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फरीदाबाद

फरीदाबाद : वाईएमसीए विश्वविद्यालय में गणित व कम्प्यूटर विज्ञान पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन, लगभग 150 प्रतिभागी लेंगे हिस्सा

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट

फरीदाबाद : वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद द्वारा ‘गणित और कम्प्यूटिंग में प्रगति’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आज प्रारंभ हो गया। हरियाणा स्वर्ण जयंती वर्षोत्सव उपलक्ष्य में इस सम्मेलन को विश्वविद्यालय मानविकी एवं विज्ञान विभाग तथा कम्प्यूटर इंजीनियरिंग विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें लगभग 150 से प्रतिभागी हिस्सा ले रहे है।
सम्मेलन का प्रारंभ विधिवत रूप से दीप प्रज्वलन तथा सरस्वती वंदना से हुआ। उद्घाटन समारोह में वेलटेक युनिवर्सिटी, चेन्नई के कुलपति प्रो. आर.पी. बाजपेयी मुख्य अतिथि तथा दिल्ली विश्वविद्यालय से प्रो. बी. के. दास विशिष्ट अतिथि रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की। सत्र के दौरान संकायाध्यक्ष डॉ. संदीप ग्रोवर, डॉ सी.के. नागपाल, प्रो. राज कुमार तथा कम्प्यूटर इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डॉ. कोमल कुमार भाटिया, सम्मेलन के आमंत्रित वक्ता गुरू जम्भेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार से प्रो. डी.एस. हुड्डा तथा दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय के प्रो. एच.सी. तनेजा भी उपस्थित थे।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने गणित के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि गणित के बिना इंजीनियरिंग संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को दशमलव दिया है। आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त, श्रीनिवास रामानुज तथा कई अन्य गणितज्ञों ने देश में गणित के विकास में जो योगदान दिया है, वही भारतीय गणित की बुनियाद है। आधुनिक कम्प्यूटर के युग में जिस तरह से प्रत्येक क्षेत्र में सूचनाओं का दायरा बढ़ रहा है, कम्प्यूटीकृत प्रणाली के बिना इतने विशाल डाटा का विश्लेषण संभव नहीं है और ऐसे विश्लेषण में गणित की विभिन्न तकनीकों की आवश्यकता अहम हो जाती है।
कुलपति ने कहा कि गणित के महत्व को बढ़ाने के लिए मंे ऐसे सम्मेलन अहम भूमिका निभा सकते है। उन्होंने आशा जताई कि गणित व कम्प्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में नवीन तकनीक पर विचार विमर्श के लिए यह सम्मेलन अकादमिक विशेषज्ञों व प्रतिभागियों को एक बेहतर मंच प्रदान करेगा।
मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में प्रो. आर. पी. बाजपेयी ने सम्मेलन के चयनित विषय की सराहना की। उन्होंने कहा कि शोध की दृष्टि से गणित में अनुसंधान की संभावनाएं बढ़ी है और निरंतर नई कम्प्यूटर एप्लीकेशन्स विस्तार से इस क्षेत्र में बड़े बदलाव आ रहे है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में अच्छे वेतन के साथ रोजगार के भी बेहतर अवसर है लेकिन देश में गणित के क्षेत्र में उतना विकास नहीं हो रहा, जितना होना चाहिए। सही मायने में गणित मंे हम पिछड़ रहे हैं उन्होंने कहा कि सभी प्रकार की तकनीक आज गणित के माध्यम से ही संचालित हो रही है और हमें गणित से जुड़ते क्षेत्र जैसे फाइनेंशियल कम्प्यूटिंग, क्लाउड कम्प्यूटिंग और साइबर सिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता है, जहां शोध व प्रगति की काफी संभावनाएं है।
सत्र को संबोधित करते हुए प्रो. बी. के. दास ने गणित के अंतःविषयक पहलुओं पर अपने विचार रखें। उन्होंने गणित के अध्ययन को लेकर विभिन्न तकनीकों के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव लाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि गणित इंजीनियरिंग की सभी शाखाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका रखता है।
इससे पूर्व, संकायाध्यक्ष, मानविकी व विज्ञान प्रो. राज कुमार ने सभी अतिथियों, वक्ताओं और प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा सम्मेलन की विषय-वस्तु की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दो दिवसीय सम्मेलन में कुल छह आमंत्रित व्याख्यान आयोजित होंगे तथा विभिन्न तकनीकी सत्रों के दौरान 101 शोध पत्र प्रस्तुत किये जायेंगे।

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