अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा में अब स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क के जरिए राजस्व संग्रह में काफी इजाफा हो रहा है। इस वर्ष अक्तूबर महीने में एकत्रित हुआ राजस्व पिछले साल अक्तूबर 2019 की अवधि में एकत्रित हुए राजस्व को पार कर गया है। यही नहीं, एक अप्रैल से 30 नवंबर 2020 के बीच राज्य में दो लाख से अधिक डीड्स पंजीकृत की गई हैं।
यह जानकारी देते हुए वित्त आयुक्त,राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि इस साल अप्रैल से नवंबर के बीच 2,41,302 डीड्स के पंजीकरण के माध्यम से 1949.75 करोड़ रूपए का राजस्व एकत्रित हुआ। इसमें नवंबर में हुई 44,787 डीड्स के पंजीकरण के माध्यम से एकत्रित हुआ 440.13 करोड़ रूपए का राजस्व भी शामिल है। इसी प्रकार, सितंबर में 25,928 डीड्स के पंजीकरण से 248.89 करोड़ तथा अक्तूबर में 59,023 डीड्स के पंजीकरण के माध्यम से 479.46 करोड़ रूपए का राजस्व एकत्रित हुआ। कौशल ने बताया कि हालांकि इस वर्ष मार्च में कोविड-19 की महामारी के बाद स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क के माध्यम से एकत्रित किए गए राजस्व में गिरावट आई थी, परंतु अब राजस्व में बढ़ोतरी हो रही है जो कि सामान्य स्तर के नजदीक है। उन्होंने बताया कि राजस्व संग्रहण में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अप्रैल से अक्टूबर 2020 के बीच की अवधि में लगभग 45.21 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 3700.13 करोड़ रूपए एकत्रित किए गए जबकि इस वर्ष 2027.24 करोड़ रूपए का राजस्व एकत्रित किया गया जो कि पिछले वर्ष से 1672.89 करोड़ रूपए कम है। उन्होंने बताया कि अप्रैल से अगस्त 2020 तक केवल 1101.85 करोड़ रूपए का राजस्व एकत्रित हुआ जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 2747.95 करोड़ रूपए का संग्रहण था। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष उक्त अवधि में 59.9 प्रतिशत कम राजस्व मिला, जो कि 1646.1 करोड़ रूपए है। पिछले वर्ष सितंबर में जहां 456.55 करोड़ रूपए का राजस्व मिला था वहीं इस वर्ष सितंबर माह में 377.83 करोड़ रूपए राजस्व के रूप में मिले हैं जो कि पिछले साल की तुलना में 78.72 करोड़ रूपए कम हैं। उन्होंने बताया कि अक्तूबर माह में 547.56 करोड़ रूपए का राजस्व एकत्रित हुआ है जो पिछले वर्ष की तुलना में 10.48 प्रतिशत या यानि 51.93 करोड़ रूपए अधिक है। इस वर्ष नवंबर माह में 488.53 करोड़ रूपए का राजस्व एकत्रित हुआ है। उन्होंने बताया कि विभाग को स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क के जरिए वर्ष 2019-20 में 6,100.27 करोड़ का राजस्व मिला है।