अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: सीआईए वन की टीम ने आज 7 वर्षीय मासूम बच्ची की हत्या की वारदात को पर्दाफाश करते हुए आरोपित को पश्चित बंगाल के हावड़ा रेवले स्टेशन से अरेस्ट किया है। अरेस्ट किए गए आरोपित की पहचान योगश उर्फ शिवकुमार निवासी यमुनानगर हाल किरायेदार थाना पुराना औद्योगिक हैं। आरोपित ने खुलासा किया हैं कि मानव बलि के नाम पर बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी थी। ये जानकारी आज अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय ने आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में दी है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय सिंह ने लघु सचिवालय के तृतीय तल पर स्थित सभागार में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में आरोपित ने बच्ची की हत्या की वारदात को अंजाम देने बारे स्वीकारा। पूछताछ में आरोपित से खुलासा हुआ की उसने तांत्रिक विद्या में निपुण होने के लिए मानव बलि के नाम पर गत 24 अक्तूबर दिवाली की रात बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या की। आरोपित अपने किराए के कमरे के पिछे खाली पड़े प्लाट में बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर शव को वही छोड़कर कमरे पर आ गया था। किसी को उस पर शक ना हो इसके लिए आरोपित बच्ची के परिजनों के साथ ढूंढने में मदद करने लगा। आरोपित गत 25 अक्टूबर की सुबह करनाल में अपनी बहन के घर गया।
इसी दौरान आरोपित को कही से जानकारी मिल गई कि पुलिस की टीमें आसपास के लोगों से पूछताछ कर रही है। आरोपित पुलिस पकड़ से बचने के लिए उसी समय करनाल से दिल्ली चला गया। रात भर दिल्ली में घूमने के बाद गत 26 अक्तूबर को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से बंगाल वाली ट्रेन में बगैर टिकट चढ़ गया। पुलिस टीम ने विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर छानबीन करते हुए आरोपित को पश्चिम बंगाल में हावड़ा रेलवे स्टेशन से काबू किया। आरोपित को सीआईए वन की टीम पश्चिम बंगाल के जिला हावड़ा न्यायालय में पेश कर राहदारी रिमांड पर पानीपत लेकर आ रही है।
इस प्रकार आया आरोपी पुलिस पकड़ में :
पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन के मार्गदर्शन में पुलिस की कुल 6 टीमें विभिन्न पहलूओं पर जांच में जुटी हुई थी। सभी टीमें दिए गए दिशा- निर्देश के अनुसार मामलें की जांच पड़ताल में जूटी रही। टीम ने पीड़ित परिवार के आस पड़ोस के सभी लोगों से पूछताछ की। जिस दौरान उसी बिल्डिंग में किराए पर रहने वाले योगेश उर्फ शिवकुमार के कमरे पर वारदात के बाद से ही ताला लगा मिला। शक के आधार पर पुलिस टीम ने योगेश उर्फ शिवकुमार के बारे में जानकारी जुटाई गई। आरोपित के फोन की लोकेशन लगातार बदलती रही। इनमें यूपी के अलीगढ़, मौजपुर, फिरोजाबाद रेलवे स्टेशन के आसपास की लोकेशन शामिल थी। इस दौरान आरोपित बीच-बीच में मोबाइल को स्विच ऑफ भी कर रहा था।
उनका कहना हैं कि सीआईए वन प्रभारी इंस्पेक्टर राजपाल द्वारा पूरी जानकारी पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन के संज्ञान में लाई गई। पुलिस अधीक्षक ने इनपुट के आधार पर सीआईए वन की तीन अलग-अलग टीमों को यूपी व बंगाल के लिए रवाना किया। इनमे से एक टीम बाई एयर कोलकाता पहुंची। पुलिस टीम ने हावड़ा जीआरपी के सहयोग से आरोपित को हावड़ा रेलवे स्टेशन पर काबू कर पूछताछ की तो आरोपित ने वारदात को अंजाम देने बारे स्वीकारा।
आरोपित का पहले भी अपराधिक रिकार्ड रहा है :
आरोपित जिला यमुनानगर के थाना शहर में वर्ष 2014 में दर्ज पॉक्सो एक्ट के एक मामलें में सजायाफ्ता अपराधी है। आरोपित को उक्त मामलें में न्यायालय से वर्ष 2015 में 5 वर्ष की सजा हुई थी। आरोपित वर्ष 2019 में सजा पूरी होने पर जेल से बाहर आया था।
यह था मामला :
थाना पुराना औद्योगिक में 25 अक्तूबर की सुबह एक युवक ने शिकायत देकर बताया कि वह मूल रूप से यूपी के लखीमपुर जिला का रहने वाला है। हाल में वह थाना पुराना औद्योगिक क्षेत्र के अंतर्गत काबड़ी रोड पर एक कॉलोनी में रहता है। वह मेहनत मजूदरी का काम करता है। उसकी दो बेटियां है। बड़ी बेटी की उम्र 7 वर्ष है। वह 24 अक्तूबर दीवाली की रात करीब 9 बजे घर से दुकान पर गई थी जो वापिस नही आई। उसने परिवार सहित बच्ची की विभिन्न जगहों पर तलाश की परंतु बच्ची का कहीं कोई पता नहीं लगा। थाना पुराना औद्योगिक में पिता की शिकायत पर अपहरण की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने अपहृत बच्ची की तलाश शुरू कर दी थी। थाना पुराना औद्योगिक पुलिस की टीम क्षेत्र में बच्ची की तलाश कर रही थी। इसके कुछ देर बाद ही सुबह करीब 9 बजे बच्ची का शव घर के पीछे झाड़ियों में पड़े होने बारे सूचना मिली। सूचना मिलते ही पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल में डॉक्टरों के बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों के हवाले कर दर्ज मामले में हत्या और पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराए जोड़कर आगामी कार्रवाही शुरू कर दी थी ।