नई दिल्ली/अजीत सिन्हा
केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावडेकर ने आज बुधवार को पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया और महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि महाराष्ट्र की उद्धव सरकार शासन करने का नैतिक अधिकार पूरी तरह से खो चुकी है और इसे फ़ौरन इस्तीफा दे देना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने विगत एक माह से महाराष्ट्र की राजनीति में चल रहे उथल पथल का जिक्र करते हुए कहा कि जो नित नए खुलासे परत दर परत सामने आ रहे हैं उससे एक बात स्पष्ट हो गई है कि महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी यानि MVA वास्तव में महावसूली अघाड़ी सरकार है. इस महावसूली अघाड़ी सरकार का कॉमन मिनिमम प्रोग्राम यानि CMP वास्तव में पुलिस द्वारा पैसे की वसूली करना और लूट मचाना ही है.केंद्रीय मंत्री ने पिछले एक माह के महाराष्ट्र के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि पहले पुलिस द्वारा चोरी की गई गाड़ी में विस्फोटक सामग्री मिलती है, फिर गाड़ी के वास्तविक मालिक हिरेन मनसुख की हत्या की खबर सामने आती है,
फिर स्वतंत्रता के बाद, भारत के इतिहास में ये पहली बार हुआ कि किसी पुलिस कमिश्नर ने लिखा कि राज्य के गृह मंत्री ने मुंबई से 100 करोड़ रुपये महीना वसूली का टार्गेट तय किया है, फिर एक जज की कमिटी नियुक्त होती है, फिर महाराष्ट्र इंटेलिजेंस विभाग की तत्कालीन अफसर रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट सामने आती है जिसमें ये बात उभरकर सामने आई कि महाराष्ट्र में ट्रांसफर-पोस्टिंग रैकेट में बहुत रसूखदार और ब्रोकर्स लोग शामिल थे जिन के संबंध सत्ताधारी पार्टी के इर्द-गिर्द थे,फिर सीबीआई जांच शुरु होती है, फिर महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफा होता है.एनआईए की जांच चल ही रही है. सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे के कारनामे रोज सामने आ रहे हैं और अब उनका ही एक सनसनीखेज पत्र सामने आता है.
केंद्रीय मंत्री ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कई आरोपों से से घिरे सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे के समर्थन के पीछे क्या रहस्य है? महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री 11 मार्च को एक तरह से सर्टिफिकेट देते हुए कहते हैं कि सचिन वाजे ओसामा बिन लादेन नहीं है। सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद 14 मार्च को संजय राउत कह रहे हैं कि एक होनहार, काबिल, कामयाब,इंटेलिजेंस इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर को तकलीफ दी जा रही है। जिस सचिन वाजे का रिकॉर्ड बेहद गड़बड़ रहा और जो वर्षों से बर्खास्त रहा, उसका समर्थन उनके जेल जाने के बाद भी इसी वजह से किया जा रहा था ताकि कोई सच्चाई बाहर न आ जाए. महाराष्ट्र विधानसभा के अन्दर और बाहर भी सचिन वाजे कि नियुक्ति का बचाव महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के साथ साथ एनसीपी के कई नेताओं और शिव सेना के मुखपत्र सामना दवारा किया गया. केंद्रीय मंत्री ने सचिन वाजे द्वारा मुंबई हाई कोर्ट को दिए गए पत्र का जिक्र करते हुए कहा इस पत्र में कई संगीन आरोप हैं जिसका जवाब महाराष्ट्र सरकार को देना चाहिए. पत्र में लिखा है कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने उन्हें मुंबई के बार और रेस्टोरेंट से तीन-तीन-साढ़े तीन लाख रुपये वसूलने के निर्देश दिए. सचिन वाजे को विभिन्न आरोपों के कारण भी न निकालने के लिए देशमुख द्वारा दो करोड़ मांगे गए. गत जुलाई-अगस्त में, मुंबई के भिन्डी बाजार के पुनर्विकास के लिए वहां के ट्रस्टियों से 50 करोड़ रूपये वसूलने के निर्देश अनिल देशमुख द्वारा सचिन वाजे को दिए गए. जनवरी 2021 में, मुंबई कारपोरेशन के करीब 50 कांट्रेक्टर से, जिन के खिलाफ शिकायतें थीं, कोई कार्रवाई नहीं करने के आधार पर 2-2 करोड़ यानि 100 करोड़ रुपये वसूलने के निर्देश सचिन वाजे को दिए गए. अवैध गुटखा बनाने वालों से 150 करोड़ वसूलने के निर्देश दिए गए जबकि राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है कि यदि कोई अवैध ट्रेड चलता है तो उसके खिलाफ वह कार्रवाई करे. केंद्रीय मंत्री ने महाराष्ट्र सरकार पर सवालों की झड़ी लगाते हुए कहा कि शिवसेना और उसके सरकार को कई सवालों के जवाब देने की जरूरत है- आखिर आपका सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम क्या है? आपके शासन में लूट के सिवाय क्या चल रहा है? क्या इसी लूट के लिए आप सत्ता में आए हैं? यदि इसी लूट के लिए महाराष्ट्र सरकार सत्ता में आई है तो इसके विरोध में प्रदेश की जनता को भी अपनी ताकत दिखानी पड़ती है. ये स्पष्ट है कि महाराष्ट्र में महाअघाड़ी गठबंधन जीत कर नहीं आई है. पिछले विधानसभा चुनाव में तो भारतीय जनता पार्टी और शिव सेना गठबंधन में थी और शिवसेना के सभी विजयी उम्मीदवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम और उनकी लोकप्रियता के कारण चुनाव में विजय हासिल किये. बाद में, अपनी विश्वसनीयता खोकर प्रदेश की जनता से गद्दारी करते हुए विरोधी खेमे से जा मिले क्योंकि इनका एकमात्र अजेंडा ही था लूटमचाना.केंद्रीय मंत्री ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते कहा कि महाराष्ट्र का सम्पूर्ण प्रकरण सत्तारूढ़ गठबंधन के चरित्र को दर्शाता है और भ्रष्टाचार ही इस सरकार में महाराष्ट्र की पहचान बन चुकी है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शासन करने के नैतिक अधिकार से वंचित हो चुके हैं और उन्हें शीघ्र इस्तीफा देना चाहिए.
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