अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने कहा कि चुनाव डयूटी के दौरान पोलिंग कर्मियों/सुरक्षा कर्मियों की हिंसक घटनाओं, बम ब्लास्ट या आर्म्ड अटैक या गोलीबारी इत्यादि के कारण मृत्यु हो जाने पर उनके परिवारजनों को 30 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इसी प्रकार, ड्यूटी पर किसी अन्य कारणों से मृत्यु हो जाने पर 15 लाख रुपये, असामाजिक तत्वों के हमले के कारण कर्मचारी के स्थायी दिव्यांग होने पर 15 लाख रुपये तथा शरीर के किसी अंग या आंखों की दृष्टि जाने की स्थिति में 7.5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता परिवारजनों को दी जाएगी।पंकज अग्रवाल ने कहा कि चुनाव ड्यूटी के दौरान दी जाने वाली यह अनुग्रह राशि केंद्रीय गृह मंत्रालय या राज्य सरकार या अन्य नियोक्ता द्वारा दी जाने वाले अनुकंपा राशि से अतिरिक्त होगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि चुनाव डयूटी की समयावधि चुनावों की घोषणाओं की तिथि से लेकर परिणाम की तिथि तक (दोनों दिनों को शामिल करते हुए) माना जाएगा।उन्होंने बताया कि अनुग्रह राशि की प्रक्रिया शुरू करने की जिम्मेवारी जिला निर्वाचन अधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक की होगी और कर्मचारी की मृत्यु, दिव्यांगता इत्यादि होने की घटना की तिथि से 10 दिन के अंदर-अंदर आरंभ करनी होगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा 1 माह के भीतर संबंधित मामले का निपटान सुनिश्चित करना होगा।पंकज अग्रवाल ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग चुनाव ड्यूटी के दौरान मृत्यु या गंभीर चोट लगने की स्थिति में मतदान/सुरक्षा कर्मियों के परिजनों को अनुग्रह राशि के भुगतान का प्रावधान करता है, जिसमें सभी प्रकार के चुनाव संबंधी ड्यूटी में तैनात सभी कर्मचारी, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ), एसएपी, राज्य पुलिस, होमगार्ड के अंतर्गत कार्यरत सभी सुरक्षा कर्मी शामिल है। इसके अलावा, चुनाव ड्यूटी के लिए नियुक्त ड्राइवर, क्लीनर आदि जैसे कोई भी निजी व्यक्ति, बीईएल/ईसीआईएल इंजीनियर जो फर्स्ट लेवल चेकिंग (एफएलसी), ईवीएम कमीशनिंग, मतदान दिवस और मतगणना दिवस ड्यूटी में लगे हैं वे सब भी इसमें शामिल हैं।उन्होंने बताया कि किसी व्यक्ति को चुनाव संबंधी कार्य जैसे प्रशिक्षण के लिए घर/कार्यालय से निकलते ही तब तक चुनाव ड्यूटी पर माना जाना उचित होगा जब तक वह चुनाव संबंधी ड्यूटी के बाद अपने घर/कार्यालय वापस नहीं पहुंच जाता। यदि इस अवधि के दौरान कोई दुर्घटना होती है, तो उसे चुनाव ड्यूटी के दौरान हुई दुर्घटना माना जाएगा, बशर्ते कि मृत्यु/चोट की घटना और चुनाव ड्यूटी के बीच कोई कारणात्मक संबंध हो।मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र की एक मूलभूत विशेषता है। चुनाव के दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों से मिलकर बनी चुनाव मशीनरी द्वारा की जाने वाली मुश्किल गतिविधियाँ शामिल होती हैं। ये कर्मी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संचालन सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता के साथ अपनी जान जोखिम में डालने जैसा चुनौतीपूर्ण कार्य करते हैं। उनके द्वारा किए गए योगदान को स्वीकार करते हुए, आयोग द्वारा मृतक कार्मिक के परिजनों को अनुग्रह राशि के रूप में मृत्यु की स्थिति में मुआवजा देने या कार्मिक को गंभीर चोट लगने के कारण स्थायी दिव्यांगता होने की स्थिति में सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया है।पंकज अग्रवाल ने निर्देश दिए कि सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा पोलिंग कर्मियों के लिए ट्रेनिंग केंद्र, डिस्पैच तथा रिसिविंग केंद्रों पर स्वास्थ्य देखभाल, फ्रस्ट-ऐड इत्यादि की सुविधा सुनिश्चित की जाए और डॉक्टर व पैरा मेडिकल स्टाफ युक्त एक एंबुलेंस की भी व्यवस्था रहनी चाहिए।
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