अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:एनआईटी डीसीपी विक्रम कपूर आत्महत्या के मामले में मुख्य आरोपी भूपानी थाने के एसएचओ रहे अब्दुल सईद को सेक्टर-30,क्राइम ब्रांच के इंचार्ज विमल कुमार के नेतृत्व में गठित एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया और उसे निलंबित कर दिया गया हैं. पकड़े गए इंस्पेक्टर अब्दुल सईद को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया था। शुक्रवार को आरोपी अब्दुल सईद को अदालत में पेश किया जाएगा। तक़रीबन 34 घंटों के पूछताछ के बाद भी एसआईटी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई हैं। आपकों बतादे कि गठित की गई एसआईटी टीम के लिए बहुत ही मुश्किल हैं आरोपी अब्दुल सईद से राज उगलवाना।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह के मुताबिक एनआईटी डीसीपी विक्रम कपूर आत्महत्या के मामले में एक एसआईटी टीम गठित की गई हैं.जोकि एसीपी क्राइम अनिल कुमार की देख रेख में इस केस की जांच करेंगें। जिनके सदस्य क्राइम ब्रांच,सेक्टर- 30 के इंचार्ज विमल कुमार,उप-निरीक्षक रविंद्र कुमार व सतीश हैं, जो करीब 34 घंटों की कड़ी पूछताछ के बाद आरोपी इंस्पेक्टर अब्दुल सईद को गिरफ्तार किया हैं। बताया गया हैं कि एक बराबर के अधिकारी व दो उससे नीचे के अधिकारी का आरोपी इंस्पेक्टर अब्दुल सईद से कोई भी राज उगलवाना मुश्किल हैं। क्यूंकि आरोपी अब्दुल सईद पुलिस की सबसे ज्यादा सर्विस फरीदाबाद जिले में काटे हैं और सभी बड़े थानों के एसएचओ के पद पर रह चूका हैं। उसे कानून का पूरा अनुभव हैं। महकमें के लोग आरोपी अब्दुल सईद से डरे हुए हैं,मालूम हुआ हैं कि पूछताछ करने वाले पुलिस के लोग डरे हुए हैं,आरोपी इंस्पेक्टर अब्दुल सईद एक बदनाम और बड़े ही शातिर पुलिस इंस्पेक्टर हैं,लोगों को डर हैं कि महीने-पंद्रह दिनों के बाद जब वह जमानत पर बाहर आएगा फिर उसके साथ बुरा बर्ताव कर सकता हैं। तक़रीबन दो दिन होने को हैं,पर एनआईटी डीसीपी विक्रम कपूर आत्महत्या के कारण को नहीं जान पाई हैं पुलिस। पुलिस महकमें में चर्चा हैं कि आरोपी अब्दुल सईद का राजनितिक पहुंच बहुत ज्यादा हैं और कई पुलिस कर्मी से पुलिस महानिदेशक जैसे अधिकारी से तबादले कराने के नाम से पैसे लेता था हैं, का मतलब हैं कि महकमें में रह कर फेरबदल का भी कार्य करता था और भी बहुत सारी बातें जानकारी में आ रहीं हैं पर सब कुछ लिखना अभी ठीक नहीं हैं। क्यूंकि एसआईटी में इस केस की जांच चल रही हैं।