अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नॉएडा: एनटीपीसी प्लांट पर प्रदर्शन के दौरान किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में किसानों का धरना 2 नवंबर से चल रहा है। आज हजारों किसान जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल है, किसानों की रिहाई और लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर एलजी गोल चक्कर से लेकर डीएम दफ्तर तक पैदल मार्च निकाला.और डीएम दफ्तर का घेराव कर वहीं पर धरना प्रदर्शन कर रहे है। पैदल मार्च कर डीएम दफ्तर पर धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों में भारी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं। जिला प्रशासन ने किसानों से बुधवार तक का समय मांगा है, जिसके बाद किसानों का साफ तौर पर कहना है कि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह लोग जिलाधिकारी दफ्तर के लिए पैदल कूच करेंगे और उसका घेराव करेंगे और फिर वहीं पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
आज अपनी मांगो को लेकर हजारों प्रदर्शन कारी डीएम दफ्तर का घेराव कर प्रदर्शन कर रहे है। इन लोगों की मांगे हैं कि सभी किसानों को बिना शर्त रिहा किया जाए, किसानों पर लगाए गए मुकदमे वापस लिए जाएं और किसानों पर लाठीचार्ज करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। इन सभी मांगों को लेकर इन लोगों का धरना प्रदर्शन चल रहा है। पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की जा रही है। किसानों नेताओं ने बताया कि 1984 में एनटीपीसी प्लांट के लिए 24 गांव की जमीन का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन उस दौरान मुआवजा बांटने में अनियमितताएं बरती गई थी।
किसानों को एक समान मुआवजा नहीं दिया गया था। किसान लंबे समय से एक समान मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन करते आ रहे हैं। इसके अलावा रोजगार, गांवों में विकास को लेकर भी लंबे समय से प्रदर्शन किया जा रहा है। एक नवंबर को जब एनटीपीसी प्लांट पर किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। उसी दौरान पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया और वाटर कैनन से पानी की बौछार की गई। इस दौरान कई किसान घायल भी हुए। इसके साथ ही पुलिस ने 500 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और एक दर्जन किसानों को जेल भेज दिया। 12 किसान अभी भी जेल में है, जिन्हें प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया था।
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