अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सहकार से समृद्धि के लक्ष्य को केंद्र में रखकर अस्तित्व में आये सहकारिता मंत्रालय के पहले सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज शनिवार को नई दिल्ली के इंदिरा गाँधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित अपनी तरह के पहले और अनूठे सहकारी समागम में सहकारिता से जुड़े लोगों को संबोधित किया। कार्यक्रम में सहकारिता राज्य मंत्री बी. एल. वर्मा और इंटरनैशनल को-आपरेटिव एलांयस (ग्लोबल) के अध्यक्ष डॉ. एरियल ग्वार्को भी उपस्थित थे। इस सम्मेलन में सभा स्थल पर देशभर के अलग-अलग राज्यों एवं विभिन्न सहकारी क्षेत्रों के लगभग 2,100 से अधिक सहकारी बंधु उपस्थित रहे जबकि दुनिया भर से करोड़ों सहकारी जन कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े। इस कार्यक्रम से लगभग 6 करोड़ लोग वर्चुअली जुड़े। ट्विटर पर #SahkarSeSamriddhi लगातार ट्रेंड करता रहा। ज्ञात हो कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया था। आम बजट-2021 में सरकार ने सहकारिता मंत्रालय के गठन की घोषणा की थी।
देश में सहकारिता आंदोलन को मज़बूत करने एवं सहकारी समितियों के लिए ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस के लिए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने हेतु गठित सहकारिता मंत्रालय का
मूल मंत्र है सहकार से समृद्धि। यह कार्यक्रम भारत की अग्रणी सहकारी संस्था इफको, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ, अमूल, सहकार भारती, नैफेड, कृभको एवं समस्त सहकारी परिवार के तत्वाधान में रहा है। श्री शाह ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्यक्रम में इफ्को (IFFCO) के चेयरमैन बलविंदर सिंह नकई ने स्वागत भाषण दिया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि सहकारिता आंदोलन भारत के ग्रामीण समाज की प्रगति करेगा और एक नई सामाजिक पूंजी की अवधारणा भी खड़ी करेगा। भारत की जनता के स्वभाव में सहकारिता घुल मिल गई है, ये कोई उधार लिया विचार नहीं है। भारत में सहकारिता आंदोलन कभी भी अप्रासंगिक नहीं हो सकता। पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी को विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी हमारे जैसे पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा के अदम्य स्रोत हैं। अंत्योदय और एकात्म मानववाद के सिद्धांत के मूल में ही सर्वांगीण विकास का सार निहित है। इस दिन यह सहकारिता सम्मेलन आयोजित हुआ है, इस बात की मुझे अत्यंत ख़ुशी है। केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि गरीब कल्याण और गरीब उत्थान, बिना सहकारिता के सोचा नहीं जा सकता। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में जब सहकारिता आंदोलन को सबसे अधिक जरूरत थी, तब देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सहिकारिता से समृद्धि के स्वप्न को साकार करने हेतु स्वतंत्र सहकारिता मंत्रालय बनाया। मैं इसके लिए आप सभी की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बहुत-बहुत धन्यवाद और साधुवाद देना चाहता हूँ। उन्होंने सम्मेलन में उपस्थित सहकारिता से जुड़े सभी बंधुओं से अपनी-अपनी जगह खड़े होकर सहकारिता मंत्रालय बनाने के लिए ताली बजा कर प्रधानमंत्री का धन्यवाद करने का आह्वान भी किया। उन्होंने अपनी ओर से प्रधानमंत्री को उन्हें देश का पहला सहकारिता मंत्री बनाने के लिए विशेष रूप से धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें ये सम्मान मिलना बहुत गौरव की बात है। शाह ने कहा कि देश के विकास में सहकारिता बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है। वर्तमान में भी सहकारी संस्थाएं देश के विकास में अभूतपूर्व योगदान दे रही हैं।
और उससे देश को समृद्ध बनाना, यही हमारा लक्ष्य है।