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गुडगाँव

समीरपाल सरो के साथ बंधवाड़ी सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का निरीक्षण किया

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरूग्राम: नेशनल ग्रीन ट्रायब्यूनल (एनजीटी) द्वारा गुरूग्राम और फरीदाबाद में सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लान को लेकर गठित माॅनिटरिंग कमेटी के चेयरपर्सन जस्टिस (सेवानिवृत) प्रीतमपाल ने आज हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय के निदेशक समीरपाल सरो के साथ बंधवाड़ी सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का निरीक्षण किया और पिछले एक महीने में यहां हुए सुधार कार्यो की सराहना की। उन्होंने बंधवाड़ी प्लांट में नगर निगम गुरूग्राम तथा इकोग्रीन कंपनी द्वारा बनाए गए लीचैट संग्रहण टैंक का उद्घाटन भी किया। जस्टिस प्रीतमपाल के साथ पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सेवानिवृत अधिकारी बाबू राम भी थे। इस दल ने आज बंधवाड़ी सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का दौरा किया और कचरा निस्तारण व लिचैट ट्रीटमेंट के बारे में समझा।

जस्टिस प्रीतमपाल ने इस कार्य में आए सुधार की सराहना की और इसमें तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्हें दिखाया गया कि बंधवाड़ी प्लांट में कचरे से निकलने वाले लिचैट की स्टोरेज के लिए दो बड़े टैंक बनाए गए हैं, जिनमें रबड़ की डबल शीट बिछाई गई है ताकि लिचैट जमीन के अंदर ना जाए। पूछने पर बताया गया कि यह रबड़ शीट लगभग 15 से 20 वर्ष तक खराब नहीं होती, उससे पहले इस लिचैट को ट्रीट कर दिया जाएगा। जस्टिस प्रीतमपाल को दोनों टैंक दिखाए गए। जस्टिस प्रीतमपाल को कूड़ा छांटने की बैलेस्टिक स्पै्रशन विधि और कूडे़ से खाद् व आरडीएफ बनाने के बारे में अवगत करवाया गया। उन्हें दिखाया गया कि किस प्रकार से प्लांट में कूडे़ का निस्तारण किया जा रहा है। नगर निगम के अधिकारियों ने जस्टिस प्रीतमपाल को बताया कि कूड़े से निकलने वाले लिचैट को दो तरीकों से वर्तमान में ट्रीट किया जा रहा है। दोनों तरीकों से ट्रीट होने के बाद मिले पानी के नमूने दिखाए गए। ट्रीट होने से पहले तथा उसके बाद के नमूनों को देखकर जस्टिस प्रीतमपाल काफी प्रभावित हुए। वे दोनों नमूने अपने साथ ले गए। ट्रीट होने से पहले लिचैट बहुत ही गंदा दिखाई दे रहा था लेकिन नए तरीके से ट्रीट होने के बाद वह साफ पानी के समान, बदबू रहित तथा ट्रांसपेरेंट दिखाई दे रहा था। जस्टिस प्रीतमपाल ने इस बात की सराहना की कि प्लांट पर लिचैट ट्रीटमेंट का कार्य बहुत ही वैज्ञानिक तरीके से हो रहा है।



प्लांट में जस्टिस प्रीतमपाल को दिखाया गया कि कचरे से किस प्रकार कंपोस्ट खाद बनाई जा रही है। निरीक्षण से पहले नगर निगम तथा इकोग्रीन के अधिकारियों द्वारा एक प्रैजेन्टेशन भी दी गई जिसमें यह बताया गया था कि गत तीन सप्ताह में यहां क्या-क्या सुधार हुआ है, जिसे देखकर उन्होंने नगर निगम व इकोग्रीन के अधिकारियों की पीठ थपथपाई। उन्हें बताया गया कि कचरा उठाने वाली सभी 273 गाड़ियों पर जीपीएस सिस्टम लगा हुआ है। इस सिस्टम को जस्टिस प्रीतमपाल ने लैपटाॅप पर देखा भी, जिसमें गाड़ियों की लोकेशन दिखाई दे रही थी। इस अवसर पर उनके साथ शहरी स्थानीय निकाय के निदेशक समीर पाल सरो, गुरूग्राम नगर निगम के आयुक्त यशपाल यादव, एडीशनल मुनीसीपल कमीशनर वाई एस गुप्ता, संयुक्त आयुक्त हरीओम अत्री, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी, नगर निगम के मुख्य अभियंता एन डी वशिष्ठ, नगर निगम में स्वच्छता का कार्य देख रहे कार्यकारी अभियंता सौरभ नैन, स्वतंत्र एक्सपर्ट सोनिया दुहान, इकोग्रीन एनर्जी के चेयरमैन डा. जार्ज येनकी, सीईओ विशाल गुप्ता, डिप्टी सीईओ संजय शर्मा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव जोशी, प्लांट के महाप्रबंधक रमेश शर्मा भी उपस्थित थे।

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