अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
कांग्रेस पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को पदयात्रा के दौरान इंदौर, मध्यप्रदेश में आयोजित सातवें प्रेस वार्ता में पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए, एक प्रश्न पर कि आज ही के दिन 28 नवम्बर 2018 को मध्य प्रदेश में हुए चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी, आज भी प्रेस कांफ्रेंस हो रही है, मध्य प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा को खासा समर्थन मिला है, एक मोमेंटम दिख रहा है, इसको आगे के राज्यों में कैसे बरकरार रखा जाएगा, राहुल गांधी ने कहा मैं नमरोलॉजी में तो बिलीव नहीं करता हूँ। तो नंबर्स पर इन चीजों को मैं बेस नहीं करता हूँ, पर मैं आपको ये कह सकता हूँ कि कन्याकुमारी से मध्य प्रदेश तक जनता का प्यार, भरोसा, जनता की शक्ति इस यात्रा को मिली है।
जब यात्रा शुरु हुई थी, तो मीडिया ने कहा था कि केरल में तो यात्रा सक्सेसफुल रहेगी, मगर कर्नाटक में प्रॉब्लम आएगी। फिर हम कर्नाटक गए तो मीडिया ने कहा, साउथ इंडिया में तो यात्रा अच्छी चलेगी, मगर साउथ से निकलने में प्रॉब्लम होगा, फिर तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में वही हुआ, जो कर्नाटक में हुआ, फिर हम महाराष्ट्र में आए, तो फिर मीडिया ने कहा, हिंदी बेल्ट में प्रॉब्लम होगी, महाराष्ट्र में यात्रा बहुत बढ़िया, अब मध्य प्रदेश में आए, अब मीडिया कह रही है, मध्य प्रदेश में बहुत अच्छा रेस्पॉन्स मिला, लेकिन राजस्थान में प्रॉब्लम होगी। तो देखते जाइए, क्योंकि ये जो यात्रा है, ये कांग्रेस पार्टी से अब आगे निकल गई है। ये यात्रा हिंदुस्तान की जो समस्या है, हिंदुस्तान के दिल में, हिंदुस्तान की आत्मा में जो आवाज है, अब ये यात्रा उसको उठा रही है, तो ये कहाँ पहुंचेगी, कहाँ नहीं पहुंचेगी, अब कोई नहीं बोल सकता है
इसमें दूसरी चीज बड़ी इंट्रेस्टिंग है, मैं कह रहा हूँ, मैं दोहराता जा रहा हूँ, कि इस यात्रा मे किसी को थकान नहीं हो रही है। जो भी चल रहा है, आपको अजीब नहीं लगता, तो इस यात्रा में जो भी चल रहा है, चाहे वो 10 किलोमीटर चल रहा है, 25 किलोमीटर चल रहा है, जो भी, जितना भी चल रहा है, थकान किसी को नहीं हो रही है। आज एक लड़की आई मेरे पास, उसने कहा कि जैसे ही मैंने यात्रा शुरु की, पहले 15 मिनट मैंने सोचा, मैं कैसे चल पाऊँगी और 15-20 मिनट बाद जो भी मेरे माइंड में थकान थी, जो भी डर था, वो निकल गया, तो ये बड़ी इंट्रैस्टिंग बात है।
ईडबल्यूएस आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संबंधित एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा के क्लियर लक्ष्य हैं, मैं इस यात्रा को डिस्ट्रैक्ट नहीं करना चाहता। इस यात्रा के पीछे सोच है, सबसे पहले जो हिंदुस्तान में नफरत, हिंसा और डर फैलाया जा रहा है, उसके सामने खड़े हुए हैं और इसका सेन्ट्रल आईडिया कि जनता की आवाज को सुनना सबसे जरुरी चीज है, उसके बाद जो देश में बेरोजगारी है, और ये यात्रा बेरोजगारी के खिलाफ और जो महंगाई बढ़ रही है, उसके खिलाफ है। मैं ज्यादा पॉलिटिकल मुद्दे इस यात्रा में रेज (Raise) नहीं करना चाहता हूँ और इस यात्रा को मैं डायवर्ट नहीं करना चाहता हूँ औऱ जो जनता कह रही है और जो फीडबैक हमें मिल रहा है, उसके बारे में हम आपसे जरुर बात कर रहे हैं।
एक अन्य प्रश्न पर कि भारत जोड़ो यात्रा में क्या गैर राजनीतिक लोग जुड़ रहे हैं, क्या कहेंगे,राहुल गांधी ने कहा कि आज एक मैं आपको बात बताऊँ, आज एक आरएसएस के व्यक्ति आए। मुझे उन्होंने कहा, मैं आरएसएस का हूँ, मैं यहाँ आज आपका स्वागत करने आया हूँ, मैंने कहा आइए।
एक अन्य प्रश्न पर कि इस यात्रा को जिस प्रकार से समर्थन मिल रहा है, इससे क्या आपको लगता है कि एक मजबूत प्रतिपक्ष की तरफ आप बढ़ेंगे, राहुल गांधी ने कहा कि मेरे साइड से ये मेरे जिम्मेदारी है और एक तरह से मेरी तपस्या है। जो तपस्या करता है, वो किसी कारण से तपस्या नहीं करता है कि मैं ये चाहता हूँ, मैं वो चाहता हूँ, या वो चाहता हूँ (इशारा करते हुए कहा), मुझे कोई इंट्रैस्ट नहीं है। मुझे लगा कि इस देश में जो नफरत और हिंसा फैलाई जा रही है, वो इस देश के लिए खतरनाक है। इस देश को नुकसान पहुंचाएगी और मैंने सोचा कि मेरी जिम्मेदारी क्या है? मेरे दिमाग में आया कि मैं इस नफरत के खिलाफ, हिंसा के खिलाफ, डर के खिलाफ कुछ करूँ। ये जो आप देख रहे हैं, ये जो भारत जोड़ो यात्रा है, वो ये है और ये भावना सिर्फ मेरे में नहीं है, ये भावना बहुत सारे लोगों में है। कांग्रेसियों में हैं, नॉन कांग्रेसियों में है औऱ बीजेपी के लोगों में भी है। बहुत सारे बीजेपी के लोग भी सोचते हैं कि जो देश में हो रहा है, वो सही नहीं हो रहा है। मीडिया के साथ जो हो रहा है, इंस्टीट्यूशन्स के साथ जो हो रहा है, जनता के साथ, गरीबों के साथ, किसानों के साथ, मजदूरों के साथ जो हो रहा है, जो कॉन्सन्ट्रेशन ऑफ वेल्थ (Concentration of wealth) हो रहा है, भयंकर कॉन्सन्ट्रेशन ऑफ वेल्थ हो रहा है, इसके खिलाफ बहुत सारे लोग हैं। मगर कुछ सोचकर नहीं किया मैंने कि इससे ये फायदा मिलेगा, या इससे वो फायदा मिलेगा, इससे मुझे कुछ भी न मिले, तब भी ये मेरी जिम्मेदारी है और इसको मैं करूँगा, पूरा करूँगा।
एक प्रश्न पर कि जिन लोगों ने कांग्रेस की सरकार पिछली बार गिरा दी क्या उनके लिए कांग्रेस के दरवाजे यथावत खुले रहेंगे, या नहीं,राहुल गांधी ने कहा कि ये सवाल आपको कांग्रेस प्रेसीडेंट और जो कांग्रेस की मध्य प्रदेश की लीडरशिप है, उनसे पूछना चाहिए। मेरा ओपिनियन है कि अगर वो लोग खरीदे गए हैं, पैसे से खरीदे गए हैं, तो उन पर भरोसा नहीं करना चाहिए।