अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दलगत राजनीति से ऊपर उठकर जो भी व्यक्ति हमारे साथ प्रदेश की जनता के लिए कुछ करना चाहता है तो उसके लिए आम आदमी पार्टी के दरवाजे हमेशा खुले है। यह बात आज यहां अपने निवास पर हरियाणा से आम आदमी पार्टी में शामिल होने आए कार्यकर्ताओं को हरियाणा प्रदेश के प्रभारी व राज्यसभा सांसद डॉ सुशील गुप्ता ने कही। उन्होंने कहा कि दिल्ली व पंजाब में आम आदमी पार्टी को प्रचंड बहुमत के बाद हरियाणा की राजनीति में भी बदलाव साफ दिखाई दे रहा है। कांग्रेस-भाजपा में खुद को उपेक्षित महसूस करने वाले कार्यकर्ता और नेता आम आदमी पार्टी का दामन थाम रहे है। जिससे साफ है कि हरियाणा विधानसभा के चुनाव 2024 में होने वाले चुनावों का असर दिखेगा। हरियाणा में अगली सरकार आम आदमी पार्टी की होगी। इसके लिए हमारे कार्यकर्ता अभी से ही जी जान से जुट गए है। वहीं आप की सक्रियता को देखते हुए सत्ता पक्ष व कांग्रेस के पैरों तले से जमीन खिसकने लगी है।
हरियाणा प्रभारी डॉ गुप्ता ने कहा अरविंद केजरीवाल के विकास मॉडल को आज दिल्ली, पंजाब ही नहीं अपूति देशभर में पूछा जा रहा है। देश का नागरिक केजरीवाल के मॉडल को अपने प्रदेश में लागू करवाने के लिए आम आदमी पार्टी के साथ जुडता जा रहा है। इसी कडी मे आज हरियाणा के विभिन्न जिलों से हजारों की संख्या में लोग डा गुप्ता से मिलने और आम आदमी पार्टी में जुडने के लिए दिल्ली स्थित उनके निवास स्थान पर पहुंचे। इस अवसर पर सांसद प्रतिनिधि शिखा गर्ग साहित पार्टी के कई उच्च पदाधिकारी उपस्थित थे। राकेश भड़ाना महासचिव राष्ट्रीय किसान कांग्रेस,प्रदेश प्रभारी, उत्तर प्रदेश, गोवा व लोकसभा प्रभारी गुरूग्राम, अखिल भारतीय दलित महासंघ अंबाला के ओमप्रकाश बल्ली,हरिपाल पूर्व सरपंच चूरू माजरा कैथल,दीपा शर्मा अध्यक्ष आल इंडिया कांग्रेस महिला विंग हरियाणा,गुलशन सैनी पूर्व विधानसभा प्रत्याशी,सतपाल सिठाना सरपंच सिंगपुरा,रणबीर सिंह सरपंच इसराना पानीपत,गुरमेज सिंह पूर्व सरपंच, बलवंत कुमार पूर्व सरपंच,
रामनिवास शर्मा उप-प्रधान ब्राह्मण सभा,मनजीत फरमाना, जिला महासचिव जिला कांग्रेस सेवादल जिला संगठन सोनीपत, शिव कुमार पूर्व पार्षद, नगर पालिका सांपला को राज्य सभा सांसद डॉ सुशील गुप्ता ने पार्टी की टोपी पहनाकर सदस्यता दिलाई। इस अवसर पर डॉ गुप्ता ने कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद हरियाणा की राजनीति में भी बदलाव होना तय है। हरियाणा का बड़ा हिस्सा दिल्ली तथा दूसरी ओर पंजाब के साथ लगता है। किसान आंदोलन के समय हरियाणा-पंजाब के लोगों का आपस में काफी जुड़ाव हुआ। प्रदेश के कांग्रेसी, भाजपा, जजपा के नेताओं में आपसी टकराव है। पार्टी के वरिष्ठ नेता खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। जो तीसरे विकल्प के तौर पर आम आदमी पार्टी को अपना रहे हैं।
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