अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य में अधिक से अधिक उद्योगों को आकर्षित करने के लिए उनको “हरियाणा इंटरप्राइजेज एंड एम्पलॉयमेंट प्रोमोशन पॉलिसी-2020” के तहत 20 वर्ष तक बिजली शुल्क में छूट दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पहले यह छूट केवल 10 वर्ष के लिए ही लागू थी। इसके अलावा, उन उद्योगों को 48 हजार प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष सब्सीडी दी जाएगी जो हरियाणा के व्यक्तियों को अपने उद्योग में रोजगार देंगे, यह सब्सीडी 7 वर्ष तक जारी रहेगी।
उन्होंने बताया कि ‘स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स’ की एवज में अधिकतम 10 वर्ष के लिए 100 फीसदी इन्वेस्टमेंट सब्सीडी भी देकर निवेशकों को विशेष लाभ देने की दिशा में कदम उठाया गया है। डिप्टी सीएम ने बताया कि धान की पराली व अन्य फसलों के अवशेषों के प्रबंधन के लिए लगाए जाने वाले उद्योगों के लिए भी इस पोलिसी में विशेष छूट देने की योजना बनाई है ताकि राज्य बिजली के क्षेत्र में जहां आत्मनिर्भर बन सके वहीं प्रदूषण से देश-प्रदेश को छूटकारा मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि एचईईपी का प्रारूप फाइनल कर लिया गया है, जल्द ही इसे राज्य में लागू कर दिया जाएगा। उप मुख्यमंत्री मंगलवार को यहां “हरियाणा इंटरप्राइजेज एंड एम्पलॉयमेंट प्रोमोशन पॉलिसी-2020” से संबंधित अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि उद्योग एवं वाणिज्य विभाग द्वारा तैयार की गई नई औद्योगिक नीति एचईईपी में जहां देश की 151 औद्योगिक एसोसिएशनों से सुझाव लिए गए हैं, वहीं गुजरात, महाराष्ट्रा, आंध्र प्रदेश, उत्तरप्रदेश, तेलंगाना, पंजाब और राजस्थान समेत अन्य राज्यों की औद्योगिक नीतियों का भी अध्ययन किया गया है ताकि हरियाणा के लिए बनने वाली पोलिसी सर्वोत्कृष्ट बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि ड्राफ्ट-पॉलिसी को करीब एक महीने तक पब्लिक-डोमेन में अपलोड की गई ताकि स्टेकहोल्डर इसका अध्ययन कर अपने सुझाव दे सकें। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख प्रधान सचिव डी.एस ढेसी, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव ए.के सिंह व निदेशक साकेत कुमार, अतिरिक्त निदेशक वजीर सिंह, उपमुख्यमंत्री के ओएसडी कमलेश भादू के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।