अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: ‘‘मैं अपने शहर को चमकाना चाहता हूं, इसको धरती का चांद बनाना चाहता हूं, मेरा बस चला तो खुशबू लाऊंगा चंदन के बाग से, मैं हर चेहरे पर मुस्कान लाना चाहता हूं, मैं अपने शहर को चमकाना चाहता हूं’’।यह पंक्तियां किसी शायर या कवि ने नहीं, बल्कि हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बीती रात आयोजित ऑल इंडिया त्रिभाषी कवि सम्मेलन एवं मुशायरे में मंच से सैकड़ों श्रोताओं के समक्ष पढ़ी।गत रात्रि अम्बाला छावनी के जीएमएन कालेज में प्रिंसिपल नंद लाल शर्मा मेमोरियल चेरीटेबल ट्रस्ट की ओर से कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन किया गया था जिसमें देशभर से कई नामी शायरों एवं कवियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में मुख्यतिथि गृह मंत्री अनिल विज के शायरना अंदाज को देख मंच पर बैठे कवि भी उनके कायल हुए और मंत्री विज के सम्मान एवं उनकी कार्यशैली पर कविता भी पड़ी जिसे तालियों की गडग़ड़ाहट के साथ सराहा गया। कवि सम्मेलन व मुशायरे आगे चलते रहे इसलिए कार्यक्रम में मंत्री विज ने नंदलाल चेरीटेबल ट्रस्ट को अपने कोष से 10 लाख रुपए देने की घोषणा भी की।
मंच से ही शायर बिलाल सहारनपुरी ने गृह मंत्री अनिल विज के सम्मान में पंक्तियां पड़ी और उनकी कार्यशैली की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि जब दुबई में उन्होंने गृह मंत्री अनिल विज की तस्वीर दुबई में शाही परिवार के शेख के साथ देखी तो उनका सीना तब फख्र से चौड़ा हो गया । उन्होंने कहा मंत्री अनिल विज ने अम्बाला ही नहीं, उत्तर प्रदेश व हरियाणा ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में कामयाबी के झंडे गाड़े हैं। उन्होंने मंत्री विज के सम्मान में कहा ‘जब इतिहास लिखा जाएगा तो बगैर अनिल विज के नाम से इतिहास मुकम्मल नहीं हो पाएगा’। शायरों ने मंच से ही गृह मंत्री अनिल विज के टी-प्वाइंट की भी तारीफ करी कि गृह मंत्री होने एवं व्यस्त रहने के बावजूद भी वह रोजाना सुबह बाजार के चौक पर बैठकर आज भी चाय पीते हैं। इसपर गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि वह पिछले 50 साल से चौक पर चाय पी रहे हैं। उन्होंने सभी शायरों को टी-प्वाइंट पर आकर चाय पीने का निमंत्रण भी दिया। सोमवार सुबह शायरों ने मंत्री विज के साथ टी-प्वाइंट पर बैठकर चाय भी की।
गृह मंत्री अनिल विज ने कार्यक्रम में कहा कि आज के समय में सारी दुनिया टेलीविजन की खिडक़ी पर चिपककर बैठ गई है। इसके अलावा कुछ देख व समझ नहीं पा रही है। कवि सम्मेलन एवं मुशायरा भी एक मंच है जहां कवि आकर अपने शब्दों के माध्यम से कहते हैं, मगर ऐसे मंच देखने के अवसर अब नहीं मिल रहे हैं, ऐसे मंच चलते रहने चाहिए। उन्होंने कहा प्रिंसिपल नंदलाल शर्मा मेमोरियल चेरीटेबल ट्रस्ट द्वारा जो कवि सम्मेलन किया जा रहा है वह अम्बाला छावनी की पुरानी पंरपरा रही है। यहां पर कवि सम्मेलन और बड़े मुशायरे होते रहे हैं जिनमें बड़ी संख्या में दूर-दराज से लोग बढ़-चढक़र हिस्सा लेते रहे हैं। आज ट्रस्ट इस परंपरा को आगे बड़ा रही है और वह इसके लिए इस संस्था का आभार प्रकट करते हैं।
गृह मंत्री अनिल विज ने शायर द्वारा पढ़ी पंक्तियों की तारीफ करते हुए कहा कि कविता के माध्यम से उन्होंने कई विषयों को रखा है और इन विषयों का सार यही है कि हमें सभी धर्मों का सम्मान करने चलना चाहिए, सब को साथ लेकर चलना चाहिए, सबको अपने-अपने धर्मों के अनुसार चलने की पूर्णत: आजादी होनी चाहिए। सबको अपने धार्मिक अनुष्ठान करने के अवसर मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह हमारा भारतवर्ष है और हमने हमेशा सबको इसका अवसर प्रदान किया है। कार्यक्रम में शायर महेंद्र सिंह अश्क, जनाब हसन काजमी, सुरजीत, खुर्शीद हैदर, बिलाल सहारनपुरी, त्रिलोचन, त्रिलोचन लोची, मोहन, हमजा बिलाल, सानिया सोनम एवं अन्य शायरों ने समां बांधा। इस अवसर पर आयोजक चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रभास पराशर, प्रेम महेंद्रू, डा. गुरदेव सिंह, अनिल कुमार, वीना सूरी, डा. आरके अनेजा, डा. नीरज पाराशर, डीएस माथुर, राजपाल सिंह, अजय अग्रवाल, दलीप मित्तल, डा. गुलशन शर्मा, तनवीर जाफरी व अन्य मौजूद थे।
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