अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के खिलाड़ियों द्वारा टोक्यो पैरालंपिक 2020 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर खिलाड़ियों को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार खिलाड़ियों की सुविधा के लिए कई कदम उठा रही है। हरियाणा के खिलाड़ियों ने अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है और पदक तालिका में हरियाणा का योगदान अविश्वसनीय है। हरियाणा के खिलाड़ियों ने दिखाया है कि उन्होंने बहादुर वीरों की धरती पर जन्म लिया है।समारोह में उपराष्ट्रपति और मुख्यमंत्री द्वारा पैरालंपिक में हरियाणा के पदक विजेता और प्रतिभागी 19 खिलाड़ियों को 27 करोड़ रुपये से अधिक की पुरस्कार राशि वितरित की गई।
एम वेंकैया नायडू आज गुरुग्राम में नॉर्थ कैप यूनिवर्सिटी में आयोजित टोक्यो पैरालंपिक 2020 में हरियाणा के पदक विजेता व प्रतिभागी खिलाड़ियों के सम्मान समारोह के दौरान उपस्थित जनों को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की।
खेल एवं युवा मामले राज्यमंत्री सरदार संदीप सिंह भी समारोह में उपस्थित रहे। एम. वेंकैया नायडू ने देश के युवाओं से आह्वान किया कि वे शारीरिक तंदुरुस्ती पर अवश्य ध्यान दें और अपने जीवन में कोई एक खेल अवश्य अपनाएं। उन्होंने कहा कि ‘हेल्थी नेशन विल बिकम वेल्थी नेशन’ । उन्होंने कहा कि विगत दो वर्ष के दौरान कोरोना महामारी के कारण विश्व भर में छाई निराशा के माहौल के बीच खिलाड़ियों ने आशा की नई किरण दिखाई है और जीवन में निरंतर आगे बढ़ने का संदेश दिया है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि मुझे बड़ी प्रसन्नता है कि आज मुझे टोक्यो पैरालंपिक 2020 के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का सम्मान करने का अवसर मिला है। आपको सम्मानित करके, मैं स्वयं को सम्मानित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के प्रशिक्षकों और अभिभावकों का हार्दिक अभिनंदन करते हुए कहा कि आपके समर्थन और प्रोत्साहन का खिलाड़ियों की उपलब्धि में बड़ा योगदान रहा है।
खिलाड़ियों की उपलब्धियां देश में एक नई खेल संस्कृति का निर्माण करेगी
एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि ये खेल बड़ी असामान्य परिस्थितियों में आयोजित किए गए थे। खिलाड़ियों पर अनेक प्रकार के बंधन थे। दर्शक न होने की वजह से स्टेडियम प्रायः खाली थे। लंबे समय तक स्टेडियम बंद रहने के कारण खिलाड़ियों का प्रशिक्षण बाधित हुआ था। ऐसी असामान्य परिस्थितियों में खिलाड़ियों की ये उपलब्धियां और भी अधिक शानदार हैं। पैरालिंपिक में खिलाड़ियों की उपलब्धियां देश में एक नई खेल संस्कृति का निर्माण करेगी।उन्होंने कहा कि इस वर्ष के टोक्यो ओलंपिक और पैरालंपिक में भारतीय दल का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है। इस वर्ष के खेलों में देश ने सबसे अधिक 19 पदक जीते हैं, जिसमें 5 स्वर्ण पदक, 8 रजत पदक और 6 कांस्य पदक शामिल हैं। इनमें से हरियाणा के 5 खिलाड़ियों ने कुल 6 पदक हासिल किए हैं, जिसमें 2 स्वर्ण, 2 रजत और 2 कांस्य पदक शामिल हैं। उन्होंने खिलाड़ियों को भावी सफलताओं के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि हरियाणा की खेल नीति इतनी बेहतर है कि आज अन्य राज्य भी उसका अनुसरण कर रहे हैं और इसी का परिणाम है कि पैरालंपिक में अन्य राज्यों के खिलाड़ियों ने भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को ये सफलता इतनी आसानी से नहीं मिलती, बल्कि इन सफलताओं को हासिल करने के लिए लगन और परिश्रम से निरंतर अभ्यास करना पड़ता है।
युवा अपने जीवन में खेलों को अवश्य अपनाएं
उन्होंने कहा कि भारत की जनसंख्या युवा है और देश में विश्व का मार्गदर्शन करने का सामर्थ्य है, इसलिए युवाओं को इन खिलाड़ियों से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में खेलों को अवश्य अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में खेलों को बढ़ावा देने के लिए व्यापक अवसर दिए हैं। हरियाणा सरकार पहले से ही खेलों के क्षेत्र में नए मुकाम हासिल कर रही है और आगे भी करती रहेगी। उपराष्ट्रपति ने कहा की वे भी स्वयं को स्वस्थ रखने के लिए एक घंटा बैडमिंटन खेलते हैं। उन्होंने कहा की समाज में खेल की संस्कृति विकसित करनी जरुरी है।
पैरालंपिक में चौथे स्थान पर रहने वाले दो खिलाड़ियों के लिए 50-50 लाख रुपये की घोषणा
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खिलाड़ियों को उनकी जीत के लिए बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने पहली बार ओलंपिक और पैरालंपिक में चौथे स्थान पर रहने वाले खिलाड़ियों को 50-50 लाख रुपये देने का निर्णय लिया है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने पैरालंपिक में चौथे स्थान पर रहे तरुण ढिल्लों, नवदीप सिंह को 50-50 लाख रुपये देने की घोषणा की। इसके साथ ही तकनीकी कारणों से पदक पाने से वंचित रहे विनोद कुमार को भी 50 लाख रुपये देने की घोषणा करते हुए मनोहर लाल ने कहा कि इससे खिलाडी का उत्साह बना रहेगा। मनोहर लाल ने कहा कि पदक विजेता खिलाड़ियों को तैयार करने वाले उनके कोच भी इनाम के हकदार हैं, इसलिए राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि ओलंपिक व पैरालंपिक में स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ी के कोच को 20 लाख रुपये, रजत पदक विजेता खिलाड़ी के कोच को 15 लाख रुपये और कांस्य पदक विजेता खिलाड़ी के कोच को 12.50 लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फरीदाबाद में 6 एकड़ में पैरालंपिक भवन बनाया जा रहा है। इसे हरियाणा सरकार पैरालंपिक स्पोर्ट्स सेंटर बनाएगी, जिसमें हॉस्टल की सुविधा होगी।
पैरालंपिक खिलाड़ी समाज के लिए प्रेरणास्रोत- सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पैरालंपिक खिलाड़ी समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं। सभी को इन खिलाड़ियों से प्रेरणा लेनी चाहिए कि कैसे जिंदगी में चुनौतियों से लड़ कर अपनी प्रतिभा के बल पर एक सफल मुकाम हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा को खेलों का हब माना जाता है और राज्य सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। परंतु अभी भी खेलों के क्षेत्र में बहुत कुछ करना बाकी है। ओलंपिक व पैरालंपिक में भारत को पदक तालिका में ऊपर के स्थानों पर लाना है, इसके लिए हरियाणा को अपनी भूमिका बढ़ानी होगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के खेल राज्य मंत्री से कहा कि वे बजट की चिंता न करें, खेलों को आगे बढ़ाते रहें, क्योंकि हरियाणा की धरती खेलों , किसानों और पहलवानों की धरती है। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा की खेल नीति को समझने के लिए दूसरे प्रदेशों की टीमें यहां आ रही हैं। पिछले दिनों गुजरात की एक टीम ने हरियाणा का दौरा किया और अब दूसरी टीम आई हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने खेलों के आधारभूत ढांचा विकसित करने में महत्वपूर्ण कार्य किया है और आज हर 10 किलोमीटर के दायरे में एक खेल का मैदान उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में खेलों के विकास की गति को देखते हुए हरियाणा को खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 संस्करण के आयोजन करने का सौभाग्य मिला है। इन खेलों का आयोजन पंचकूला में किया जाएगा।
हरियाणा सरकार ओलंपिक व पैरालंपिक खिलाड़ियों को दे रही है सर्वाधिक पुरस्कार राशि
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जो ओलंपिक व पैरालंपिक में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को पुरस्कार के रूप में सर्वाधिक नकद राशि देता है। ओलंपिक व पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक विजेता को 6 करोड़ रुपये, रजत पदक विजेता को 4 करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेता को 2.5 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार का प्रावधान किया है। इन खेलों के सब प्रतिभागी खिलाड़ियों को भी 15-15 लाख रुपये प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कभी ऐसा समय था कि खिलाड़ियों को उनके पुरस्कार की राशि साल या 2 साल तक मिलती थी परंतु हमने पुरस्कार राशि को तुरंत वितरण सुनिश्चित किया है। आज भी पैरालम्पिक के खिलाडियों को दी गई पुरस्कार राशि रविवार होने के बावजूद इनके घर पहुंचने से पहले इनके बैंक खातों में पहुंच जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने बैंकों से अपना ऑनलाइन सिस्टम चालू रखने का अनुरोध किया है। उन्होंने बताया कि पैरालम्पिक ही नहीं एशियाई, कॉमनवेल्थ और राष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने वाले पैरा खिलाड़ियों को भी सामान्य खिलाडि़यों के समान नकद पुरस्कार देने का प्रावधान किया गया है। हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने ओलम्पिक व पैरालम्पिक खेलों के लिए क्वालीफाई करते ही खिलाड़ी को तैयारी के लिए 5 लाख रुपये की एडवांस राशि देने का प्रावधान किया है।
अगले पैरालंपिक में भारत की ओर से 100 खिलाड़ी भाग लें और 50 पदक लेकर आएं, खेल मंत्री ने रखा लक्ष्य
प्रदेश के खेल एवं युवा मामले राज्य मंत्री सरदार संदीप सिंह ने टोक्यो पैरालंपिक में प्रदेश के खिलाड़ियों के अच्छे प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए कहा कि ये खिलाड़ी समाज के असली हीरो हैं, जो इतने उतार-चढ़ाव के बावजूद आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं कि केवल प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरा देश आज इन खिलाड़ियों का अभिनंदन कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस बार पैरालंपिक में भारत के 54 खिलाड़ियों ने भाग लिया और 19 मेडल जीते। अगली बार के लिए लक्ष्य देते हुए उन्होंने कहा कि अगले पैरालंपिक में भारत की ओर से 100 खिलाड़ी भाग लें और कम से कम 50 पदक लेकर आएं। उन्होंने खिलाड़ियों से कहा की वे मेडल के पीछे न भांगें बल्कि अपनी बेस्ट परफॉरमेंस दें, मेडल अपने आप आ जायेगा।
पैरालंपिक खिलाड़ियों ने अपने भाव सांझे किये, कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हमने हरियाणा में जन्म लिया
सम्मान समारोह में बोलते हुए पैरालंपिक खिलाड़ियों ने उन्हें सम्मानित करने के लिए उप-राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि वे सभी गर्व और बेहद भाग्यशाली महसूस करते हैं कि उन्होंने हरियाणा में जन्म लिया। उन्होंने राज्य की खेल नीति को सबसे अच्छी बताया और आश्वस्त किया कि हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन जारी रखेंगे। अगली बार निश्चित रूप से अधिक पदक जीतेंगे।ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने कहा कि पैरालंपिक खिलाड़ियों ने अपने जीवन में इतनी चुनौती होने के बावजूद यह मुकाम हासिल किया है, जिसके लिए पूरा देश उनका सम्मान कर रहा है। हम सभी को इनसे प्रेरणा लेकर खेलों में आगे बढ़ने का संकल्प लेना चाहिए।
ये खिलाड़ी हुए सम्मानित
कार्यक्रम के दौरान पैरालंपिक में शूटिंग (मिक्सड पी4 50 मीटर पिस्टल) कैटेगरी में स्वर्ण पदक विजेता मनीष नरवाल और जैवलिन एफ-64 में स्वर्ण पदक विजेता सुमित अंतिल को 6-6 करोड़ रुपये की राशि पुरस्कार स्वरूप दी गई।इसी प्रकार, डिस्क थ्रो में रजत पदक विजेता योगेश कथुनिया को 4 करोड़ रुपये, शूटिंग (मिक्सड पी4 50 मीटर पिस्टल) कैटेगरी में रजत पदक विजेता व पुरुष शूटिंग (पी1 10 मीटर एयर पिस्टल) कैटेगरी में कांस्य पदक विजेता सिंह राज अधाना को 4 करोड़ रुपये व 2.5 करोड़ रुपये तथा तीरंदाजी में कांस्य पदक विजेता हरविंदर सिंह को 2.5 करोड़ रुपये की राशि पुरस्कार स्वरूप दी गई।इसके अलावा, तरुण ढिल्लों, नवदीप सिंह और विनोद कुमार को 50-50 लाख रुपये दिए गए। इसी प्रकार, प्रतिभागी खिलाड़ियों, अरुणा तंवर, दीपक सैनी, राहुल जाखड़, जयदीप देसवाल, रणजीत भट्टी, रामपाल, धरमबीर, अमित कुमार सरोहा, टेकचंद, अरविंद मलिक, एकता भयान को 15-15 लाख रुपये प्रोत्साहन राशि स्वरूप वितरित किए गए। समारोह में ओलंपिक में जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा, कुश्ती में रजत पदक विजेता रवि कुमार दहिया तथा कांस्य पदक विजेता पुरुष हॉकी टीम के खिलाड़ी सुमित को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।इस अवसर पर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़, हरियाणा सार्वजानिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन सुभाष बराला, मुख्यमंत्री के पब्लिक सेफ्टी एडवाइजर अनिल राव, श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री अनूप धानक, विधायक संजय सिंह, सत्यप्रकाश जरावता, सीमा त्रिखा, खेल एवं युवा मामले विभाग के प्रधान सचिव ए के सिंह, खेल एवं युवा मामले विभाग के महानिदेशक पंकज नैन, गुरुग्राम के मंडल आयुक्त राजीव रंजन, पुलिस आयुक्त के के राव, उपायुक्त यश गर्ग, अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।