकेट्स और सीमावर्ती क्षेत्रों में नकदी, शराब, ड्रग्स इत्यादि के  वितरण की जांच के लिए फ्लाइंग स्कवायड और स्टेटिक सर्विलांस टीमों का गठन किया गया है।

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