अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नोएडा:सेक्टर-100 स्थित लोटस बुलेवर्ड सोसाइटी में एक श्रमिक अबोध बच्चे की आवारा कुत्तों के द्वारा घायल करने से हुई मौत के बाद सोसायटी के लोगों ने बच्चे की आत्मा की शांति के लिए शांतिपूर्ण तरीके से कैंडल मार्च निकाला और उसे श्रद्धांजलि दी।
इस दौरान सोसाइटी के लोग कुत्ते के आक्रामक रवैया से दहशत में भी दिखे और नोएडा अथॉरिटी के उदासीन रवैये से आहत भी नजर आ रहे थे। कैंडल मार्च के दौरान उन्होंने अपना विरोध भी दर्ज कराया और प्रशासन और नोएडा अथॉरिटी से इस समस्या से निजात दिलाने की गुहार भी लगाई।
लोटस बुलेवार्ड सोसायटी निवासी हाथों में मोमबत्ती अबोध बच्चे के मौत पर श्रद्धांजलि देते नज़र आये वही बच्चों के हाथों में प्ले कार्ड लेकर चल रहे थे उस पर लिखा है सेव मी फ्रॉम स्ट्रीट डॉग स्लोगन बता रहा है कि स्ट्रीट डॉग की समस्या से लोग किस कदर परेशान है। उनका कहना है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने आवारा कुत्ते से लोगों को राहत देने के लिए कोई पहल नहीं की है। सोसाइटी में कुत्तों के आतंक के कारण वे अच्छे खासे दहशत में जी रहे हैं। लोग नोएडा अथॉरिटी से इस समस्या निजात दिलाने की गुहार लगा रहे हैं।
उनका कहना है कि आवारा कुत्तों के हमले के जैसे छोटे बच्चों का बाहर खेलना बंद हो गया है। कई लोग अपने बच्चों को कुत्तों के भय से स्कूल भेजने में भी चिंतित रहते हैं। बच्चों को साथ लाते हुए हर वक्त हाथ में डंडा होने के बावजूद चेहरे पर भय की स्पष्ट लकीर दिखाई देती है। सोसायटी के लोगों का कहना है कि कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है पिछले 6 माह में स्ट्रीट डॉग के काटने की तीन घटनाएं हो चुकी है,
नोएडा अथॉरिटी के उदासीन रवैये के कारण, लेकिन बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी अथॉरिटी के तरफ से कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। इसका नतीजा है कि एक अबोध बच्चे की जान चली गई। लोगों का कहना है कि आवारा हो या पालतू कुत्तों का आतंक और उनके आक्रामक होते रवैया का कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है। इसका कारण है कि कुत्तों को लेकर प्रशासन और नोएडा प्राधिकरण कि कोई स्पष्ट नीति नहीं बनी है।
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