अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज ये चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण चुनाव है। इसलिए महत्वपूर्ण है कि 27 साल से बीजेपी की सरकार यहाँ पर अस्तित्व में है औऱ 8- 9 साल से केन्द्र में मोदी जी प्रधानमंत्री बनकर बैठे हैं, इतना होते हुए भी, इतने साल हुकुमत करने के बावजूद भी क्यों यहाँ पर पानी कि किल्लत है? क्यों आदिवासियों पर अन्याय और अत्याचार बढ़ता जा रहा है? 2-3 साल के मुकाबले में अगर आप सोचेंगे, तो 17 प्रतिशत अत्याचार बढ़ गया है। राज्य में भी बीजेपी की सरकार, केन्द्र में भी बीजेपी की सरकार और मोदी जी तो हर वक्त आकर यही कहते हैं कि मुझे देखकर वोट दो, मोदी को वोट दो। तो लोग तो मोदी को ही वोट दे रहे हैं, 27-28 साल से, फिर भी अत्याचार क्यों कम नहीं हो रहे है, इसकी वजह क्या है? क्योंकि वो ये नहीं चाहते कि दीन, दलित, आदिवासी, इनकी समस्या हल हो जाए। वो सिर्फ अमीरों की तरफ देखते हैं, अडानी-अंबानी की तरफ देखते हैं। बड़े-बड़े जो अमीर लोग हैं, उनकी संपत्ति तो हर साल इनके दौर में बढ़ रही है और गरीब की संपत्ति रोज की रोज घट रही है। उसको जो मजदूरी मिलनी है, वो भी नहीं मिल रही है।
ये शुक्र है कि इंदिरा गांधी जी, सोनिया गांधी जी, राजीव गांधी जी, ऐसे नेताओं ने गरीबों के लिए कुछ योजनाएं बनाईं, उसका फायदा गरीबों को हो रहा है, थोड़ा कुछ गरीब सांस लेते-लेते जी रहा हैं, लेकिन मोदी जी का गरीबों के बारे में क्या काम है, अगर वो बताएंगे, तो हमको बड़ी खुशी होगी। वो सिर्फ हमेशा यही कहते हैं, कांग्रेस ने 70 साल में क्या किया? कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता, वल्लभभाई पटेल ने क्या गुजरात के लिए कुछ नहीं किया, क्या मोरारजी देसाई कांग्रेस के थे, उन्होंने भी कुछ नहीं किया? ऐसे मैं अनेक नाम गिना सकता हूँ। अमर सिंह जी, जिन्होंने 75 प्रतिशत नर्मदा का काम पूरा करके दिया और बाकी का 20-25 प्रतिशत काम इनके जमाने में हुआ, उसी को कहते हैं कि हमने नर्मदा का काम किया, हमने वल्लभ भाई पटेल का स्टेचु बनाया। हम पूछते हैं कि नर्मदा का डैम किसने ये प्रारम्भ किया? ये तो पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने 1961 में 5 अप्रैल को इसकी बुनियाद रखी थी, तब से ये काम चलता रहा और 4 राज्यों में इस पानी का मसला होने की वजह से वो धीरे-धीरे चलता रहा, लेकिन अमर सिंह के जमाने में इसको खूब बढ़ावा मिला। कांग्रेस के जमाने में इसको ज्यादा से ज्यादा पैसा देकर आगे बढ़ाया, अब वो कंप्लीट हो गया है और कंप्लीट हुआ, लोगों को फायदा हो रहा है। एक तरफ पीने के पानी की व्यवस्था हो रही है, एक तरफ खेती के लिए इरीगेशन की एक सहूलियत मिल रही है।
जिस गुजरात में 1960 से पहले अनाज का भंडार यहाँ पर खाने के लिए लोगों को 34 लाख टन चाहिए था और पैदावार कितनी होती थी- सिर्फ 16 लाख टन। तो ये जो लोगों का पेट भरने का काम, जो देश में ग्रीन रेवोल्यूशन और हरित क्रांति और पानी देने का काम किसने किया? जहाँ 16 लाख टन की उत्पादकता होती थी और 16 लाख वहाँ पर अनाज कम होता था, तो ये लोगों का पेट भरने का किसने काम किया- वो तो कांग्रेस ने किया न। फिर भी हमसे पूछते हैं कि आपने क्या किया? हमने तो यही किया, नर्मदा डैम शुरु किया, 75 प्रतिशत काम किया।व्हाइट रेवोल्यूशन, हरित क्रांति के बाद हमने दूध का उत्पादन बढ़ाया। आज आनन्द डेरी सारे हिंदुस्तान में मशहूर है, क्या ये भी आपने शुरु किया है? ये आनन्द डेरी, अमूल, ये सारी चीजें मोदी साहब के जमाने में हुई, मैं पूछता हूँ? मुझे नहीं, आपको मालूम है, मैं तो कर्नाटक से आता हूँ, क्या उनके जमाने में शुरु हो गई? तो ये भी मैंने किया, वो कहते हैं। कुछ भी पूछो, वो हमने किया। बीजेपी ने किया, मेरे आने के बाद हुआ, इसलिए मुझे वोट दो।मैंने इसलिए कहा परसों, पंचायत के इलेक्शन हों, जिला पंचायत के इलेक्शन हों, भाईयों और बहनों, मुझे देखकर वोट दो, मेरी तरफ देखो, मेरे लिए वोट दो, अरे फिर यहाँ जिला पंचायत मेम्बर क्या काम करेंगे? फिर यहाँ पर तालुका पंचायत या पंचायत अध्यक्ष क्या काम करेगा, फिर एमएलए का क्या काम है? सब काम अगर मोदी जी को देखकर ही करना है, सभी जगह अगर वही आते हैं, तो फिर दूसरों की क्या जरुरत है, वो अकेले ही कर लें।लेकिन अगर हम कहें, वो अकेले ही करना चाहते हैं, अकेले ही क्रेडिट लेना चाहते हैं, वो हमेशा, जरा अच्छा नहीं लगता उनको क्योंकि वो ये हम कुछ सच बात कहते हैं, तो जरा बुरा लगता है और जो आदमी अपने काम में कमजोर होता है, उसको तो और बुरा लगता है। अगर आप सब कुछ ठीक करें, अगर आपने सब कुछ अच्छा किया है, तो फिर हर असेम्बली में 2-2 मीटिंग क्यों ले रहे हैं? गुजरात में, अहमदाबाद में, सूरत में, बड़ौदा में, और दूसरे सिटी में भी आप गली-गली घूम रहे हैं। आज उनका रोड़ शो है। कितना किलोमीटर घूम रहे हैं, 50 किलोमीटर।एक प्राईम मिनिस्टर वोटों के लिए अगर 50 किलोमीटर की रैली अहमदाबाद में कर सकते हैं, तो उनकी हालत कैसी हो गई है, उनकी हालत पतली हो गई है। इसलिए तो फिर रहे हैं, नहीं तो एक प्रधानमंत्री दो जगह, चार जगह, छः जगह एक स्टेट में आते हैं, अपनी पॉलिसी मैटर बताते हैं, देश के लिए उन्होंने क्या किया वो कहते हैं या राज्य के लिए कुछ देना है, उसकी बात करते हैं। लेकिन यहाँ तो दिल्ली से लेकर अहमदाबाद तक वो फिरते ही रहते हैं और हमें बोलते हैं कि कांग्रेस ने क्या किया। अगर हमारे मन की बात हम बोलें, क्योंकि उनके मन की बात तो हर 8 दिन में एक बार आती है, अरे हम तो लोगों से जो चीजें हमें मालूम होती हैं, वो सुनकर, उनकी तकलीफ को सुनकर हम जनता के मन की बात उनको सुनाना चाहते हैं, लेकिन वो सुनने के लिए तैयार नहीं। दूसरी चीज, अब मनरेगा जैसी योजना को भी, जब उनकी सरकार आई, हमेशा मजाक उड़ाते रहे। हमने एक बार अपने तकरीर में लोकसभा में कहा कि मोदी साहब, आपने मनरेगा योजना को बहुत कम पैसा दिया है। गरीब के आज हाथ में कोई काम है तो वो मनरेगा जैसी चीजें ही उनको बचा रही हैं, तो क्यों कम किया? तब उन्होंने उत्तर में क्या कहा, आपने सुना होगा, देखा होगा और जो टीवी देखते होंगे, उनको मालूम होगा, उन्होंने कहा- खरगे साहब, हम मनरेगा योजना को खत्म नहीं करेंगे, वो तो आपका जीता जागता स्मारक है। देखो, गरीबों के लिए हमने जो काम किया, वो योजना हमारे लिए स्मारक बनी, लेकिन कोविड में जब गुजरात में लाखों लोग मर रहे थे, अगर किसी ने बचाया, तो मनरेगा योजना ने बचाया, हमारी योजना ने बचाया। तीन लाख लोग, जिस जगह डबल इंजन की सरकार है, वो डबल इंजन फेल हुआ, तीन-चार लाख कोविड में मर गए और छोटा सा एक पुल वो बनाते हैं मोरबी में, तो उन्होंने उद्घाटन
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