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अपराध नोएडा

अंतरराष्ट्रीय ठगों के गैंग का पर्दाफाश, मास्टरमाइंड चीन का नागरिक समेत पांच अरेस्ट।

अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट 
नोएडा: कोतवाली एक्सप्रेस वे पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है, जो गरीबो को झांसे में लेकर उनके खातों को साइबर ठगों को उपलब्ध करता था और सिम भी उपलब्ध कराया था. पुलिस ने गैंग के मास्टरमाइंड चीनी नागरिक समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इस गैंग के दो सदस्य तिब्बत के नागरिक हैं। इनके कब्जे से 223 सिम,  21 मोबाइल फोन,  दो लैपटॉप,  सात आधार कार्ड, चाइनीस पासपोर्ट दो अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस, विदेशी मुद्रा और भारतीय मुद्रा और अन्य दस्तावेज बराबर किए गए हैं. पुलिस गैंग के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है.
पुलिस के गिरफ्त में खड़ा चीनी नागरिक झू जुनकाई चीन के शहर सांग कांग का निवासी है। उसके साथी मैसूर (कर्नाटक) के तेनजिंग कालसंग और हिमाचल प्रदेश कांगड़ा के त्सेरिंग धोंदुप, लखनऊ के कृष्ण मुरारी और शोभित तिवारी के रूप में हुई है। तेनजिंग कालसंग और त्सेरिंग धोंदुप मूलरूप से तिब्बत के रहने वाले हैं।पुलिस ने तेनजिंग कालसंग के पास से 223 सिम बरामद की है इनमें से 94 नई सिम कार्ड है 114 सिम खाली सिम कार्ड रैपर है और 15 खाली सिम मोबाइल नंबर की चिट पास से मिली है.नोएडा ज़ोन के डीसीपी विद्यासागर मिश्र ने बताया कि इस गिरोह की मॉडस अप्रेंटिस यह थी गैंग के सदस्य कृष्ण मुरारी और शोभित तिवारी लोगों से संपर्क कर उनके बैंक खाते और सिम समेत दस्तावेज ले लेते थे. सेविंग अकाउंट के लिए गरीबों को 3 हज़ार, कॉरपोरेट अकाउंट के लिए 20 हज़ार  दिए जाते थे.गरीबों को दस्तावेज का इस्तेमाल कर सिम निकाले जाते थे जो की आए साइबर ठगी में इस्तेमाल किए जाते थे. डीसीपी ने बताया कि तेनजिंग कालसंग और त्सेरिंग धोंदुप को सिम,  कृष्ण मुरारी और शोभित तिवारी उपलब्ध कराते थे. गैंग के मास्टरमाइंड चीनी नागरिक झू जुनकाई का काम इन चारों का ठगी करने वाले साइबर ठगों से संपर्क कराने था. वह अफ्रीका, दुबई समेत अन्य जगहों पर भी रह रहा था. ऐसे में उसका नाइजीरियाई और अन्य कुख्यात गैंग से संपर्क था. वह विदेश में बैठे साइबर ठगों को खाते उपलब्ध कराया था. इन्हीं खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर होकर बाहर जाती थी. चीनी नागरिक का काम क्लाइंट और कस्टमर के बीच लिंक स्थापित करना था. डीसीपी ने बताया कि चीनी नागरिक के वीजा और पासपोर्ट की जांच की गई तो पता चला कि वह तीसरी बार बिजनेस वीजा पर भारत आया है. उसका वीजा अगस्त 24 तक में बैध्य हैं.चीनी नागरिक का अन्य चारों से सीधा संपर्क है और उसने 20 ऐसे खातों की जानकारी दी जिसमें ठगी की रकम आई है. एक बैंक के खाते में 51 लाख रुपए मिले हैं.

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