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इफ्को की स्वर्ण जयंती पर केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री : श्री राधा मोहन

 संवाददाता : यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि भारतीय सहकारिता आंदोलन की अमूल्य संस्था इफको अपनी स्थापना का स्वर्ण जयंती समारोह पूरे देश में धूमधाम के साथ मना रही है । मैं इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यू.एस. अवस्थी एवं उनकी पूरी टीम को इस सुअवसर पर ढेरों शुभकामनाएं देता हूं और उम्मीद करता हूं कि भारत के किसानों के मर्म को पहचानने एवं उसकी तमाम समस्याओं के निदान हेतु इफको अपना योगदान सदैव प्रदान करेगी ।जैसा कि विदित है कि सहकारिता की भावना एवं मूल्य भारतीय संस्कृति में रची बसी है । भारतीय सहकारिता आंदोलन ने 100 वर्षों से अधिक के समय को विभिन्न परीक्षाओं और चुनौतियों को पार करते हुए 21वीं सदी में प्रवेश किया है एवं पूरे विश्व के सबसे बड़े सहकारिता आंदोलन का मुकाम हासिल किया है । सम्पूर्ण भारत में सहकारिता के 249 मिलियन से अधिक सदस्य है जिसमें6.10 लाख सहकारी समितियां एवं 71 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण परिवार सम्मिलित है । सहकारिता ने लगभग 23.86 मिलियन लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मुहैया कराया है जो इसकी महत्ता को दर्शाता है । भारतीय सहकारितो ने अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों में अपने को मजबूती से स्थापित किया है जैसे डेयरी, बैंकिंग, चीनी, उर्वरक, विपणन, हैण्डलूम, मत्स्य, गृह निर्माण । सहकारी समितियों ने ऋण, उर्वरक, बीज जैसे इनपुट मुहैया कराकर किसानों की राह आसान की है ।वर्तमान सरकार सहकारिता की उन्नति एवं मजबूती के लिए प्रतिबद्ध है । सहकारिता की ग्रामीण अर्थव्यस्था में महत्ता को समझते हुए सरकार द्वारा एनसीडीसी को सहकारिता के विभिन्न आयामों एवं जरूरतों को पूरा करने हेतु गठित किया गया है जो विभिन्न सहकारी कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने में विशेष भूमिका अदा करती है । इसके अतिरिक्त सहकारी शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रम सहकारिता विकास का अहम अंग है । कुशल मानव संसाधन, जब तक नहीं मिलेगा तब तक सहकारिताओं के विस्तार में कमी आएगी । इसलिए सहकारी शिक्षण एवं प्रशिक्षण तंत्र को भी मजबूत बनाना होगा । भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ देश में सहकारी आंदोलन को विकसित करने के लिए कठिन प्रयास कर रहा है तथा सहकारी क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण हेतु सदस्य संगठनों को शिक्षित करने, मार्गदर्शन देने और सहायता प्रदान करने में अहम भूमिका निभा रहा है । इसके अतिरिक्त पूरे देश में सहकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद द्वारा अपने 5 क्षेत्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थानों एवं 14 सहकारी प्रबंध संस्थानों एवं पूणे स्थित राष्ट्रीय स्तर के सहकारी प्रबंध संस्थान के माध्यम से सहकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहा है ।यह हमारे लिए अत्यंत हर्ष का विषय है कि इफको जो कि वर्ष 1967-68 में मात्र 57 सहकारी समितियों के साथ मिलकर स्थापित हुए थी वह आज भारत की बड़ी सहकारी समितियों में से एक है और पूर्णतया सहकारी समितियों के स्वामित्व में है । आज इस समिति में लगभग 36 हजार से भी अधिक सहकारी समितियां शामिल है और खाद बनाने और बिक्री के अलावा समितियों का व्यवसाय,साधारण बीमा से लेकर ग्रामीण दूरसंचार जैसे विविध क्षेत्रों तक फैला हुआ है । आज अपने विशाल नेटवर्क के जरिए यह हमारे देश में लगभग 5.5 करोड़ किसानों को अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है ।इफको ने जॉर्डन के साथ, दुबई के साथ, एआईटी, ओमान के ओमीफाको, बीआईएफ सैनेगाल, इफकोकनाडा जैसे संयुक्त सह उद्यमों के जरिए विदेशों में अपने प्रभाव का विस्तार किया है । इन्होंने कई अंतर्राष्ट्रीय उर्वरक उद्योगों एवं कच्चे माल की आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन एवं करारों के जरिए अपनी अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी का विस्तार किया है । मुझे यह हर्ष के साथ आपको बताते हुए गौरवान्वित हो रहा है कि यह भारत के किसानों को पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल तथा सही समय पर भरोसेमंद तथा उच्च कोटि के कृषि उत्पाद एवं सेवाएं प्रदान करके किसानों को समृद्ध बनाना चाहते है और उनके कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं एवं कार्यक्रम भी चलाते है । मेरा पूरा विश्वास है कि इफको की लाभकारी योजनाओं का लाभ लेकर किसानों की पैदावार बढ़ाकर उन्हें अतिरिक्त आय प्रदान करने का अवसर मिलेगा, साथ ही पर्यावरण का संरक्षण भी हो पाएगा । इसी की साथ सहकारी समितियों को आर्थिक एवं लोकतांत्रिक रूप से सशक्त बनाकर एवं खेतीहर मजदूरों को पेशेवर सेवाएं प्रदान करके सम्पूर्ण भारत के ग्रामीण क्षेत्रों का सशक्तिकरण हो पाएगा ।सहकारी आंदोलन इफको जैसे सफल कहानियों के माध्यम से भारतीय किसानों के लिए प्रतिबद्ध है । इफको अपनी स्थापना के 50 वर्ष इस वर्ष के नवम्बर 3, 2017 को पूरे कर रहा है । अपने इस ऐतिहासिक सफर में इफको ने अपने देश के प्रत्येक गांव से जुड़कर विश्वास, भरोसा प्यार पाया है । इफको ने देश में ही नहीं, इस 50 सालों के सफर मे पूरे विश्व में अपनी अमिट छाप छोड़ी है । इफको के इस स्वर्ण जयंती में आप सभी का हार्दिक अभिनंदन करता हूं एवं डॉ. यू.एस. अवस्थी एवं बोर्ड मेंबर एवं इससे जुडे तमाम सहकारी समितियों एवं देश के किसानों का बधाई देता हूं । इफको की विभिन्न योजनाओं में से भूमि बचाओ पहल जो कि लगभग 122 गांव में फैला हुआ है,इस बात पर जोर देता है कि मृदा जांच, हरित खाद एवं जैविक खाद के लिए खेतों को तैयार करना ताकि फसल की विविधता, बहुफसलीकरण एवं जल संसाधन विकास के जरिए उपज में लगातार बढोत्तरी करना है । इसी के साथ सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी इफको की सानी मानी जाती है । इफको द्वारा निर्मित किए टच स्क्रीन मॉनीटर ग्रामीण भारत को सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से किसानों को आवश्यक सेवाएं प्रदान कर रहे है । यह सेवा मध्य प्रदेश,राजस्थान, बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु में भी उपलब्ध है । मैं इफकोके प्रबंध निदेशक डॉ. अवस्थी से अनुरोध करूंगा कि यह सेवाएं अन्य राज्यों को भी उपलब्ध कराई जाए । इफको ने सहकारी ग्रामीण विकास ट्रस्ट  की स्थापना भी की है जिसका उद्देश्य किसानों को कृषि संबंधित व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना है साथ ही फसल, पशुधन, उद्यान कृषि, फार्म मशीनीकरण, उर्वरक का संतुलित उपयोग, जैविक खादों का उपयोग, मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन,फल एवं सब्जियों के संरक्षण आदि के मामले में किसानों के कौशलों को बेहतर बनाना भी है । इन सब के जरिए मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं के माध्यम से किसानों को निशुल्क सेवाएं प्रदान की जाती है । और वर्ष 2015-16 में 99000 नमूनों का विश्लेषण भी किया गया है साथ ही सहकारी ग्रामीण विकास के लिए 19 गांवों को गोद भी लिया गया है तथा वहां सामाजिक कल्याण तथा विभिन्न गतिविधियों का संचालन भी किया गया । यह अति हर्ष का विषय है कि इफको ने अपनी इंडियन फार्म फोरेस्ट्री डेवलपमेंट कोआपरेटिव के माध्यम से वृक्षारोपण द्वारा बेकार पड़ी भूमि का विकास करना और सामूहिक प्रयासों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन करके ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब तबके के लोगों की सामाजिक तथा आर्थिक दशा में सुधार लाना है । आज नाबार्ड के साथ भागीदारी करके विभिन्न राज्यों में कृषि कार्यक्रम के तहत 8500 परिवारों का विकास किया गया एवं 1900 स्वयं सहायता समूहों का निर्माण किया जिसमें लगभग 21000 सदस्य कार्यरत है और इन सदस्यों में 92 प्रतिशत महिलाएं है । इस समिति के माध्यम से लगभग 30000 हेक्टेयर बेकार भूमि पर वृक्षारोपण किए जा चुके है । इफकोने इफको ई-बाजार की भी स्थापना की है जो देश के ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक मॉल जैसे बेहतर बाजार का विकल्प उपलब्ध कराया है ताकि एक ही छत के नीचे किसानों के लिए समस्त कृषि उत्पाद एवं सेवाएं उपलब्ध कराई जा सके । इसके अंतर्गत अब तक लगभग 100 केन्द्रों की स्थापना की जा चुकी है । अपनी इस 50 वर्षों की ऐतिहासिक सेवाओं के अवसर मैं चाहूंगा कि इफको किसानों की विभिन्न समस्याओं को डिजिटल मंच के जरिए भी हल करे, ताकि किसानों की आय एवं उपज की गुणवत्ता को बढाया जा सके और साथ ही किसानों का कैशलेस योजना के बारे में भी जागरूक किया जा सके । अंत में मैं आज के इस कार्यक्रम में मुझे आमंत्रित करने के लिए पुनः इफको का आभार प्रकट करता हूं तथा आशा एवं उम्मीद करता हूं कि आने वाले समय में इफको नई बुलंदियों को प्राप्त कर सहकारिता के माध्यम देश के किसानों एवं ग्रामीण विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा ।

      धन्यवाद,

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