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दिल्ली

हर हाल में दिसंबर तक पूरा हो चंद्रावल प्लांट, 22 लाख घरों तक पहुंचेगा साफ पानी-अरविन्द केजरीवाल

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार दिल्ली के हर घर तक शुद्ध पानी पहुंचाने को लेकर युद्ध स्तर पर काम कर रही है। दिल्ली के हर घर तक भरपूर पानी कैसे पहुंचाया जाए, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए दिल्ली सरकार कई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को अपग्रेड भी कर रही है। इसी के तहत बुधवार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने चंद्रावल में 105 एमजीडी के नए बन रहे डब्ल्यूटीपी यूनिट का दौरा कर उसकी प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान जल मंत्री सौरभ भारद्वाज, डीजेबी के सीईओ और डीजेबी के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने समीक्षा के दौरान पाया कि चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट प्रोजेक्ट की प्रगति निर्धारित समय सीमा के अनुसार नहीं हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कड़ी नाराजगी जताई। सीएम ने इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही एजेंसी से 24 घंटे के अंदर एक विस्तृत प्लान सौंपने के सख्त निर्देश दिए, जिससे इसे दिसंबर तक पूरा किया जा सके।

इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चंद्रावल प्लांट के निर्माण कार्य की समीक्षा की और इसे दिसंबर 2023 तक पूरा करने के निर्देश दिए। इसके शुरू होने से दिल्ली के 22 लाख लोगों को उनके घर में साफ पानी मिलने लगेगा। हमारा लक्ष्य दिल्ली के हर घर तक साफ पानी पहुंचाना है। इस दिशा में दिल्ली सरकार दिन-रात काम कर रही है। दरअसल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार दिल्ली के हर घर तक पर्याप्त पानी पहुंचाने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। दिल्ली में पानी की उपलब्धता बढ़ाने और हर घर तक साफ पानी पहुंचाने को लेकर कई प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। इन प्रोजेक्ट्स पर मुख्यमंत्री खुद नजर रखे हुए हैं और समय-समय पर उनकी प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं। जिससे कि प्रोजेक्ट को समय से पूरा कर दिल्ली के नागरिकों को पर्याप्त मात्रा में साफ पानी उनके घर में मुहैया कराया जा सके। इसी परिप्रेक्ष्य में कई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स को भी अपग्रेड किया जा रहा है ताकि पानी को ट्रीट करने की उनकी क्षमता को बढ़ाता जा सके। इसी के मद्देनजर चंद्रावल ट्रीटमेंट प्लांट को भी अपग्रेड किया जा रहा है। इसे पूरी तरह से अपग्रेड कर नया बनाया जा रहा है। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद इस वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 105 एमजीडी की हो जाएगी और इससे दिल्ली के करीब 22 लाख लोगों को उनके घर में साफ पानी मिल सकेगा। 

चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के प्रोजेक्ट को दिसंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसकी प्रगति का जायजा लेने आज सीएम अरविंद केजरीवाल ने मौका मुआयना किया। उन्होंने समीक्षा के दौरान पाया कि कार्य की प्रगति टाइम लाइन के अनुसार नहीं है। इस पर मुख्यमंत्री ने कड़ी नाराजगी जताई और प्रोजेक्ट पर काम कर रही एजेंसी को दिसंबर 2023 तक प्रोजेक्ट को पूरा करने को लेकर 24 घंटे के अंदर प्लान बनाकर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। सीएम ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे साइट पर तुरंत मैनपावर और मशीनरी बढ़ाएं और किसी भी तरह की ढिलाई की गुंजाइश न छोड़ें। उन्होंने कहा कि मैं खुद एक इंजीनियर हूँ। मैं समझता हूं कि प्रोजेक्ट स्थल पर कैसे कार्य करते हैं। हम ठेकेदार की ओर से किसी भी प्रकार की कमियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस स्तर पर किसी भी देरी के लिए कोई जगह नहीं है। सीएम ने अधिकारियों को मौजूदा व्यवस्था पर असंतोष जताते हुए प्लांट में अमोनिया ट्रीटमेंट के प्रावधान शामिल करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को ऐसी प्रणाली स्थापित करने के लिए विशेषज्ञों के साथ समन्वय बनाकर काम करने के लिए कहा, जो पानी में मौजूद अमोनिया को ट्रीट कर सके। सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, “चंद्रावल में 105 एमजीडी के नए बन रहे वेटर ट्रीटमेंट प्लांट का आज दौरा किया और उसकी प्रगति की समीक्षा की। इस यूनिट को दिसम्बर 2023 तक बनाकर तैयार करने के निर्देश दिए। इसके शुरू होने से दिल्ली के 22 लाख लोगों को उनके घर में साफ़ पानी मिलेगा। हमारा लक्ष्य दिल्ली के हर घर तक साफ़ पानी पहुंचाना है।”बता दें कि इस वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में कैस्केड जलवाहक, मानसून के मौसम के दौरान अवसादन के लिए प्री-सेटलिंग टैंक, और प्राथमिक या मध्यवर्ती कीटाणुशोधन के साथ-साथ रंग और गंध हटाने के लिए एक ओजोनेशन जनरेशन सिस्टम शामिल है। अन्य उपचार इकाइयों में रेत और दानेदार सक्रिय कार्बन का उपयोग करते हुए एक ओजोन संपर्क टैंक, फ्लैश मिक्सर, फ्लॉक्यूलेशन और सेटलिंग इकाइयां, एक प्लेट सेटलर और रैपिड ग्रेविटी फिल्ट्रेशन सिस्टम शामिल हैं। इसके अलावा, डब्ल्यूटीपी में क्लोरीन संपर्क साफ पानी का भंडार, ट्रीटेड जल संचरण के लिए एक पंप हाउस, रासायनिक प्रणाली के साथ एक रासायनिक हाउस और हरित निर्माण सामग्री से निर्मित एक प्रशासनिक भवन भी है। इसके अतिरिक्त, एक 8 एमजीडी का रीसायकल प्लांट जो हाल ही में निर्मित 182 एमएलडी क्लेरिफायर से नवनिर्मित संयंत्रों के साथ एकीकृत किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में चंद्रावल वाटर वर्क्स मैनेजमेंट सेंटर (सीडब्ल्यूएमसी) की स्थापना भी शामिल है, जिसमें हार्डवेयर, स्काडा सॉफ्टवेयर और पानी की मांग के पूर्वानुमान परियोजना, ऊर्जा प्रबंधन, पानी की कमी और दबाव प्रबंधन के लिए अतिरिक्त एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर शामिल हैं। वहीं सीडब्ल्यूएमसी भविष्य में दिल्ली जल बोर्ड के अन्य वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स की क्षमता बढ़ाने के साथ चंद्रावल कमांड क्षेत्र की तीन वितरण प्रणालियों को कवर करेगा।

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